राम के मितà¥à¤° महावीर हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ का आदरà¥à¤¶ व अनà¥à¤•à¤°à¤£à¥€à¤¯ जीवन’
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Manmohan Kumar AryaDate
23-Apr-2016Category
संसà¥à¤®à¤°à¤£Language
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UmeshUpload Date
25-Apr-2016Download PDF
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आज आरà¥à¤¯ धरà¥à¤® व संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के महान आदरà¥à¤¶ आजनà¥à¤® बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ महावीर हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी की जयनà¥à¤¤à¥€ है। मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® शà¥à¤°à¥€ रामचनà¥à¤¦à¥à¤° जी के साथ महावीर हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी का नाम à¤à¥€ इतिहास में अमर है व रहेगा। उनके समान बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤°à¥à¤¯ का पालन करने वाला, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€-à¤à¤•à¥à¤¤, अपने सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ के कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤ªà¤£ से पूरा करने वाला व सà¤à¥€ कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को सफल करने वाला, आरà¥à¤¯ धरà¥à¤® व संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का उनके समान विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ व आचरणीय पà¥à¤°à¥à¤· विशà¥à¤µ इतिहास में अनà¥à¤¯à¤¤à¤® है। वीर हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी ने शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ तम वैदिक धरà¥à¤® व संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का वरण कर उसका हर पल व हर कà¥à¤·à¤£ पालन किया। वह आजीवन बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ रहे। रामायण à¤à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ होने के कारण उसमें अनà¥à¤¯ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ की à¤à¤¾à¤‚ति बड़ी मातà¥à¤°à¤¾ में पà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¥‡à¤ª हà¥à¤ हैं। कà¥à¤› पà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¥‡à¤ª उनके बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤°à¥à¤¯ जीवन को दूषित à¤à¥€ करते हैं जबकि हमारा अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ व निशà¥à¤šà¤¯ है कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने जीवन à¤à¤° कठोर व असमà¥à¤à¤µ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤°à¥à¤¯ वà¥à¤°à¤¤ का पूरà¥à¤£ रूप से पालन किया था। वैदिक धरà¥à¤® व संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की यह विशेषता रही है कि इसमें महाà¤à¤¾à¤°à¤¤à¤•à¤¾à¤² से पूरà¥à¤µ काल में बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में आदरà¥à¤¶ राजा, वेदों के पारदरà¥à¤¶à¥€ व तलसà¥à¤ªà¤°à¥à¤¶à¥€ गूढ़ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨, ऋषि, मà¥à¤¨à¤¿, योगी, दरà¥à¤¶à¤¨-ततà¥à¤µà¤µà¥‡à¤¤à¥à¤¤à¤¾, आदरà¥à¤¶ गृहसà¥à¤¥à¥€, देश-धरà¥à¤®-संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को गौरव पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने वाले सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ व पà¥à¤°à¥à¤· उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤ हैं जिनमें वीर हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी का सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ बहà¥à¤¤ ऊंचा à¤à¤µà¤‚ गौरवपूरà¥à¤£ है।
हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी वानरराज राजा सà¥à¤—à¥à¤°à¥€à¤µ के विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ मनà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ थे। वानरराज बाली व सà¥à¤—à¥à¤°à¥€à¤µ à¤à¤¾à¤ˆà¤¯à¥‹à¤‚ के परसà¥à¤ªà¤° विवाद में धरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¾ सà¥à¤—à¥à¤°à¥€à¤µ को राजचà¥à¤¯à¥à¤¤ कर राजधानी से निकाल दिया गया था। वह वनों में अकेले विचरण करते थे। वहां उनका साथ यदि किसी ने दिया तो वीर हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी ने दिया था। धरà¥à¤® पर आरूढ़ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी ने सतà¥à¤¯ व धरà¥à¤® का साथ दिया व राजसà¥à¤–ों का तà¥à¤¯à¤¾à¤— कर वनों के कठोर जीवन को चà¥à¤¨à¤¾à¥¤ राम वनवास के बाद जब रावण ने महारानी सीता जी का हरण किया तो इस घटना के बाद शà¥à¤°à¥€ रामचनà¥à¤¦à¥à¤° जी की à¤à¥‡à¤‚ट पदचà¥à¤¯à¥à¤¤ राजा सà¥à¤—à¥à¤°à¥€à¤µ के मंतà¥à¤°à¥€ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ से होती है। राम व हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी में परसà¥à¤ªà¤° संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ में संवाद होता है। रामचनà¥à¤¦à¥à¤° जी हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ के जà¥à¤žà¤¾à¤¨ व à¤à¤¾à¤·à¤¾ पर अधिकार व वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° करने की योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾ से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ होते हैं और अपने à¤à¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¾ लकà¥à¤·à¥à¤®à¤£ को कहते हैं कि यह हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ वेदों का जानकार व विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ है। इसने जो बाते कहीं हैं, उसमें उसने वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ संबंधी कोई साधारण सी à¤à¥€ à¤à¥‚ल व तà¥à¤°à¥à¤Ÿà¤¿ नहीं की। इस घटना से हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी की बौदà¥à¤§à¤¿à¤• कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ व राजनैतिक कà¥à¤¶à¤²à¤¤à¤¾ आदि का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ होता है। हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी की पà¥à¤°à¤¶à¤‚सा मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® शà¥à¤°à¥€ रामचनà¥à¤¦à¥à¤° जी ने सà¥à¤µà¤¯à¤‚ अपने शà¥à¤°à¥€à¤®à¥à¤– से वालà¥à¤®à¥€à¤•à¤¿ रामायण में की है।
हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी का मà¥à¤–à¥à¤¯ कारà¥à¤¯ महारानी सीता की खोज व राम रावण यà¥à¤¦à¥à¤§ में रामचनà¥à¤¦à¥à¤° जी की सहायता व उनकी विजय में मà¥à¤–à¥à¤¯ सहायक होना à¤à¥€ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हजारों वरà¥à¤· पूरà¥à¤µ लंका पहà¥à¤‚चने के लिठसमà¥à¤¦à¥à¤° को तैर कर पार किया था, à¤à¤¸à¤¾ अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ होता है। साहितà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤° व कवि कई बार तैरने को à¤à¥€ à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ की उचà¥à¤š उड़ान में घटनाओं को अलंकारिक रूप देकर उसे लाघंना कह सकते हैं। यह उनका वीरता का अपूरà¥à¤µ व महानतम उदाहरण है। वह लंका पहà¥à¤‚चे और माता सीता से मिले और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पà¥à¤¨à¤ƒ रामचनà¥à¤¦à¥à¤° जी के दरà¥à¤¶à¤¨ व उनसे मिलने के लिठआशà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤ किया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने लंका में अपने बल का परिचय à¤à¥€ दिया जिससे यह विदित हो जाये कि राम अविजेय हैं और लंका का बà¥à¤°à¤¾ समय निकट है। हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी रावण के दरबार में à¤à¥€ पहà¥à¤‚चे और वहां रामचनà¥à¤¦à¥à¤° जी का सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¥‡ के बाद अपनी वीरता व पराकà¥à¤°à¤® के उदाहरण पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किये। लंका के सेनापति, सैनिक व रावण के परिवार के लोग चाह कर à¤à¥€ उनको बनà¥à¤¦à¥€ बना कर दणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ नहीं कर पाये और वह सकà¥à¤¶à¤² लंका से बाहर आकर, माता सीता से मिलकर रामचनà¥à¤¦à¥à¤° जी के पास सकà¥à¤¶à¤² पहà¥à¤‚च गये और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ माता सीता के लंका में जीवित होने का समाचार दिया। यह कितना बड़ा कारà¥à¤¯ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ ने किया था, यह रामचनà¥à¤¦à¥à¤° जी ही à¤à¤²à¥€ à¤à¤¾à¤‚ति जानते थे। इस कारà¥à¤¯ ने रामचनà¥à¤¦à¥à¤° जी को उनका à¤à¤• पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से कृतजà¥à¤ž बना दिया था। इसके बाद राम-रावण यà¥à¤¦à¥à¤§ होने पर à¤à¥€ समà¥à¤¦à¥à¤° पर पà¥à¤² निरà¥à¤®à¤¾à¤£ और लकà¥à¤·à¥à¤®à¤£ जी के यà¥à¤¦à¥à¤§ में घायल व मूचà¥à¤°à¥à¤›à¤¿à¤¤ होने पर उनके लिठवहां से हिमालय परà¥à¤µà¤¤ जाकर संजीवनी बूटी लाना हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी जैसे वीर व विचारशील मनीषी का ही काम था। बताया जाता है कि वह उड़कर हिमालय परà¥à¤µà¤¤ पर पहà¥à¤‚चे थे। à¤à¤¸à¤¾ होना समà¥à¤à¤µ नहीं दीखता। यह समà¥à¤à¤µ है कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अवशà¥à¤¯ किसी विमान की सहायता ली होगी अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ वह हिमालय शायद न पहà¥à¤‚च पाते। मनà¥à¤·à¥à¤¯ का बिना किसी विमान आदि साधन के उड़कर जाना असमà¥à¤à¤µ है। साधारण à¤à¤¾à¤·à¤¾ में आज à¤à¥€ विमान में यातà¥à¤°à¤¾ करने वाला वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ कहता है मैं à¤à¤¯à¤° से अमà¥à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर गया था। इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° विमान के लिठउड़ कर जाने जैसे शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— रामायण में किया गया है। आज जà¥à¤žà¤¾à¤¨ व विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ के शिखर पर हैं परनà¥à¤¤à¥ आज à¤à¥€ संसार के 7 अरब मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ में से किसी को उड़ने की विदà¥à¤¯à¤¾ व कला का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ नहीं है। अतः यही सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करना पड़ता है व सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करना