कहीं अगला शिकार आप तो नहीं ??
Author
Rajeev ChoudharyDate
31-Jul-2016Category
लेखLanguage
HindiTotal Views
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amitUpload Date
19-Aug-2016Download PDF
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9 दिसमà¥à¤¬à¤° करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• में टीवी के माधà¥à¤¯à¤® से à¤à¤¸à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤²à¥‰à¤œà¥€ (जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤¶ शासà¥à¤¤à¥à¤°) की जानकारी करने वाले जलà¥à¤¦ ही इससे महरूम हो सकते हैं। राजà¥à¤¯ की कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ सरकार à¤à¤¸à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤²à¥‹à¤œà¥€ पर आधारित टीवी षो पर जलà¥à¤¦ ही रोक लगाने का विचार बना रही है। सूतà¥à¤°à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° सरकार का मानना है कि Âइन टीवी शो को देखकर लोगों में अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ बढ़ती जा रही है। बेंगलà¥à¤°à¥‚ में à¤à¤• कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के दौरान मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ सिदà¥à¤§à¤°à¤®à¥ˆà¤¯à¤¾ ने कहा कि हर टीवी चैनल à¤à¤¸à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤²à¥‹à¤œà¥€ आधारित षो पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ कर रहा है। हर कोई à¤à¤¸à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤²à¥‹à¤œà¥€ शो देखकर अपनी दिनचरà¥à¤¯à¤¾ को आगे बढ़ाने में लग गया है, इससे मेरा घर à¤à¥€ अछूता नहीं रह गया है। अब समय आ गया है कि इस पर रोक लगायी जाà¤à¥¤ हालाà¤à¤•à¤¿ जानकारों का मानना है à¤à¤¸à¤¾ करना सरकार के लिठकठिन होगा
अब हम इस मामले को यदि गंà¤à¥€à¤°à¤¤à¤¾à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• लेकर देखे तो आज लोकतंतà¥à¤° के चैथे सà¥à¤¤à¤®à¥à¤ मीडिया को समाज में जागरूकता फैलाने, अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ और कà¥à¤°à¥€à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का खातà¥à¤®à¤¾ करने और साकà¥à¤·à¤°à¤¤à¤¾ का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° करने की à¤à¥‚मिका के रूप में देखा जाता है लेकिन वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समय में मीडिया अपनी इस à¤à¥‚मिका का कितना निरà¥à¤µà¤¹à¤¨ कर रहा है ये हम सब जानते हैं।
कोई à¤à¥€ टीवी चैनल चला लें डरावना सा रूप धारण किये हà¥à¤ बाबा दरà¥à¤·à¤•à¥‹à¤‚ को शनि , राहà¥, केतà¥, गृह दोष, मंगल दोष और ना जाने कैसे –कैसे दोषों से डराते हà¥à¤ और लाकेट, धन लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ वरà¥à¤·à¤¾ यनà¥à¤¤à¥à¤°, लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ कà¥à¤¬à¥‡à¤° यनà¥à¤¤à¥à¤°, इचà¥à¤›à¤¾à¤ªà¥‚रà¥à¤¤à¤¿ कछà¥à¤†, लाल किताब. गणपति पेंडेंट, नजर रकà¥à¤·à¤¾ कवच आदि की दूकान लगाकर बैठे मिल जायेंगे जो कोडियों के दाम की चीजों को महंगे दामों पर बेच कर अपनी जेबें à¤à¤° रहें हैं। इसके अलावा फोन और à¤à¤¸ à¤à¤® à¤à¤¸ के जरिये समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का समाधान बताने के बहाने मोटी-मोटी कॉल दरें चारà¥à¤œ की जा रही है।
आज हर आम आदमी किसी ना किसी समसà¥à¤¯à¤¾ से जूठरहा है। बस इसी बात का फायदा उठाकर अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ की अपनी दूकान चलाने के लिठमीडिया का सहारा लिया जा रहा है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि मीडिया ही à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ माधà¥à¤¯à¤® है जिसके जरिये कोई à¤à¥€ बात सीधे-सीधे लाखों करोड़ों लोगों तक पहà¥à¤‚चाई जा सकती है और मीडिया के जरिये किसी à¤à¥€ बात को दिमाग में अचà¥à¤›à¥‡ से बैठाया à¤à¥€ जा सकता है।
पतà¥à¤°-पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾à¤à¤‚ à¤à¥€ à¤à¤¸à¥‡ विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨à¥‹à¤‚ को धड़लà¥à¤²à¥‡ से छाप रही है। मà¥à¤à¥‡ समठनहीं आता कि पà¥à¤¯à¤¾à¤° में असफल वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को कोई जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· या तांतà¥à¤°à¤¿à¤• उसका पà¥à¤¯à¤¾à¤° कैसे दिला सकता है “निसंतान दंपतà¥à¤¤à¤¿ को अगर à¤à¤¸à¥‡ बाबा या तांतà¥à¤°à¤¿à¤• के उपाय अपनाने पर ही संतान मिल जाती है तो फिर मेडिकल की पढ़ाई की कà¥à¤¯à¤¾ जरà¥à¤°à¤¤ है|” अगर कोई यनà¥à¤¤à¥à¤° खरीदकर कोई रातों रात अमीर बन सकता है तो फिर सà¥à¤¬à¤¹ से रात तक आफिस में सर खपाने की कà¥à¤¯à¤¾ जरà¥à¤°à¤¤ है ?
कà¥à¤² मिलाकर दà¥à¤–ी, हारे हà¥à¤ और परेशान लोगों को ठगने का à¤à¤• बड़ा जाल फैलाया जा चà¥à¤•à¤¾ है जिसकी चपैट में फà¤à¤¸ कर कई लोग अपनी जेबे खाली करवा रहें हैं। जिसका à¤à¤• बड़ा हिसà¥à¤¸à¤¾ मीडिया की जेब में à¤à¥€ जाता है अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ के अधिकांश मामलों में हमने देखा है कि साकà¥à¤·à¤° और निरकà¥à¤·à¤° दोनों तबके के लोग आसानी से शिकार हो जाते है वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° जहाठतनिक धीमा हà¥à¤† à¤à¤•à¤¦à¤® से लोग किसी बाबा की सलाह के लिठउकसाते है | 21 सदी में à¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ लोग चमतà¥à¤•à¤¾à¤° की आस में जीकर पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤¨ न कर यनà¥à¤¤à¥à¤° आदि के जाल में उलà¤à¥‡ होते है जबकि सब जानते है और इन सब का मोखिक रूप से विरोध à¤à¥€ करते है किनà¥à¤¤à¥ अंतरà¥à¤®à¤¨ में कहीं न कहीं किसी चमतà¥à¤•à¤¾à¤° की आस में जीते है और इसी का फायदा उठाते हà¥à¤ आज इन यंतà¥à¤° कारोबारियों ने कई करोड़ वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° कर लिया है अब फैसला आप लोगों को करना है कि आज यूरोपीय देश हमसे इतना आगे कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ है ?
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