Sanskrit Sambhashan Shivir
29 May 2016
India
संसकृत शिकषक संघ
जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¦à¥€à¤ª मॉडल सà¥à¤•à¥‚ल दिलà¥à¤²à¥€ रामनगर शाहदरा दिलà¥à¤²à¥€ में २० मई २०१६ से २९ मई २०१६ तक चलने वाले संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ शिकà¥à¤·à¤•à¤¸à¤‚घ दिलà¥à¤²à¥€ व संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ दिलà¥à¤²à¥€ के ततà¥à¤µà¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ में पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ हà¥à¤µà¥‡ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ समà¥à¤à¤¾à¤·à¤£ शिविर का आज रंगारंग कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के साथसमापन हो गया । इसमें ५५ शिविरारà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने à¤à¤¾à¤— लिया । समारोह की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कर रहे संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ शिकà¥à¤·à¤• संघ के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· डॉ. बृजेश गौतम जी ने संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ की महतà¥à¤¤à¤¾ के विषय में बताते हà¥à¤ कहा की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ केवल à¤à¤• à¤à¤¾à¤·à¤¾ मातà¥à¤° नहीं हैं अपितॠà¤à¤• जीवन दरà¥à¤¶à¤¨ को बताने वाली à¤à¤¾à¤·à¤¾ है । संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ शिकà¥à¤·à¤• संघ के महासचिव डॉ. वी. दयालॠजी ने कहा कि कà¥à¤› समय सेलोगों में संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ को लेकर रूचि बà¥à¥€ है वो इसे सीखने में अपनी रूचि दिखा रहे है इस शिविर में à¤à¥€ १५ से २० वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¸à¥‡ हैजिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कà¤à¥€ इससे पहले संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ नहीं पà¥à¥€ और à¤à¤• तो इसमें शà¥à¤°à¥€ आशीष राघव जी गणित के अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• है ।
कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के संयोजक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ शिकà¥à¤·à¤• संघ के उपाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· संदीप उपाधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ ने कहा कि संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ केवल पूजा पाठतक ही सीमित नहीं है अपितॠइसमें जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के साथ साथ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨, गणित, विमानशासà¥à¤¤à¥à¤° विदà¥à¤¯à¤¾, आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦, योग, परंपरा आदि सारी विदà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का खजाना à¤à¤°à¤¾ पड़ा है । कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के अतिथि संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ के शà¥à¤°à¥€ सà¥à¤¶à¥€à¤² à¤à¤¾ जी ने कहा कि अगर हमें अपने मूल से जà¥à¥œà¥‡ रहना है तो संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ आवशà¥à¤¯à¤• है मूल से अलग हो जाने पर जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° वृकà¥à¤· सà¥à¤µà¤¯à¤®à¥‡à¤µ ही सूख जाता है वैसे ही संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ रà¥à¤ªà¥€ मूल से अलग हो जाने पर हम à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अपनी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ से दूर हो जायेंगे । फरीदाबाद से कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में सिरकत करने आयी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ विशेष यजà¥à¤ž डॉ. लीना सिनà¥à¤¹à¤¾ जी ने संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ को जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का खजाना बताते हà¥à¤µà¥‡ कहा कि संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ हमारी धरोहर है संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ रà¥à¤ªà¥€ धरोवर कि सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ बोल कर कि जानी चाहिठआज संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ को जन à¤à¤¾à¤·à¤¾ बनाने कि आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है इस काम को संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ शिकà¥à¤·à¤• संघ बखूबी निà¤à¤¾ रहे हैं । संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ संवाद संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ समाचार पतà¥à¤° के पà¥à¤°à¤¬à¤‚धक शà¥à¤°à¥€ वेद शरà¥à¤®à¤¾ जी ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ में निहित बताते हà¥à¤ कहा की हमे आज जो वेदादि शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ है वह संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ के कारण ही है। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ रोहताश नगर के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ शà¥à¤°à¥€ रामपाल पांचाल जी ने संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ समà¥à¤à¤¾à¤·à¤£ शिविर की महतà¥à¤¤à¤¾ बताते हà¥à¤ इनà¥à¤¹à¥‡ à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में à¤à¥€ कराते रहने का संकलà¥à¤ª लिया । जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¦à¥€à¤ª मॉडल सà¥à¤•à¥‚ल रामनगर शाहदरा की पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯à¤¾ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ ललिता पांचाल जी ने अपने विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ के समà¥à¤à¤¾à¤·à¤£ शिविर लगाते रहने का दृॠनिशà¥à¤šà¤¯ किया । संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¸à¤®à¥à¤à¤¾à¤·à¤£ शिविर का सञà¥à¤šà¤¾à¤²à¤¨ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ दिलà¥à¤²à¥€ के पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤• शà¥à¤°à¥€ सà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨ कà¥à¤®à¤¾à¤° जी ने किया । शिविर में बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ गीत, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ नाटक, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ नृतà¥à¤¯, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤, संवाद, राषà¥à¤Ÿà¥à¤° वनà¥à¤¦à¤¨ गीत, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ शà¥à¤²à¥‹à¤•, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ संखà¥à¤¯à¤¾, शिविर गीत, à¤à¤•à¤¤à¤¾ मंतà¥à¤° आदि कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किये । बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® कतà¥à¤¥à¤• विशेषजà¥à¤ž शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ शà¥à¤°à¥à¤¤à¤¿ फणीश जी के निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¨ में हà¥à¤† समापन सतà¥à¤° में शà¥à¤°à¥€ सà¥à¤¶à¥€à¤² पांचाल, शà¥à¤°à¥€ जगदीश पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ शरà¥à¤®à¤¾, शà¥à¤°à¥€ मोहित कà¥à¤®à¤¾à¤°, शà¥à¤°à¥€ फूलचंद आरà¥à¤¯, शà¥à¤°à¥€ कपिल तà¥à¤¯à¤¾à¤—ी व शà¥à¤°à¥€ फणीश पवार जी उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहे।