Vishal Charitra Nirman and Prashikshan Shivir
28 May 2017
India
आरय वीरानगना दल दिलली परदेश
पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· की à¤à¤¾à¤‚ति इस वरà¥à¤· à¤à¥€ आरà¥à¤¯ वीरांगना दल दिलà¥à¤²à¥€ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ का वारà¥à¤·à¤¿à¤• शिविर 21 मई से 28 मई तक डीà¤à¤µà¥€ पबà¥à¤²à¤¿à¤• सà¥à¤•à¥‚ल शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ विहार में सफलता पूरà¥à¤µà¤• समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤†à¥¤ शिविर का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ माननीय ठाकà¥à¤° विकà¥à¤°à¤® सिंह (राषà¥à¤Ÿ निरà¥à¤®à¤¾à¤£ पारà¥à¤Ÿà¥€ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·) à¤à¤µà¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤²à¤¤à¤¾ गरà¥à¤— जी (डीà¤à¤µà¥€ शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ विहार पà¥à¤°à¤¿à¤‚सिपल) के कर कमलों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ धà¥à¤µà¤œà¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ किया गया। धà¥à¤µà¤œà¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ आमंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ अतिथि ठा. विकà¥à¤°à¤® सिंह, शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤²à¤¤à¤¾ गरà¥à¤—, दिलà¥à¤²à¥€ आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾ के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ शà¥à¤°à¥€ धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² आरà¥à¤¯, विदà¥à¤·à¥€ माता उषा किरण कथूरिया à¤à¤µà¤‚ शà¥à¤°à¥€ शिव कà¥à¤®à¤¾à¤° मदान जी उपपà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ दिलà¥à¤²à¥€ आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾ तथा आये हà¥à¤ समसà¥à¤¤ अतिथियों का दल की अधिकारी बहनों ने सैनà¥à¤¯ समà¥à¤®à¤¾à¤¨ के साथ उनका सà¥à¤µà¤¾à¤—त अà¤à¤¿à¤¨à¤‚दन किया।
कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ वैदिक मंगलाचरण व दीप पà¥à¤°à¤œà¥à¤œà¥à¤µà¤²à¤¨ के साथ हà¥à¤†à¥¤ ठा. विकà¥à¤°à¤® सिंह अपने उदà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ में वीरांगनाओं को उनकी शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का बोध कराते हà¥à¤ नजर आये। शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤²à¤¤à¤¾ गरà¥à¤— ने वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ डाला तथा धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² आरà¥à¤¯ जी ने वीरांगनाओं के उजà¥à¤œà¥à¤µà¤² à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ की मंगल कामना की। विदà¥à¤·à¥€ माता उषा किरण कथूरिया ने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को सà¥à¤µ करà¥à¤¤à¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ बोध कराया à¤à¤µà¤‚ सफल शिविर के लिये मंगल कामना की। मंच संचालन आ. अमृता आरà¥à¤¯à¤¾ (मंतà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€) à¤à¤µà¤‚ लिपिका आरà¥à¤¯à¤¾ (बौहà¥à¤•à¤¿à¤¾à¤§à¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¾) ने किया। धà¥à¤µà¤œà¤¾à¤µà¤¤à¤°à¤£ शà¥à¤°à¥€ दिनेश आरà¥à¤¯ ने किया। अंत में शिविर संचालिका शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ शारदा आरà¥à¤¯à¤¾ ने सà¤à¥€ का धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ किया। लिपिका आरà¥à¤¯à¤¾ जी ने शानà¥à¤¤à¤¿à¤ªà¤¾à¤ के साथ उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ समारोह को विराम दिया।
दिलà¥à¤²à¥€ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के इस वारà¥à¤·à¤¿à¤• शिविर में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ बौधिक सतà¥à¤° में वीरांगनाओं ने अनेक विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के माधà¥à¤¯à¤® से à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• à¤à¤µà¤‚ आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का आननà¥à¤¦ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया। बौधिक सतà¥à¤° में विशेष सेवाà¤à¤‚ डॉ. देव शरà¥à¤®à¤¾ ,शà¥à¤°à¥€ विनय आरà¥à¤¯ महामंतà¥à¤°à¥€ दिलà¥à¤²à¥€ आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾, आयà¥à¤·à¤¿ रण जी à¤à¤µà¤‚ कौशल जी (डीà¤à¤µà¥€) ने दिया। इस शिविर में लगà¤à¤— 160 वीरांगनाओं, पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ शिकà¥à¤·à¤• शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¾à¤¨ हरि सिंह गà¥à¤°à¥ जी तथा सह शिकà¥à¤·à¤¿à¤•à¤¾à¤à¤‚ चनà¥à¤¦à¤¾ आरà¥à¤¯à¤¾, डिमà¥à¤ªà¤² आरà¥à¤¯à¤¾, आशॠशरà¥à¤®à¤¾, नीलम आरà¥à¤¯à¤¾, मीनाकà¥à¤·à¥€ आरà¥à¤¯à¤¾, पूनम आरà¥à¤¯à¤¾, सà¥à¤µà¥‡à¤¤à¤¾ आरà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤µà¤‚ रेशमा आरà¥à¤¯à¤¾ जी के सानà¥à¤¨à¤¿à¤§à¥à¤¯ में सैनà¥à¤¯ शिकà¥à¤·à¤¾, आसन, नियà¥à¤¹à¥à¤®, वà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤® रेसà¥à¤•à¥à¤¯à¥‚ ऑपरेशन, शूटिंग, लाठी, तलवार à¤à¤µà¤‚ छà¥à¤°à¥€ के पà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ का अनà¥à¤ªà¤® पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया। समय-समय पर अतिथिगण à¤à¤µà¤‚ अधिकारी वरà¥à¤— ने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का निरीकà¥à¤·à¤£ à¤à¤µà¤‚ उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤µà¤°à¥à¤§à¤¨ किया। सात दिवसीय शिविर का à¤à¤µà¥à¤¯ समापन समारोह 28 मई को धà¥à¤µà¤œà¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ के साथ आरमà¥à¤ हà¥à¤†à¥¤ धà¥à¤µà¤œà¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ दीप पà¥à¤°à¤œà¥à¤œà¥à¤µà¤²à¤¨ महाशय धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² जी (à¤à¤®à¤¡à¥€à¤à¤š) डॉ. पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤²à¤¤à¤¾ गरà¥à¤—, माता कृषà¥à¤£à¤¾ ठà¥à¤•à¤°à¤¾à¤², डॉ. रचना चावला, डॉ. राजीव चावला, à¤à¤¸ के शरà¥à¤®à¤¾, विनय आरà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ वीरांगना दल की अधिकारी बहनों ने मिलकर किया। ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ आये हà¥à¤ सà¤à¥€ अतिथियों का सà¥à¤µà¤¾à¤—त व समà¥à¤®à¤¾à¤¨ सैनà¥à¤¯ अà¤à¤¿à¤µà¤¾à¤¦à¤¨ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ वीरांगना दल दिलà¥à¤²à¥€ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ की अधिकारी बहनों ने किया। मंच संचालन आचारà¥à¤¯à¤¾ अमृता आरà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤µà¤‚ लिपिका आरà¥à¤¯à¤¾ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हà¥à¤†à¥¤ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में वीरांगनाओं के सरà¥à¤µà¤¾à¤‚ग सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° वà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤®, सूरà¥à¤¯ नमसà¥à¤•à¤¾à¤°, à¤à¥‚मि नमसà¥à¤•à¤¾à¤°, नियà¥à¤¹à¥à¤®, आसन, सà¥à¤¤à¥‚प रेसà¥à¤•à¥à¤¯à¥‚ ऑपरेशन, शूटिंग, तलवार à¤à¤µà¤‚ लाठी का पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ विशेष आकरà¥à¤·à¤£ का विषय रहा। शà¥à¤°à¥€ à¤à¤¸. के शरà¥à¤®à¤¾ जी ने अपने उदà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ में ‘हम बलवान नहीं वीर बने’ कहते हà¥à¤ वीरांगनाओं को काफी उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ किया। महाशय धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² जी ने हृदय से वीरांगनाओं को आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि दैनिक दिनचरà¥à¤¯à¤¾ घर पर à¤à¥€ पालन करोगे तà¤à¥€ महान बनोगे। सà¤à¥€ वीरांगनाओं ने संकलà¥à¤ª लिया कि अपने राषà¥à¤Ÿà¥à¤° और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की रकà¥à¤·à¤¾ के लिये तन,मन और धन समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करेंगे। शिविर में आये अतिथियों ने वीरांगनाओं को पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किये। समारोह के अनà¥à¤¤ में शारदा आरà¥à¤¯à¤¾ जी ने सà¤à¥€ का धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ किया व धà¥à¤µà¤œà¤¾à¤µà¤¤à¤°à¤£ गà¥à¤°à¥ हरिसिंह जी ने किया à¤à¤µà¤‚ ससमà¥à¤®à¤¾à¤¨ संचालिका महोदया शारदा आरà¥à¤¯à¤¾ जीको धà¥à¤µà¤œ समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ किया। शानà¥à¤¤à¤¿ पाठके साथ समापन समारोह समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤†à¥¤