85th Annual Fesival and 34th Chaturved Brhmparayan Yagya
85th Annual Fesival and 34th Chaturveda Brhmparayan Yagya was organized by Shrimad Dayanand Vedarsh Mahavidyalya Gurukul Gautamnagar.
16 Dec 2018
India
Shrimad Dayanand Vedarsh Mahavidyalaya Nyas
नई दिलà¥à¤²à¥€ : शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥ दयाननà¥à¤¦ वेदारà¥à¤· महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² 119 गौतम नगर नई दिलà¥à¤²à¥€-49 का 85 वारà¥à¤·à¤¿à¤•à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤µ à¤à¤µà¤‚ 39 वॉं चतà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤ªà¤¾à¤°à¤¾à¤¯à¤£ महायजà¥à¤ž 6 दिसमà¥à¤¬à¤° 2018 से आरमà¥à¤ होकर 16 दिसमà¥à¤¬à¤° 2018 को सोलà¥à¤²à¤¾à¤¸ समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤†à¥¤
कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का आरमà¥à¤ ऋगà¥à¤µà¥‡à¤¦ पारायण महायजà¥à¤ž के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया गया। इस यजà¥à¤ž के बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾ डॉ. महावीर अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤² जी रहे। यजà¥à¤ž के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² से पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ वारà¥à¤·à¤¿à¤• तिथिपतà¥à¤°à¤• का लोकारà¥à¤ªà¤£ किया गया, जिस पर सचà¥à¤šà¤¿à¤¦à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ योगी जी का छायाचितà¥à¤° पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ किया गया था। इस अवसर पर पणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ सतà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² पथिक जी ने ईशà¥à¤µà¤°à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤œà¤¨ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ पà¥à¤°à¤£à¤µà¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने सà¥à¤µà¤¾à¤—त à¤à¤¾à¤·à¤£ से इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का विधिवतॠआरमà¥à¤ किया। इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में पणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ जी, डॉ. आननà¥à¤¦ कà¥à¤®à¤¾à¤°, डॉ. धरà¥à¤®à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° कà¥à¤®à¤¾à¤° आदि ने वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ दिये। यजà¥à¤ž के कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ धà¥à¤µà¤œà¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤°à¤£ का आयोजन किया गया। इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का आयोजन निरनà¥à¤¤à¤° 16 दिसमà¥à¤¬à¤° तक विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨à¥‹à¤‚ व आयोजनों के साथ होता रहा।
दिनांक 16 दिसमà¥à¤¬à¤° 2018 को पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ 08:00 बजे चतà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ पारायण यजà¥à¤ž à¤à¤µà¤‚ इसकी पूरà¥à¤£à¤¾à¤¹à¥à¤¤à¤¿ का कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® आयोजित किया गया। आयोजन के लिये à¤à¤• ऊंचा मंच बनाया गया था, जहाठयजà¥à¤ž के बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾ डॉ. महावीर अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤² जी à¤à¤µà¤‚ आरà¥à¤¯ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ सहित पà¥à¤°à¤®à¥à¤– अतिथि विराजमान हà¥à¤à¥¤ गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– आचारà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ पà¥à¤°à¤£à¤µà¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ जी à¤à¥€ मंच पर उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे। वह यजà¥à¤ž à¤à¤µà¤‚ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨à¥‹à¤‚ का संचालन कर रहे थे और बीच-बीच में दानदाताओं से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ दान की राशियों की सूचना दे रहे थे। यजà¥à¤ž के आरमà¥à¤ के बाद अथरà¥à¤µà¤µà¥‡à¤¦ के शेष मनà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ का पाठकर आहà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की गईं। यजà¥à¤ž के बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾ डॉ. महावीर अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤² जी सूकà¥à¤¤ की समापà¥à¤¤à¤¿ पर यदा-कदा अपने विचार वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करते थे और अनà¥à¤¯ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को लगà¤à¤— 10 मिनट के संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨ के लिठआमंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ करते थे।
डॉ. महावीर अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤² जी ने कहा कि यदि जीवन में सà¥à¤– व शानà¥à¤¤à¤¿ पानी है तथा जीवन को पूरà¥à¤£ बनाना है तो इनà¥à¤¦à¥à¤° परमातà¥à¤®à¤¾ का, जो शतà¥à¤°à¥à¤“ं का विनाशक है और अपने à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ के जीवन को पूरà¥à¤£ बनाने वाला है, उस पà¥à¤°à¤à¥ का गान करो। पà¥à¤°à¤à¥ का गान धीमे सà¥à¤µà¤° से नहीं अपितॠउचà¥à¤š सà¥à¤µà¤° से सबको मिल कर करना चाहिये। ईशà¥à¤µà¤° के सà¤à¥€ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ व याजà¥à¤žà¤¿à¤•à¥‹à¤‚ का मन, हृदय à¤à¤µà¤‚ à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ à¤à¤• समान होनी चाहियें। हमारे à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ में तथा à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ में कहीं विरोधाà¤à¤¾à¤¸ न हो। हमारी à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं में निषà¥à¤ ा तथा शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ होनी चाहिये। डा. महावीर जी ने à¤à¤• मनà¥à¤¤à¥à¤° में आये विपà¥à¤° शबà¥à¤¦ की चरà¥à¤šà¤¾ की और कहा कि विपà¥à¤° शबà¥à¤¦ का अरà¥à¤¥ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ होता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि वैदिक धरà¥à¤® और आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ में बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ जनà¥à¤® से नहीं गà¥à¤£, करà¥à¤® व सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ से होता है। विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ वकà¥à¤¤à¤¾ ने कहा कि बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ के मà¥à¤–à¥à¤¯ करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ हैं वेदों का पà¥à¤¨à¤¾ और पà¥à¤¾à¤¨à¤¾, यजà¥à¤ž करना और दूसरे के घरों में करवाना तथा दान देना और दान लेना। