Swami Dhikshanand Saraswati Janm Sthabadi Samaroh
Swami Dhikshanand Saraswati Janm Sthabadi Samaroh organize by Samarpan Shodh Sansthan
10 Jun 2018
India
Samarpan Shodh Sansthan
सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दीकà¥à¤·à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जनà¥à¤® शताबà¥à¤¦à¥€ समारोह समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨
10 जून 2018, दिलà¥à¤²à¥€ आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾ à¤à¤µà¤‚ समरà¥à¤ªà¤£ शोध संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ दिलà¥à¤²à¥€ के ततà¥à¤¤à¥à¤µà¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ में आरà¥à¤¯ जगत के दिक विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ मूरà¥à¤§à¤¨à¥à¤¯ आरà¥à¤¯ संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€, वृहदॠयजà¥à¤žà¥‹à¤‚ के बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾ व लेखक विदà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¾à¤°à¥à¤¤à¤£à¥à¤¡ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दीकà¥à¤·à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ के जनà¥à¤® शताबà¥à¤¦à¥€ समारोह का à¤à¤µà¥à¤¯ आयोजन मावलंकर हाल, रफी मारà¥à¤—, नई दिलà¥à¤²à¥€ में बड़ी धूमधाम से समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤†à¥¤ अपरानà¥à¤¹à¥ 3 बजे हाल पà¥à¤°à¤¾à¤‚गण में डा. धरà¥à¤®à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ जी के बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¤à¥à¤µ में यजà¥à¤ž आरमà¥à¤ हà¥à¤† जिसमें शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ साधना व करà¥à¤¨à¤² रवि à¤à¤Ÿà¤¨à¤¾à¤—र, शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ पà¥à¤°à¤à¤¾ निरà¥à¤®à¤² व शà¥à¤°à¥€ वेद à¤à¥‚षण, शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ à¤à¤µà¤‚ शà¥à¤°à¥€ डा. कृषà¥à¤£ लाल तथा शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ व शà¥à¤°à¥€ शशिकानà¥à¤¤ à¤à¤£à¥à¤¡à¤¾à¤°à¥€ यजमान बने। पं. सतà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² पथिक जी के सानिं(य में यजà¥à¤ž समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤†, सà¤à¥€ यजमानों ने आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ व पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ गà¥à¤°à¤¹à¤£ के परानà¥à¤¤ समसà¥à¤¤ धरà¥à¤®à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€, आरà¥à¤¯à¤œà¤¨, गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤²à¥‹à¤‚ से आये बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ व मातृशकà¥à¤¤à¤¿ सà¤à¤¾à¤—ार में उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हà¥à¤à¥¤ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ सà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ व शà¥à¤°à¥€ अविरल माथà¥à¤° ने अपने सहयोगी शà¥à¤°à¥€ दीपक व शà¥à¤°à¥€ कà¥à¤²à¤µà¤¿à¤¨à¥à¤¦à¤° के सहयोग से मधà¥à¤° संगीत के साथ वेद)चाओं के अनà¥à¤°à¥‚प पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤ªà¥à¤°à¤¦ व करà¥à¤£à¤ªà¥à¤°à¤¿à¤¯ à¤à¤œà¤¨ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किठजिनसे सà¤à¥€ आरà¥à¤¯à¤œà¤¨ मंतà¥à¤° मà¥à¤—à¥à¤§ हो गà¤à¥¤ तदà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤ पं. सतà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² पथिक जी ने सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दीकà¥à¤·à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ जी के संसà¥à¤®à¤°à¤£ सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤ à¤à¤• à¤à¤œà¤¨ शà¥à¤°à¤¾à¤§à¥à¤·à¥€ की कहानी सितारों से पूछो....’ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया। सà¥à¤¸à¤œà¥à¤œà¤¿à¤¤ मंच पर सà¤à¤¾ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ पà¥à¤°à¤£à¤µà¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ जी, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विवेकाननà¥à¤¦ जी ;गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² पà¥à¤°à¤à¤¾à¤¤ आशà¥à¤°à¤®à¤¦à¥à¤§ महाशय धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² ;चेयरमैन à¤à¤®.