मणà¥?डी डà¥?ववाली..... आरà¥?य समाज मणà¥?डी डà¥?बवाली क वारà¥?शिक वेदà¥?पà¥?रचार उतà¥?सव बडी धूमधाम से आज समà¥?पनà¥?न हो गया । बडे शà¥?रदà¥?धा व उलà¥?लास से समà¥?पनà¥?न इस उतà¥?सव के इस समापनà¥?न के अवसर पर पनà¥?डित कमलेश शासà¥?तà¥?री पà¥?रोहित आरà¥?य समाज ने तीन कà¥?णà¥?डीय यगà¥?य मे उपसà¥?थित समà¥?दाय से पà¥?रà¥?णाहà¥?ति डलवाइ । इस यगà¥?य पर डा. जे à¤?स. हरचनà¥?द, डा. रमफ़ल आरà¥?य,डा. अनà¥?शà¥?ल सचदेव , शà¥?री दयाराम आरà¥?य , शà¥?री कà¥?लà¤à¥?शन सिनà¥?गला,शà¥?री à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥‚शण वरà¥?मा , शà¥?री सà¥?शानà¥?त गरà¥?ग, शà¥?री वीरेनà¥?दà¥?र छाबडा,शà¥?री à¤à¥€à¤®à¤°à¤¯ आरà¥?य, शà¥?री पà¥?रदीप सà¥?खीजा तथा इनà¥? सब का परिवार यगà¥?यà¥?मान सà¥?वरà¥?प समà¥?मिलत हà¥?ये ।
यगà¥?य के उपरानà¥?त आरà¥?य पà¥?रतिनिधि सà¤à¤¾,हरियाणा से पधारे आरà¥?य à¤à¤œà¤¨à¥‹à¤ªà¤¦à¥‡à¤¶à¤• पनà¥?डित सतà¥?यà¥?पाल मधà¥?र तथा वयोवà¥?रिदà¥?ध à¤à¤œà¤¨à¥‹à¤ªà¤¦à¥‡à¤¶à¤• पणà¥?डित ओम पà¥?रकाशà¥? वरà¥?मा जी ने आरà¥?य समाज के महान कवि व à¤à¤œà¤¨à¥‹à¤ªà¤¦à¥‡à¤¶à¤• सà¥?वरà¥?गीय पणà¥?डित पà¥?रकश चनà¥?दà¥?र कविरतà¥?न के à¤à¤œà¤¨ का गायन किया , जिस के शबà¥?द थे : -
विश वेदना का घूंट पिये जा रहा हूं ।
फ़िर à¤à¥€ तà¥?मà¥?हीं को याद किये जा रहा हूं ॥
आà¤?गा कà¤à¥€ तो मेरे जीवन में पà¥?रिय वसनà¥?त
इसी आशा में जी� जा रहा हूं ॥
इस à¤à¤œà¤¨ के समà¥?बनà¥?ध मे इन बताते हà¥?ये वरà¥?मा जी ने बताया कि मैं à¤?क बार कवि पà¥?रकाश जी के पास गया । वह गथिया रोग से पूरी तरह से गà¥?रसित हो चà¥?के थे, उंगलियां मà¥?ड चà¥?की थीं , पांव à¤à¥€ काम नहीं कर रहे थे, पूरा समय उनà¥?हे शैयà¥?या पर निकालना होता था किनà¥?तà¥? मसà¥?तिशà¥?क पूरी तरह सà¥?वसà¥?थ व गतिशील था । पà¥?रात:काल का समय था । मैंने कहा पणà¥?डित जी आज à¤?क à¤?सा सà¥?नà¥?दर à¤à¤œà¤¨ लिखे, जिसे सायंकाल गाया जावे । रोग से बà¥?री तरह गà¥?रसित पणà¥?डित जी ने यह गीत लिखा जिसे सायंकाल गाते हà¥?ये बडा आननà¥?द आया । इस गीत में कवि ने अपनी शारीरिक अवसà¥?था का वरà¥?णन बडे ही मारà¥?मिक धंग से किया है तथा सà¥?पशà¥?ट किया है कि शारीरिक रूप से अशकà¥?त होते हà¥?ये à¤à¥€ उनà¥?हे परम पिता परमातà¥?मा से कोयी शिकायत नहीं है । इस रोग के कारण उनà¥?हे अपार कशà¥?ट हो रहा है किनà¥?तà¥? तो à¤à¥€ पà¥?रà¤à¥? सà¥?मरण को नहीं à¤à¥?ला रहे । निरनà¥?तर उस पà¥?रà¤à¥? को याद कर रहे हैं तथा आशा करते हैं कि कà¤à¥€ तो उस पà¥?रà¤à¥? की उन पर कà¥?रिपा होगी , कà¤à¥€ तो वह पà¥?रà¤à¥? उन पर दया करेगे , जिससे उनके जीवन में à¤?क बार फ़िर से बहार आ जावेगी तथा यह जीवन पà¥?न: आननà¥?द से खिल उथेगा । रोग शैयà¥?या से यह कितना सà¥?नà¥?दर सनà¥?देश दिया है सà¥?वरà¥?गीय कविरतà¥?न पà¥?रकाश जी ने । जो लोग संकट के समय घबराते नहीं वह कशà¥?ट मे à¤à¥€ इस पà¥?रकार का आननà¥?द पाते हैं ।
इस अवसर पर आरà¥?य जगत मे वैदिक उदात à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं का संचार करने के लिये देश à¤à¤° मे घूम रहे डा. अशोक आरà¥?य की à¤?क पà¥?सà¥?तक " आजादी के दीवाने " , जिस का पà¥?रकाशन आरà¥?य पà¥?रकाशन दिलà¥?ली ने किया है , का विमोचन पनà¥?डित ओमà¥?पà¥?रकाश वरà¥?मा जी ने आरà¥?य समाज गिदà¥?डबाहा के संरकà¥?शक षà¥?री मदनलाल आरà¥?य जी के सहयोग से किया । इस अवसर पर पà¥?सà¥?तक का परिचय देते हà¥?ये डा. अशोक आरà¥?य ने बताया कि आजादी के दीवानों पर इससे पूरà¥?व à¤à¥€ बहà¥?त सी पà¥?सà¥?तके लिखी गयी हैं किनà¥?तà¥? यह पà¥?सà¥?तक उन सब से कà¥?चà¥?छ अलग ही है । इस पà¥?सà¥?तक की विशेशता यह है कि इस मे हैदराबाद के शहीदों तथा सतà¥?यागà¥?रहियों का à¤à¥€ वरà¥?णन किया गया है , इस पà¥?सà¥?तक मे आरà¥?य समाज के शहीदों का à¤à¥€ वरà¥?णन है, इस पà¥?सà¥?तक मे महिलाओं पर हà¥?à¤? अपमान जनक अतà¥?याचारो का à¤à¥€ वरà¥?णन है तथा इस पà¥?सà¥?तक मे देश की आजादी के लिये फ़ांसी पर à¤?ूलने वाले वीरों की सूची à¤à¥€ दी गयी है । इन विशà¥?यों पर इससे पूरà¥?व कà¤à¥€ किसी ने कलम नहीं उटायी थी ।
इस अवसर पर डा. आशोक आरà¥?य की दूसरी पà¥?सà¥?तक " देश à¤à¤•à¥?त महिलाà¤?ं " का à¤à¥€ विमोचन शà¥?रीमती कंचन हरचनà¥?द ने शà¥?रीमती नीलम राय के सहयोग से किया । इस पà¥?सà¥?तक के समà¥?बनà¥?ध मे à¤à¥€ बताते हà¥?ये डा. आशोक आरà¥?य ने कहा कि यह पà¥?सà¥?तक à¤à¥€ अपने आप में विलकà¥?शणता समेटे हà¥?ये हॆ । इस पà¥?सà¥?तक में बताया गया है कि आजादी की लडायी मे महिलाओं का बलिदान व तà¥?याग पà¥?रूशों से कहीं अधिक है । पà¥?रूशों को तो केवल जेल ही जाना पडा या अंगà¥?रेजà¥? के डà¥?णà¥?डे ही खाने पडे किनà¥?तà¥? महिलाओ को तो अपने सतीतà¥?व की रकà¥?शा à¤à¥€ उन विदेशी दरिनà¥?दों से जेल मे रहते हà¥?ये करनी होती थी । अपने सतितà¥?व की रकà¥?शा करते हà¥?ये तो कयी बार उनà¥?हें अपनी जान से à¤à¥€ हाथ धोना पडा किनà¥?तà¥? फ़िर à¤à¥€ वह बलिदानी पथ से पीछे नहीं हटीं । इस पà¥?सà¥?तक में à¤à¥€ हॆदराबाद मे हà¥?ये अतà¥?याचारो का विसà¥?तरित वरà¥?णन किया गया है ।
इस अवसर पर सब यजमानों को आशीरà¥?वाद देते हà¥?ये उनà¥?हें सजिलà¥?द सतà¥?यारà¥?थपà¥?रकाश à¤à¥‡à¤‚ट किया गया । डा. नरेनà¥?दà¥?र कà¥?मार वधवा संरकà¥?शक आरà¥?य समाज ने आये हà¥?ये सब विदà¥?वानों तथा शà¥?रोताओं का धनà¥?यवाद किया । मंच संचालक डा. अशोक आरà¥?य ने सहयोग के लिये सब का धनà¥?यवाद किया तथा कहा कि विगत चोदह वरà¥?शों से इस समाज का यह वेद पà¥?रचार उतà¥?सव निरनà¥?तर हो रहा है । विगत वरà¥?श उतà¥?सव के अतिरिकà¥?त à¤?क अनà¥?य कारà¥?यकà¥?रम à¤à¥€ किया गया । आप सब के सहयोग से हमà¥? ने यह कारà¥?य कà¥?रम किये । यदि इस पकार ही सहयोग बना रहा तो हम आगामी वरà¥?शों मे पà¥?रतिमाह à¤?क बडा कारà¥?यकà¥?रम करने का यतà¥?न करेंगे । अनà¥?त में पà¥?न: सबका धनà¥?यवाद करते हà¥?ये शानà¥?ति पाथ के साथ कारà¥?यवाही का समापनà¥?न किया गया ।
Report by :
ड. अशोक आर�य
१०४ - शिप�रा अपार�ट�मेन�ट, कौशाम�बी, २०१०१०
गाजियाबाद, उ. पà¥?र. à¤à¤¾à¤°à¤¤
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