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने यह à¤à¥€ कहा कि बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ मà¥à¤– के समान तपसà¥à¤µà¥€ होता है। डॉ. महावीर अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤² जी के इस समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ के बाद गोमत गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² के आचारà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ जी का 10 मिनट के लिये पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨ हà¥à¤†à¥¤ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ जी ने कहा कि आप इस चतà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ पारायण यजà¥à¤ž में उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हैं, इसलिये आप सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¥€ है। मनà¥à¤·à¥à¤¯ जीवन के सà¤à¥€ कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में सबसे महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ कारà¥à¤¯ ईशà¥à¤µà¤° का सà¥à¤®à¤°à¤£ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤® यजà¥à¤ž सनà¥à¤§à¥à¤¯à¤¾ है। यजà¥à¤ž में किये जाने वाले आचमन के तीसरे मनà¥à¤¤à¥à¤° का उलà¥à¤²à¥‡à¤– कर विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ वकà¥à¤¤à¤¾ ने कहा कि हम इस मनà¥à¤¤à¥à¤° में ईशà¥à¤µà¤° से सतà¥à¤¯, यश व शà¥à¤°à¥€ की कामना करते हैं। जहाठसतà¥à¤¯ होगा वही यश व शà¥à¤°à¥€ होगी। सतà¥à¤¯ का आचरण न करने से शà¥à¤°à¥€ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ नहीं होगी। हमें सतà¥à¤¯ व यश को अपने जीवन का अंग बनाना होगा।
डा. महेश विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤‚कार जी ने कहा कि जिस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर अचà¥à¤›à¥‡ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ का आना-जाना हो तथा जहां जाने पर अचà¥à¤›à¥‡ वैदिक विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ मिलते हों वह सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ तीरà¥à¤¥ बन जाता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि यजà¥à¤ž का वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• सà¥à¤µà¤°à¥‚प आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ व इसकी गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² आदि संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं में देखने को मिलता है। महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ जी ने यजà¥à¤ž का वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª बताया है। यजà¥à¤ž की महिमा अपरमà¥à¤ªà¤¾à¤° है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ यजà¥à¤žà¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ है। दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ में आपको यजà¥à¤ž कहीं देखने को नहीं मिलेगा। जो यजà¥à¤ž करता है उसके यजà¥à¤ž से परमातà¥à¤®à¤¾ की पूरà¥à¤£ à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ हो जाती है। दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ के सà¤à¥€ शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ व à¤à¤²à¤¾à¤ˆ के काम यजà¥à¤ž हैं।
दिलà¥à¤²à¥€ आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾ के यशसà¥à¤µà¥€ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ शà¥à¤°à¥€ धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² आरà¥à¤¯ जी ने अपने समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ में अगà¥à¤¨à¤¿à¤¹à¥‹à¤¤à¥à¤°-यजà¥à¤ž की चरà¥à¤šà¤¾ की। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि ऋषि दयाननà¥à¤¦ ने 16 आहà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के देवयजà¥à¤ž को महायजà¥à¤ž कहा है।
डा. रघà¥à¤µà¥€à¤° वेदालंकार जी ने कहा कि इस चतà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ पारायण यजà¥à¤ž में यजà¥à¤ž करने वाले तथा पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨ करने वाले सà¤à¥€ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ तथा शà¥à¤°à¥‹à¤¤à¤¾ à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¥€ हैं। गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² में वैदिक वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ के गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ का मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¤à¤ƒ पठन-पाठन होता है। आचारà¥à¤¯ रघà¥à¤µà¥€à¤° जी ने वायॠपà¥à¤°à¤¦à¥à¤·à¤£ की चरà¥à¤šà¤¾ की।
इस अवसर पर डॉ. अशोक चौहान जी, ठाकà¥à¤° विकà¥à¤°à¤® सिंह जी, डा. धरà¥à¤®à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° कà¥à¤®à¤¾à¤° शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ जी,शà¥à¤°à¥€ वीरपाल जी, डॉ. आननà¥à¤¦ कà¥à¤®à¤¾à¤° (आई.पी.à¤à¤¸.) जी, शà¥à¤°à¥€ विशà¥à¤µà¤ªà¤¾à¤² आदि ने अपने उदà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ दिया।
इस अवसर पर गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² पौंधा के छातà¥à¤° शà¥à¤°à¥€ ईशà¥à¤µà¤° सिंह रावत, à¤à¤œà¤¨à¥‹à¤ªà¤¦à¥‡à¤¶à¤• शà¥à¤°à¥€ सà¥à¤–पाल जी आरà¥à¤¯, केरल में कारà¥à¤¯à¤°à¤¤à¥ गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² के आचारà¥à¤¯ शà¥à¤°à¥€ हीरा पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€, गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² गोमत के आचारà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ जी à¤à¤µà¤‚ आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के नेता शà¥à¤°à¥€ चतर सिंह नागर, दिलà¥à¤²à¥€ का समà¥à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¥€ किया गया।
अनà¥à¤¤ में सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ पà¥à¤°à¤£à¤µà¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने सà¤à¥€ गणमानà¥à¤¯à¥‹à¤‚ अतिथियों तथा शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं को धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ à¤à¤µà¤‚ आà¤à¤¾à¤° जà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ किया।