डी.à¤à¤š.दà¥à¤§, शà¥à¤°à¥€ योगेश मà¥à¤‚जाल ;म. डायरेकà¥à¤Ÿà¤° मà¥à¤‚जाल शोवा लि.दà¥à¤§, शà¥à¤°à¥€ रामनाथ सहगल, शà¥à¤°à¥€ अजय सहगल, डा. गणेश दतà¥à¤¤, शà¥à¤°à¥€ दरà¥à¤¶à¤¨ अगà¥à¤¨à¤¿à¤¹à¥‹à¤¤à¥à¤°à¥€ ;वैदिक साधना आशà¥à¤°à¤®à¤¦à¥à¤§, शà¥à¤°à¥€ नवीन रहेजा ;रहेजा बिलà¥à¤¡à¤°à¥à¤¸à¤¦à¥à¤§, आचारà¥à¤¯ डा. वागीश जी, शà¥à¤°à¥€ आरà¥à¤¯ तपसà¥à¤µà¥€à¤œà¥€, करà¥à¤¨à¤² डा. रवि à¤à¤Ÿà¤¨à¤¾à¤—र, शà¥à¤°à¥€ सतीश चडà¥à¤¡à¤¾, डा. धरà¥à¤®à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° जी व बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ;अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ दयाननà¥à¤¦ सेवाशà¥à¤°à¤® संघदà¥à¤§ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मंतà¥à¤°à¥‹à¤šà¥à¤šà¤¾à¤°à¤£ के साथ संयà¥à¤•à¥à¤¤ रूप से दीप पà¥à¤°à¤œà¥à¤œà¥à¤µà¤²à¤¨ किया। सà¤à¥€ मंचासीन महानà¥à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ ने जनà¥à¤® शताबà¥à¤¦à¥€ समारोह पर आधारित सà¥à¤®à¤¾à¤°à¤¿à¤•à¤¾ का विमोचन संयà¥à¤•à¥à¤¤ रूप से किया व सà¤à¥€ को सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी का सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ चितà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ कर समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया गया। महाशय धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² जी, शà¥à¤°à¥€ योगेश मà¥à¤‚जाल जी, शà¥à¤°à¥€ राम नाथ सहगल शà¥à¤°à¥€ अजय सहगल, शà¥à¤°à¥€ नवीन रहेजा, शà¥à¤°à¥€ दरà¥à¤¶à¤¨ अगà¥à¤¨à¤¿à¤¹à¥‹à¤¤à¥à¤°à¥€, पं. सतà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² पथिक जी, आचारà¥à¤¯ डा. वागीश जी, डा. गणेश दतà¥à¤¤ जी, डा. धरà¥à¤®à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€, शà¥à¤°à¥€ धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨, शà¥à¤°à¥€ विनय आरà¥à¤¯, महामंतà¥à¤°à¥€, शà¥à¤°à¥€ ओम पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ आरà¥à¤¯, उपपà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨, शà¥à¤°à¥€ शिव कà¥à¤®à¤¾à¤° मदान, उपपà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ , शà¥à¤°à¥€ विदà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤° ठà¥à¤•à¤°à¤¾à¤², कोषाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·, दिलà¥à¤²à¥€ आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾, शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤²à¤¤à¤¾ à¤à¤Ÿà¤¨à¤¾à¤—र, शà¥à¤°à¥€ आरà¥à¤¯ तपसà¥à¤µà¥€, शà¥à¤°à¥€ ओम पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ यजà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦à¥€, दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¥€ दिलà¥à¤²à¥€ वेद पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° मणà¥à¤¡à¤², शà¥à¤°à¥€ बलदेव सचदेवा, पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ दिलà¥à¤²à¥€ वेद पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° मणà¥à¤¡à¤², शà¥à¤°à¥€ कनà¥à¤¹à¥ˆà¤¯à¤¾ लाल, उपपà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ हरियाणा सà¤à¤¾, शà¥à¤°à¥€ हरिओम बंसल, मंतà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ à¤à¤¸.