पणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ चमूपति दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ऋषि दयाननà¥à¤¦ का गौरव गान’
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Manmohan Kumar AryaDate
29-Apr-2016Category
संसà¥à¤®à¤°à¤£Language
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UmeshUpload Date
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ऋषि दयाननà¥à¤¦ का वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ और कृतितà¥à¤µ सातà¥à¤µà¤¿à¤• बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ के लोगों के आकरà¥à¤·à¤£ व पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ का सà¥à¤°à¥‹à¤¤ वा केनà¥à¤¦à¥à¤° रहा है। अनेक लोग आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ की विचारधारा का परिचय पाकर और सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ पà¥à¤•à¤° या फिर आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के समाज सà¥à¤§à¤¾à¤° के कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ होकर आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œà¥€ वा वैदिक धरà¥à¤®à¥€ बने और फिर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने देश, धरà¥à¤® व समाज की पà¥à¤°à¤¶à¤‚सनीय सेवा की। à¤à¤¸à¥‡ ही आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के à¤à¤• सà¥à¤ªà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ à¤à¤µà¤‚ बहà¥à¤®à¥à¤–ी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾ के धनी पणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ चमूपति जी थे। आप संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤, हिनà¥à¤¦à¥€, इगà¥à¤²à¤¿à¤¶, उरà¥à¤¦à¥‚ व फारसी आदि अनेक à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं के विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ व पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ वकà¥à¤¤à¤¾ थे। उनका वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ à¤à¥€ आकरà¥à¤·à¤• à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ था। आपकी हिनà¥à¤¦à¥€, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ व उरà¥à¤¦à¥‚ आदि में अनेक रचनायें हैं जिनमें से à¤à¤• सà¥à¤ªà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ रचना ‘‘सोम सरोवर” à¤à¥€ है। सोम सरोवर में आपने सामवेद के पवमान सूकà¥à¤¤ के मनà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ की अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ मनोहर वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ की है। आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ व नेता महाशय कृषà¥à¤£ ने इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• की समीकà¥à¤·à¤¾ कर पà¥à¤°à¤¶à¤‚सा करते हà¥à¤ लिखा था कि यदि निषà¥à¤ªà¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ से साहितà¥à¤¯ का नोबेल पà¥à¤°à¥à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° दिया जाता तो पणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ चमूपति जी की यह रचना नोबेल पà¥à¤°à¥à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने योगà¥à¤¯ थी। à¤à¤¸à¥‡ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ महरà¥à¤·à¤¿ की महिमा का गान करने वाले कà¥à¤› शबà¥à¤¦ पाठकों को à¤à¥‡à¤‚ट कर रहे हैं।
पणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ चमूपति जी ऋषि दरà¥à¤¶à¤¨ नामक अपनी लघॠपà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¿à¤•à¤¾ में ‘अमर दयाननà¥à¤¦’ शीरà¥à¤·à¤• के अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤—त लिखते हैं कि ‘आज केवल à¤à¤¾à¤°à¤¤ ही नहीं, सारे धारà¥à¤®à¤¿à¤•, सामाजिक, राजनैतिक संसार पर दयाननà¥à¤¦ का सिकà¥à¤•à¤¾ है। मतों के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤•à¥‹à¤‚ ने अपने मनà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ बदल दिठहैं, धरà¥à¤® पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‹à¤‚ के अरà¥à¤¥à¥‹à¤‚ का संशोधन किया है, महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ की जीवनियों में परिवरà¥à¤¤à¤¨ किया है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी का जीवन उन जीवनियों में बोलता है। ऋषि मरा नहीं करते, अपने à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ के रूप में जीते हैं। दलितोदà¥à¤§à¤¾à¤° का पà¥à¤°à¤¾à¤£ कौन है? आदरà¥à¤¶ सà¥à¤§à¤¾à¤°à¤• दयाननà¥à¤¦à¥¤ शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ कहां से आती है? गà¥à¤°à¥à¤µà¤° दयाननà¥à¤¦ के आचरण से। वेद का जय जयकार कौन पà¥à¤•à¤¾à¤°à¤¤à¤¾ है? बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤°à¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦à¥¤ देवी (सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€) सतà¥à¤•à¤¾à¤° का मारà¥à¤— कौन दिखाता है? देवीपूजक दयाननà¥à¤¦à¥¤ गोरकà¥à¤·à¤¾ के विषय में पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° पर करूणा दिखाने का बीड़ा कौन उठाता है? करूणानिधि दयाननà¥à¤¦à¥¤ (संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ व आरà¥à¤¯à¤à¤¾à¤·à¤¾ हिनà¥à¤¦à¥€ के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ कौन करता है? वेदरà¥à¤·à¤¿ दयानननà¥à¤¦à¥¤) आओ! हम अपने आपको ऋषि के रंग में रंगे। हमारा विचार ऋषि का विचार हो, हमारा आचार ऋषि का आचार हो, हमारा पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° ऋषि का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° हो। हमारी पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• चेषà¥à¤Ÿà¤¾ ऋषि की चेषà¥à¤Ÿà¤¾ हो। नाड़ी नाड़ी से धà¥à¤µà¤¨à¤¿ उठे - महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ की जय।
पापों और पाखणà¥à¤¡à¥‹à¤‚ से ऋषिराज छà¥à¥œà¤¾à¤¯à¤¾ था तà¥à¤¨à¥‡à¥¤
à¤à¤¯à¤à¥€à¤¤ निराशà¥à¤°à¤¿à¤¤ जाति को निरà¥à¤à¥€à¤• बनाया था तूने।।
बलिदान तेरा था अदà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ हो गई दिशाà¤à¤‚ गà¥à¤‚जित थी।
जन जन को देगा पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ वह दीप जलाया था तूने।।’
हम आशा करते हैं कि पाठकों को यह लघॠपà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ पसनà¥à¤¦ आयेगा।
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