धारमिक à¤à¤°à¤·à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° बंद हो

Author
Rajeev ChoudharyDate
12-Sep-2015Language
HindiTotal Views
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UmeshUpload Date
30-Nov-2015Download PDF
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आमतौर पर देखा जाये तो जिस देश में पबलिक शोचालय का लोटा जंजीर में बांधना पडता हो, करोडो रपये के लेन-देन करने वाले बैंक में दो रपये की पेनसिल धागे में बांधनी पडती हो, उस देश को à¤à¤°à¤·à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° मकत देखने का सपना मातर क à¤à¤°à¤® जैसा है। किनत फिर à¤à¥€ जिस परकार सरकारे आरथिक à¤à¤°à¤·à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° या राजनैतिक à¤à¤°à¤·à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° को राषटर के लिये खतरा बन जाने पर कानून परà¤à¤¾à¤µà¥€ करती है। उसी परकार से धारमिक à¤à¤°à¤·à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° जैसे विषय पर à¤à¥€ क बार सरकारो को धयान दिये जाने की आवषयकता है। कयोंकि इस à¤à¤°à¤·à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° की चपेट में समाज का क तबका इस तरीके डूब चका है जिसका बच पाना बहत मशकिल है। लेकिन सरकार चाहे तो कठोर कानून और सामाजिक जागरति आनदोलन क हद तक इससे पार पाया जा सकता है। कयोंकि इस à¤à¤°à¤·à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° में लिपत कोई बडे सेठ,ï€ à¤¸à¤¾à¤¹à¥‚à¤•à¤¾à¤° या करसी पर विराजमान राजनेता नहीं है। बलकि लिपत है, तो कछ ाड-फूंक करने वाले ओा,ï€ à¤œà¤¿à¤¨à¤¹à¥‡à¤‚ देहात की à¤à¤¾à¤·à¤¾ में सयाने और शहरी à¤à¤¾à¤·à¤¾ में बाबा या तातरिंक कहते है। जो खद को सिदध बाबा कहते है। अà¤à¥€ हाल ही में से ही क तातरिक बाबा के कहने पर उततर परदेश के कानपर देहात के सिकंदरा कषेतर में क वयकति दवारा अपनी बेटी की हतया करने का मामला सामने आया। बताया जा रहा है कि उसने अमीर होने के लिये अपनी बेटी की हतया कर दी। आप सोच रहे होगें में इसे धारमिक à¤à¤°à¤·à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° कयों कहा कयोकि ये सारे ककृतय जैसे औलाद के लिये बलि हो, औलाद हो जाये तो धन के लिये बलि, कहीं बरसात के लिये बलि,ï€ à¤¤à¥‹ कहीं बिमारी से निजात पाने के लिये बलि सब के सब धरम की आड में होते है और करवाने वाले बाबा,ï€ à¤¤à¤¾à¤¤à¤°à¤¿à¤• ओा,ï€ à¤–à¤¦ को धरम से जडा बताते है। अà¤à¥€ कछ दिनों पहले की घटना है। मे लिखने में शरम आ रही है,ï€ à¤†à¤ªà¤•à¥‹ पढनें में शरम आयेगी ममबई के घाटकोपर इलाके में पलिस ने यवती से दषकरम करने के आरोप में क तातरिक बाबा को गिरफतार किया है। इस बाबा पर आरोप यह था कि उसने पिडित यवती के पिता की बीमारी ठीक करने के बहाने उसकी 25 वरषीय पतरी को बेहोश कर बलातकार किया।
कारण उस लड़की का पिता बीमार था और ये तांतरिक उसकी आड़ में ाड़फूंक करने बहाने इस अपराध को करने से नही हिचकिचाया | आमतौर देखा जाये तो à¤à¤²à¥‡ ही हम इककीसवीं सदी में परवेश कर गये हो, और हम खद को अंतरराषटरीयसतर पर कितनी à¤à¥€ अचछी छवि में परोसते नजर आ रहे हो पर सच à¤à¤¾à¤°à¤¤ देश का क तबका आज à¤à¥€ बिमारी में असपतालो में जाने के बजाय इन ढोगियों के चककर में फंस जाता है। न जाने औलाद पाने की चाह में कितनी औरते इन बाबाओं की वासना का शिकार होती है। कितनी ओरतों को इन बाबाओ के कहने पर डायन जेसा कालपनिक नाम देकर मारा जाता है, या वासना की पूरति के लि सरेआम बलातकार किया जाता है से किससे अखबारों में रोज पढने सनने को मिलते है और
इन सब ककरतयो में इन लोगो इतनी गलती नही मानता, जितनी à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार की कयोंकि जाने कितने हाजी,ï€ à¤¨à¤®à¤¾à¤œà¥€,ï€ à¤¤à¤¾à¤¤à¤°à¤¿à¤• बाबा अपने विजञापन अखबारो में देते है। जो मनषयों के सब कषटों के निवारण का दावा 5 मिनट में करते है। और सरकार उनके खिलाफ कोई कारवाही नही करती और ये लोग खले तौर इस धारमिक करमकांड की आड में हतया,ï€ à¤¬à¤²à¤¾à¤¤à¤•à¤¾à¤°,ï€ à¤†à¤°à¤¥à¤¿à¤• शोषण, शारारिक शोषण, ï€ à¤µà¤¯à¤¾à¤à¤¿à¤šà¤¾à¤° आदि अपराधो को जनम देते रहते है । जब तक à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार इन तांतरिको के खिलाफ कारवाही नही करेगी तब तक ये धारमिक à¤à¤°à¤·à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° होता रहेगा और देश शरमसार होता रहेगा..
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