पी सिंह मंतà¥à¤°à¥€, शà¥à¤°à¥€ सतीश चडà¥à¤¡à¤¾, महामंतà¥à¤°à¥€, शà¥à¤°à¥€ अरà¥à¤£ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ वरà¥à¤®à¤¾ कोषाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·, आरà¥à¤¯ केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥€à¤¯ सà¤à¤¾, शà¥à¤°à¥€ सà¥à¤¨à¤¹à¤°à¥€ लाल यादव व शà¥à¤°à¥€ चतर सिंह नागर, मंतà¥à¤°à¥€, वेद पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° मणà¥à¤¡à¤², शà¥à¤°à¥€ यजà¥à¤ž देव शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€, शà¥à¤°à¥€ यशपाल शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ;हलà¥à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤¨à¥€à¤¦à¥à¤§, शà¥à¤°à¥€ वेद पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ;साहिबाबाददà¥à¤§ का समà¥à¤®à¤¾à¤¨ किया गया। मंच संचालन शà¥à¤°à¥€ सतीश चडà¥à¤¡à¤¾, शà¥à¤°à¥€ रमेश à¤à¤Ÿà¤¨à¤¾à¤—र, शà¥à¤°à¥€ राकेश à¤à¤Ÿà¤¨à¤¾à¤—र ने किया। बà¥à¤°. पà¥à¤°à¤®à¥‹à¤¦ ;पà¥à¤°à¤¥à¤®à¤¦à¥à¤§, बà¥à¤°. मनीष ;दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯à¤¦à¥à¤§à¤¤à¤¥à¤¾ बà¥à¤°. अवधेश ;तृतीयदà¥à¤§ को वेद के कंठसà¥à¤¥ होने के कारण ‘विदà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤£à¥à¤°à¥à¤¤à¤£ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दीकà¥à¤·à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€’ सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° हेतॠ25 हजार रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ की राशि पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की गई। समारोह के मà¥à¤–à¥à¤¯ अतिथि शà¥à¤°à¥€ योगेश मà¥à¤‚जाल जी ने सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी के संसà¥à¤®à¤°à¤£à¥‹à¤‚ को सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤ कहा, ‘सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी गलत यजà¥à¤ž विधियों को जरा à¤à¥€ सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° नहीं करते थे व कहा करते थे कि केवल समिधाओं को होम करना ही यजà¥à¤ž नहीं है यदि वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के अनà¥à¤¦à¤° नमà¥à¤°à¤¤à¤¾, पà¥à¤¯à¤¾à¤° करने, à¤à¥à¤•à¤¨à¥‡ की और दूसरों की सहायता करने की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ हो तो यह à¤à¥€ यजà¥à¤ž हैं जो सबसे अधिक पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥€ होते हैं। शà¥à¤°à¥€ मà¥à¤‚जाल जी ने बताया कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपनी सà¤à¥€ फैकà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की आधार शिला सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी से ही रखवाई। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी को सचà¥à¤šà¥€ शà¥à¤°à¤§à¤¾à¤‚जलि तब होगी जब उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ शोध संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में शोधकारà¥à¤¯ किये जाà¤à¤‚, उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखित पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¨ किया जाठतथा संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ गतिशील हो तथा उनके अधूरे कामों को पूरा किया जाà¤à¥¤ समारोह अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ पà¥à¤°à¤£à¤µà¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ जी ने अपने वकà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ में कहा ‘सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी कहा करते थे कि वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के अनà¥à¤¦à¤° 5 गà¥à¤£ होना आवशà¥à¤¯à¤• है। 1 आप वसà¥à¤¤à¥à¤° à¤à¤²à¥‡ ही कैसे à¤à¥€ पहने पर साफ-सà¥à¤¥à¤°à¥‡ हो जो आपको शोà¤à¤¾à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ हों, 2 वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की वाणी मधà¥à¤° हो कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि बचà¥à¤šà¥‡ का जब अनà¥à¤¨à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤¶à¤¨ होता है तो उसकी जिवà¥à¤¹à¤¾ पर सोने की शà¥à¤²à¤¾à¤–ा से ओम लिखा जाता है, इसका तातà¥à¤ªà¤°à¥à¤¯ यही होता है कि वह बालक हमेशा मधà¥à¤° बोले। 