Interfaith Dialogue
11 Jun 2016
India
दिलà¥à¤²à¥€ आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾
आरà¥à¤¯ समाज के वैदिक दरà¥à¤¶à¤¨ में जीवन मृतà¥à¤¯à¥ को लेकर जितना सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ दरà¥à¤¶à¤¨ है उतना किसी à¤à¥€ अनà¥à¤¯ मत-मतानà¥à¤¤à¤° के दà¥à¤°à¥à¤¹à¥à¤¸à¤¨ में सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿà¤¤à¤¾ नही मिलती| वेदोकà¥à¤¤ करà¥à¤®à¤«à¤² की मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ वैदिक दरà¥à¤¶à¤¨ का अà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ अंग है | पणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ रामचंदà¥à¤° देहलवी जी का पà¥à¤¨à¤°à¥à¤œà¤¨à¥à¤® को लेकर दिया गया पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ तरà¥à¤• की "आपका जनà¥à¤® आपकी इचà¥à¤›à¤¾ से हà¥à¤† है तो हर कोई टाटा, बिरला जैसे सेठके घर पे कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ पैदा नही होता | किसी निरà¥à¤§à¤¨ के घर पर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ पैदा होता है, जहा खाने के लिठदाने तक नही होते और अगर अनिचà¥à¤›à¤¾ से हà¥à¤† है तो ईशà¥à¤µà¤° पकà¥à¤·à¤ªà¤¾à¤¤à¥€ सिदà¥à¤§ हà¥à¤† जो à¤à¤• को धनि के और दà¥à¤¸à¤°à¥‡ को निरà¥à¤§à¤¨ के घर पर जनà¥à¤® दे|