Yajurved Parayan Yajya

Yajurved Parayan Yajya was organized by Arya Samaj Sewa Sadan Ballbhgarh Haryana.

बल्लभगढ़ आर्य समाज सेवा सदन वह आर्य कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में कल्पना चावला सिटी पार्क में पावन वेद कथा के आयोजन में कथा सुन कर पुण्य धन प्राप्त किया | इस अवसर पर आयोजित वेद पारायण महायज्ञ एवं संस्कृति रक्षा सम्मेलन में सार्वजनिक आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान स्वामी आर्यवेश जी ने भारतीय संस्कृति की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए समस्त श्रोताओं को इसके प्रचार-प्रसार व अपने जीवन में क्रियान्वित करने हेतु प्रेरित किया | आर्यवेश जी के अनुसार यदि वैदिक सनातन संस्कृति के प्रचार प्रसार में कहीं कोई कमी आई है तो उसमें भी सबसे बड़े दोषी कोई विदेशी संस्कृति या उसका प्रचारक नहीं बस सबसे बड़े दोषी हम हिंदू आर्य ही हैं | जो अपने बच्चों को भावी पीढ़ी के लगातार पाश्चात्य संस्कृति के गहरे गर्त में फसा रहे हैं | इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय वैदिक विद्वान् सन्यासी स्वामी सच्चिदानन्द  ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम, योगीराज श्री कृष्ण, महर्षि दयानंद सरस्वती के जीवन से प्रेरणा लेकर उन्हें अपने जीवन में क्रियान्वित करने का संदेश दिया | उन्होंने इस अवसर पर भारतीय संस्कृति के वैज्ञानिक धार्मिक सांस्कृतिक व सर्वजन उपयोगी महत्व पर प्रकाश डालते हुए सभी श्रोताओं से हाथ उठाकर उनसे प्रार्थना कराई कि वे आज से ही स्वयं अपने बच्चों को बताये कि वे उसको हर समय अपने जीवन का अभिन्न अंग समझकर उसके प्रचार-प्रसार में अपना पूरा अधिक से अधिक समय व शक्ति का उपयोग करेंगे | इस अवसर पर हिसार से पधारी वैदिक विदुषी बहन कल्याणी आर्य ने अपने भजनों के माध्यम से भारत माता के महान सपूत महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी के प्रेरक जीवनी के माध्यम से समस्त श्रोताओं को भाव विभोर किया | कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व विधायक तथा आर्य केन्द्रीय सभा फरीदाबाद के संरक्षक चौधरी राजेंद्र बसिला ने की इस अवसर पर कन्या गुरुकुल की आचार्य व ब्रह्मचर्णियो उन्होंने पारायण यज्ञ वेद पाठ किया कार्यक्रम में प्रेम मित्तल एडवोकेट, स्वामी जगत मुनि, स्वामी प्रकाशानंद, देश बंधु आर्य, होती लाल आर्य, देवराज, युवाचार्य बालकृष्ण शास्त्री, व प्रिंसिपल सुशील शास्त्री प्रवीण आर्य दयानंद आर्य आदि मौजूद रहे जितेंद्र आर्य सिंघल ने मंच संचालन किया अंत में प्रधान श्री रघु शास्त्री ने सभी श्रद्धालुओं व अंग दुखों को धन्यवाद किया |

 

40th Varshikotsav

Sawami Omanand Saraswati Smriti Diwas