3 वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की वारà¥à¤¤à¤¾à¤²à¤¾à¤ª शिषà¥à¤Ÿ होनी चाहिà¤à¥¤ 4 वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को विदà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¾à¤¨ होना चाहिठऔर 5 वां गà¥à¤£ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ का सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ विनयी होना चाहिà¤à¥¤ हम समाज में à¤à¤¸à¥‡ पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤ªà¥à¤°à¤¦ कारà¥à¤¯ करें जिससे हम लोगों के लिठà¤à¥€ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी की तरह पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ सà¥à¤°à¥‹à¤¤ बनें।’ महाशय धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² जी ने अपने उदà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ में कहा ‘बचà¥à¤›à¥‹à¤‚ वाली समाज हà¥à¤† करती थी लेकिन काम बड़े-बडे किया करती थी। आप à¤à¥€ बड़े-बड़े काम करते रहें। आरà¥à¤¯ समाज के लिठमेरा योगदान हमेशा रहेगा। दिलà¥à¤²à¥€ आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾ महामंतà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ विनय आरà¥à¤¯ ने सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी का संसà¥à¤®à¤°à¤£ सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤ कहा कि आरà¥à¤¯ समाज मिणà¥à¤Ÿà¥‹ रोड, सरकार की ओर से तोड़ा जा रहा था। किसी तरह सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी को खबर दी गयी, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा मैं अà¤à¥€ पहà¥à¤‚चा और कà¥à¤› ही देर में सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी जोकि काफी दूर यजà¥à¤ž करा रहे थे मिणà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‹à¤¡ पहà¥à¤‚चे और यजà¥à¤ž करने लगे और फिर जो परिणाम हà¥à¤† आज आप सबके सामने है।’ शà¥à¤°à¥€ विनय आरà¥à¤¯ ने आगे बताया कि ‘आज जबकि दिलà¥à¤²à¥€ में आरà¥à¤¯ महासमà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨-2018 होने जा रहा है, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी की कमी बहà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ हो रही है, आज हमंे यह सोचना पड़ रहा है कि महासमà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ में यजà¥à¤ž बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾ का निवेदन किसको किया जाà¤à¥¤’ डा. गणेश दतà¥à¤¤ जी ने संसà¥à¤®à¤°à¤£à¥‹à¤‚ की शà¥à¤°à¥ƒà¤‚खला को आगे बà¥à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤ कहा कि हम-सबको ईशà¥à¤µà¤° को बधाई देनी चाहिठकि उसने हमें à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥‚मि पर जनà¥à¤® दिया। दूसरा सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ यह है कि हम आरà¥à¤¯ समाज से जà¥à¥œà¥‡ हैं, आरà¥à¤¯ समाज से जà¥à¤¡à¥‡à¤¼ यानी सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दीकà¥à¤·à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ जी से जà¥à¤¡à¥‡à¤¼, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दीकà¥à¤·à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ से जà¥à¥œà¥‡ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी से जà¥à¤¡à¥‡à¤¼, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ जी से जà¥à¤¡à¥‡à¤¼ तो हम वेदों से जà¥à¤¡à¥‡à¤¼ हैं, वेदों के जà¥à¥œà¥‡ हैं यानी विदà¥à¤¯à¤¾ से जà¥à¥œà¥‡ हैं।’ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी कोई वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ नहीं थे वे à¤à¤• संसà¥à¤¥à¤¾ थे। आज हम यहां सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी को शà¥à¤°à¤§à¤¾à¤‚जलि देने के लिठà¤à¤•à¤¤à¥à¤° हà¥à¤ हैं जबकि हम सब उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ शबà¥à¤¦à¤¾à¤‚जलि दे रहे हैं, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ अपने à¤à¤¾à¤µ पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ कर रहे हैं तो à¤à¤¾à¤µà¤¾à¤‚जलि है, गीत गा रहे हैं तो गीतांजलि है। शà¥à¤°à¤§à¤¾à¤‚जलि कहते हैं किसी के जीवन के सतà¥à¤¯ को, उसके आदरà¥à¤¶à¥‹à¤‚ को अंजà¥à¤²à¥€ में लेकर अरà¥à¤ªà¤£ करना। समारोह के मà¥à¤–à¥à¤¯ वकà¥à¤¤à¤¾ आचारà¥à¤¯ डा. वागीश जी ने सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी के साथ बिताठकà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ की विसà¥à¤¤à¤¾à¤° से चरà¥à¤šà¤¾ की। डा. वागीश जी ने बतलाया कि बमà¥à¤¬à¤ˆ में आरà¥à¤¯ समाज की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ में बाला साहेब ठाकरे आठहà¥à¤ थे उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी का पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨ सà¥à¤¨à¤•à¤° कहा कि मà¥à¤à¥‡ à¤à¤¸à¤¾ लग रहा था कि मेरे सामने कोई पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ )षि, सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ बैठा हो।’ विशà¥à¤µ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• मेले का संसà¥à¤®à¤°à¤£ सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤ कहा कि मैं और मेरे à¤à¤• अनà¥à¤¯ मितà¥à¤° और सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी दिलà¥à¤²à¥€ के विशà¥à¤µ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• मेले में गये वहां से कà¥à¤› पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‡à¤‚ खरीदीं उन सारी पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‹à¤‚ की पेमेंट सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने की। मेले से निकलकर हम लोग बस के इनà¥à¤¤à¤œà¤¾à¤° में काफी देर से खड़े हाथों में पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‹à¤‚ के थैले थे वजन अधिक था सो हम लोगों ने वे थैले सड़क की रेलिंग जिसमें शूल से बने थे उन पर टांग दिया जैसे ही थैले टांगे कि बस आ गयी और हम सब बस में चॠगये। कà¥à¤› दूर जाने पर मेरी निगाह सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी के हाथ पर तथा अपने साथी के हाथ पर गई तो देखा थैले किसी के पास नहीं थे। मैंने सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी से कहा थैले वहीं टंगे रह गये अब तो सारी पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‡à¤‚ गयीं! सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी अगले सà¥à¤Ÿà¤¾à¤ª पर उतर गये हम लोग à¤à¥€ उतर गये बोले जाओ जवानों à¤à¤¾à¤— कर जाओ थैले वहीं मिलेंगे। हमने कहा सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी दिलà¥à¤²à¥€ में थैले अब वहां कहां मिलेंगे। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ बोले पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‹à¤‚ की पेमेनà¥à¤Ÿ मैंने की है मेरी कमाई ईमानदारी की है। अगर मेरी कमाई ईमानदारी की होगी तो थैले वहीं मिलेंगे। हम दोनों वहां गये तो वासà¥à¤¤à¤µ में थैले वैसे के वैसे ही वहां रेलिंग पर टंगे थे। ये विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ था सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी को अपने ऊपर।’ शà¥à¤°à¥€ नवीन रहेजा जी ने अनà¥à¤°à¥‹à¤§ किया कि यदि किसी के पास सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कोई पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¨ हो तो उसे मैं व हमारा परिवार पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ करावा कर उनके अधूरे कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को पूरà¥à¤£ करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करूंगा। समरà¥à¤ªà¤£ शोध संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की ओर से सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी पर बनाया गया वृतà¥à¤¤à¤šà¤¿à¤¤à¥à¤° का पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ किया गया। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® को सफल बनाने à¤à¤µà¤‚ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤“ं को पूरà¥à¤£ करने में शà¥à¤°à¥€ अरà¥à¤£ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ वरà¥à¤®à¤¾, शà¥à¤°à¥€ à¤à¤¸. पी. सिंह, डा. मà¥à¤•à¥‡à¤¶ आरà¥à¤¯, शà¥à¤°à¥€ संदीप आरà¥à¤¯, शà¥à¤°à¥€ विपिन à¤à¤²à¥à¤²à¤¾ जी, शà¥à¤°à¥€ बृजेश आरà¥à¤¯ व शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ हरà¥à¤· आरà¥à¤¯ और पà¥à¤°à¤à¤¾ आरà¥à¤¯ का विशेष सहयोग रहा। समारोह के अनà¥à¤¤ में पà¥à¤°à¥€à¤¤à¤¿à¤à¥‹à¤œ का आननà¥à¤¦ लिया गया।