चाहिये कि हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी किसी छोटे सà¥à¤µà¤šà¤¾à¤²à¤¿à¤¤ विमान से हिमालय पर आये और संजीवनी आदि इचà¥à¤›à¤¿à¤¤ औषधियां लेकर वापिस लंका पहà¥à¤‚च गये थे। यह à¤à¥€ वरà¥à¤£à¤¨ कर दें कि पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ साहितà¥à¤¯ में इस बात का उलà¥à¤²à¥‡à¤– हà¥à¤† है कि उन दिनों निरà¥à¤§à¤¨ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के पास à¤à¥€ अपने अपने विमान हà¥à¤† करते थे। सृषà¥à¤Ÿà¤¿ के आरमà¥à¤ काल में à¤à¥€ लोग विमान से à¤à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ से दूसरे सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर जाते थे और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ जहां जो सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ अचà¥à¤›à¤¾ लगता था, वह वहीं जाकर अपने परिवारों व इषà¥à¤Ÿ मितà¥à¤°à¥‹à¤‚ सहित बस जाते थे। इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से सारा संसार यूरोप व अरब आदि के देश बसे हंै। यह तथà¥à¤¯ है कि आदि सृषà¥à¤Ÿà¤¿ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के तिबà¥à¤¬à¤¤ में हà¥à¤ˆ थी। सृषà¥à¤Ÿà¤¿ के आदि काल में नेपाल, तिबà¥à¤¬à¤¤ व चीन आदि देश नहीं थे। तब सारा ही आरà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¥à¤¤à¥à¤¤ था।
माता सीता के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी का माता-पà¥à¤¤à¥à¤° की à¤à¤¾à¤‚ति अनà¥à¤°à¤¾à¤— व पà¥à¤°à¥‡à¤® था। विशà¥à¤µ इतिहास में यह माता-पà¥à¤¤à¥à¤° का संबंध à¤à¥€ विशेष महतà¥à¤µ रखता है। आज संसार के सà¤à¥€ देश व उनके नागरिक हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी के चरितà¥à¤° की इस विशेषता से बहà¥à¤¤ कà¥à¤› सीख सकते हैं। ‘‘पर दारेषॠमातà¥à¤°à¥‡à¤·à¥” अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ अनà¥à¤¯ सà¤à¥€ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ माता के समान होती हैं। यह à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ वैदिक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की देन है। यह वैदिक धरà¥à¤® व संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का गौरव à¤à¥€ है। आदरà¥à¤¶ को अचà¥à¤›à¤¾ मानने वालों को इसी सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर आना होगा अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ वैदिक धरà¥à¤® व संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को अंगीकार करना होगा।
हमारे पौराणिक à¤à¤¾à¤ˆ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी को वानर शबà¥à¤¦ के कारण बनà¥à¤¦à¤° समà¤à¤¤à¥‡ हैं जो कि उचित नहीं है। हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी हमारे जैसे ही मनà¥à¤·à¥à¤¯ थे तथा वनों में रहने के कारण वानर कहलाते थे। आजकल à¤à¤¾à¤°à¤¤ में इसका à¤à¤• पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ नागालैणà¥à¤¡ है जिसके निवासी नागा कहलाते हैं। देश व विशà¥à¤µ में कोई उनकी सांप के समान आकृति नहीं बनाता। इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° इंगà¥à¤²à¤¿à¤¶, चीनी, जरà¥à¤®à¤¨à¥€, फà¥à¤°à¤¾à¤‚सीसी आदि नागरिक हैं। यह सब हमारे जैसे ही हैं और हम उनके जैसे। इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ व सà¥à¤—à¥à¤°à¥€à¤µ आदि सà¤à¥€ वानर हमारे समान ही मनà¥à¤·à¥à¤¯ थे। उनमें से किसी की पूंछ नहीं थी। उनकी पूंछ मानना व चितà¥à¤°à¥‹à¤‚ में चितà¥à¤°à¤¿à¤¤ करना बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ का मजाक व दिवालियापन है। वैदिक धरà¥à¤®à¥€ मननशील व सतà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¤à¥à¤¯ के विवेकी लोगों को कहते हैं। अतः वानर हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी बिना पूछ वाले राम, लकà¥à¤·à¥à¤®à¤£ व अनà¥à¤¯ मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ के समान ही मनà¥à¤·à¥à¤¯ थे, यह विवेकपूरà¥à¤£ à¤à¤µà¤‚ निरà¥à¤µà¤¿à¤µà¤¾à¤¦ है। इस पर विचार करना चाहिये और इसी विचार व मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ का सà¤à¥€ पौराणिक à¤à¤¾à¤ˆà¤¯à¥‹à¤‚ को अनà¥à¤¸à¤°à¤£ à¤à¥€ करना चाहिये। हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी की पूंछ मानने वाले हमारे à¤à¤¾à¤ˆ इकà¥à¤•à¥€à¤¸à¤µà¥€à¤‚ सदी में दूसरों का मजाक न बने और अपने महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ का अपमान न करायें, यह हमारी उनसे विनमà¥à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ है। इसी के साथ इस संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ लेख को विराम देते हैं और à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ व विशà¥à¤µ के आदरà¥à¤¶ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी को सà¥à¤®à¤°à¤£ कर उनसे पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ गà¥à¤°à¤¹à¤£ कर उनके पथ का अनà¥à¤¸à¤°à¤£ करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करने का वà¥à¤°à¤¤ लेते हैं।
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