
New Delhi World Book Fair -2018

14 Jan 2018
India
दिलà¥à¤²à¥€ आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾
दिलà¥à¤²à¥€ के पà¥à¤°à¤—ति मैदान में दिनांक 6 से 14 जनवरी 2018 तक चले 40वें विशà¥à¤µ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• बड़ी धूमधाम के साथ समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤†à¥¤ मेले में जहां à¤à¤• ओर देश-विदेश के सà¥à¤Ÿà¤¾à¤² सजे हà¥à¤ थे वहीं विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚ के लोगों ने अपने धरà¥à¤® के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° के लिठà¤à¥€ पूरी जोर आजमाईश की हà¥à¤ˆ थी। à¤à¤• विदेशी महिला ने अपनी टूटी-फूटी हिनà¥à¤¦à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ में बोलते हà¥à¤ कहा, ‘‘जहां मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ अपना कà¥à¤°à¤¾à¤¨ फà¥à¤°à¥€ में दे रहा है वहीं आरà¥à¤¯ समाज 10 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ में सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•ाश बेचकर अचà¥à¤›à¥€ टकà¥à¤•र दे रहा है।’’ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• मेले में दिलà¥à¤²à¥€ आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾ के सà¥à¤Ÿà¤¾à¤² नं. 282 से 291 हॉल नं. 12-12ठपर महाशय धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² ;चेरयमैन à¤à¤®.डी.à¤à¤š. गà¥à¤°à¥à¤ª व पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ आरà¥à¤¯ केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥€à¤¯ सà¤à¤¾à¤¦à¥à¤§ की पà¥à¤¤à¥à¤°à¤µà¤§à¥‚ व पौतà¥à¤°à¥€ ने अपनी उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ दरà¥à¤œ कराकर कारà¥à¤¯à¤•तà¥à¤¤à¤¾à¤“ं को उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ वरà¥à¤§à¤¨ किया। वैदिक साहितà¥à¤¯ के सà¥à¤Ÿà¤¾à¤²à¥‹à¤‚ पर जहां à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जनमानस की à¤à¤¾à¤°à¥€ à¤à¥€à¥œ देखने को मिली वहीं विदेशियों की रà¥à¤šà¤¿ à¤à¥€ इस बार आरà¥à¤· साहितà¥à¤¯ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ अधिक देखने को मिली विदेशियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ वेद सैट, सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•ाश व अनà¥à¤¯ आरà¥à¤· साहितà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤°à¥€ मातà¥à¤°à¤¾ में खरीदते देखा गया। इस बार जहां लगà¤à¤— 9 हजार सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•ाश, 500 वेद सैट की बिकà¥à¤°à¥€ हà¥à¤ˆ वहीं लाखों रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ के आरà¥à¤· साहितà¥à¤¯ की बिकà¥à¤°à¥€ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• मेले में दरà¥à¤œ की गई।
दिलà¥à¤²à¥€ आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾ के अतिरिकà¥à¤¤ परोपकारिणी सà¤à¤¾, अजमेर तथा गोविनà¥à¤¦à¤°à¤¾à¤® हासाननà¥à¤¦ का सà¥à¤Ÿà¤¾à¤² à¤à¥€ आरà¥à¤· साहितà¥à¤¯ के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° में अपनी सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾ रहा था। दिलà¥à¤²à¥€ सà¤à¤¾ के कारà¥à¤¯à¤•रà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¾ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ वीणा आरà¥à¤¯à¤¾ व शà¥à¤°à¥€ धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² आरà¥à¤¯, पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ दिलà¥à¤²à¥€ आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ सà¤à¤¾ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ गणमानà¥à¤¯ व आरà¥à¤¯à¤œà¤¨ सरà¥à¤µà¤¶à¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤® अरोड़ा, विनय आरà¥à¤¯, ईश नारंग, ओम पà¥à¤°à¤•ाश आरà¥à¤¯, शिव कà¥à¤®à¤¾à¤° मदान, बलदेव राज, अजय सहगल, राजेनà¥à¤¦à¥à¤° दà¥à¤°à¥à¤—ा, ऋषि राज, सà¥à¤–बीर सिंह आरà¥à¤¯, अजय तनेजा, शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ विदà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¤à¥€ आरà¥à¤¯, शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ सà¥à¤·à¤®à¤¾, शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ उषा किरण, शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ तृपà¥à¤¤à¤¾, दयापà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ वैदà¥à¤¯, चतर सिंह नागर, जगदीश लाल à¤à¤¾à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾, वेद वà¥à¤°à¤¤ आरà¥à¤¯, किशन कà¥à¤®à¤¾à¤°, देवेनà¥à¤¦à¥à¤° सचदेवा, शीश पाल आरà¥à¤¯, सà¥à¤à¤¾à¤· कोहली, पà¥à¤°à¥‡à¤® शंकर मौरà¥à¤¯, कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° पाल आरà¥à¤¯, धरà¥à¤®à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° आरà¥à¤¯, à¤à¤¸.पी. सिंह, पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¯à¥à¤®à¥à¤¨ आरà¥à¤¯, जवाहर à¤à¤¾à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾, अशोक गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾, सà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° चौधरी, योगेश आरà¥à¤¯, मानधाता सिंह आरà¥à¤¯, आचारà¥à¤¯ दिनेश, आचारà¥à¤¯ नवीन, रवि पà¥à¤°à¤•ाश, संदीप आरà¥à¤¯ ने रात-दिन à¤à¤• करके महरà¥à¤·à¤¿ के सपनों को साकार करने के लिठपà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• मेले में अपनी-अपनी पूरà¥à¤£ आहà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ डालीं।
हॉल नं. 8 साहितà¥à¤¯ मंच से ‘‘यजà¥à¤ž और परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£’’ विषय पर शà¥à¤°à¥€ ईश नारंग व शà¥à¤°à¥€ विनय आरà¥à¤¯ ने यजà¥à¤ž पर वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• शोधों और परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ संतà¥à¤²à¤¨ पर इसका पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ दरà¥à¤¶à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤ अपने-अपने उदà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ में उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ जनसमà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के समकà¥à¤· अपने तरà¥à¤• संगत विचार पà¥à¤°à¤•ट किये कि ‘आज के समय में परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ शà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ के लिठà¤à¤• मातà¥à¤° विकलà¥à¤ª हमारे ऋषियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आदिकाल से यजà¥à¤ž की परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ कायम है जो आज à¤à¥€ उतना ही तरà¥à¤• संगत व आवशà¥à¤¯à¤• है जितना आदि काल में था।’ डॉ. विवेक आरà¥à¤¯ ने अपने उदà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ में ‘मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿’ पर बोलते हà¥à¤ ‘पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ वरà¥à¤£à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ को आज à¤à¥€ उतना ही तरà¥à¤• संगत बताया जितनी पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ समय में थी कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यह वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ करà¥à¤® वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ पर आधारित है न कि जनà¥à¤® वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ से निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ होती है।’ सà¥à¤Ÿà¤¾à¤²à¥‹à¤‚ की सजावट, पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•ों के कà¥à¤°à¤® व सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ हेतॠसà¤à¥€ कारà¥à¤¯à¤•रà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¾à¤“ं को महाशय धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² जी ने अपना आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ दिया जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने निरंतर परिशà¥à¤°à¤® कर इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आकरà¥à¤·à¤• बनाया और निरंतर पूरे नौ दिन अपनी सेवाà¤à¤‚ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ कीं।
-सतीश चडà¥à¥à¤¾