
Gayatri Mahayagya

31 Dec 2017
India
आरय समाज महू
आरà¥à¤¯ समाज महू दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आयोजित पà¥à¤°à¤¤à¤¿ दो वरà¥à¤· में समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होने वाले गायतà¥à¤°à¥€ महायजà¥à¤ž 24 से 28 दिसमà¥à¤¬à¤° 2017 तक निरà¥à¤µà¤¿à¤˜à¥à¤¨ समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤†à¥¤ यह आठवां पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ था, जिसका आयोजन नगर के मधà¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ इनà¥à¤¦à¤¿à¤°à¤¾ गांधी गà¥à¤°à¤¾à¤‰à¤£à¥à¤¡ टाउन हाल के पीछे महू में किया गया था। अनेक कारà¥à¤¯à¤•रà¥à¤¤à¤¾à¤“ं तथा सहयोगियों के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ का परिणाम था कि ईशà¥à¤µà¤° की कृपा से यह à¤à¤• à¤à¤µà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ विशाल कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®, जनमानस पर à¤à¤• अचà¥à¤›à¤¾ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ छोड़ते हà¥à¤ समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤†à¥¤ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की रोचकता और पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ इतना था कि उसमें महू नगर या आसपास के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ ही समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ नहीं हà¥à¤ अपितॠपà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के दूरदराज के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° à¤à¤¿à¤£à¥à¤¡, मà¥à¤°à¥ˆà¤¨à¤¾, गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤°, à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤², जबलपà¥à¤° तथा पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के बाहर दिलà¥à¤²à¥€, राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨, उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤‚चल, उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤°, गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤, विदरà¥à¤ से à¤à¥€ कà¥à¤› महानà¥à¤à¤¾à¤µ इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ हà¥à¤à¥¤ 24/12/2017 को पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒà¤†à¤°à¥à¤¯ समाज मनà¥à¤¦à¤¿à¤° से à¤à¤• à¤à¤µà¥à¤¯ शोà¤à¤¾à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ हà¥à¤ˆ जिसमें हजारों की संखà¥à¤¯à¤¾ में नागरिक उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हà¥à¤à¥¤ सूचना देते हà¥à¤ वाहन सबसे आगे, फिर दो अशà¥à¤µà¥‹à¤‚ पर ओà¤à¥à¤®à¥ धà¥à¤µà¤œ लिठकेसरिया साफा बांधें 2 बालक बैठे थे, उसके पीछे आगे-आगे गायतà¥à¤°à¥€ मनà¥à¤¤à¥à¤° बजाते हà¥à¤ बैणà¥à¤¡ बाजे तथा अशà¥à¤µ पर बैठे ओà¤à¥à¤®à¥ धà¥à¤µà¤œ लिये नवयà¥à¤µà¤• उसके पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ पं. राजगà¥à¤°à¥ शरà¥à¤®à¤¾ वैदिक छातà¥à¤°à¤¾à¤µà¤¾à¤¸ महू के विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ उसके पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ कानड़ के दिनेश वैरागी, संजय, विनोद आरà¥à¤¯ à¤à¤œà¤¨ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ करते हà¥à¤ टà¥à¤°à¤¾à¤²à¥€ पर थे। 9 कà¥à¤£à¥à¤¡à¤¿à¤¯ यजà¥à¤žà¤¶à¤¾à¤²à¤¾ में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ 72 से 80 वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ बैठकर आहà¥à¤¤à¤¿ देते थे। यजà¥à¤ž के बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾ आचारà¥à¤¯ योगेनà¥à¤¦à¥à¤°à¤œà¥€ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ यजà¥à¤ž समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करवाया गया। साथ ही मनà¥à¤¤à¥à¤°à¤ªà¤¾à¤ के लिये गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² के बà¥à¤°à¥¨à¤šà¤¾à¤°à¥€ à¤à¥€ आये थे, जिनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ससà¥à¤µà¤° वेदमनà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ का पाठसà¥à¤¨à¤•र à¤à¤• आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• वातावरण सà¥à¤µà¤¤à¤ƒ निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ हो रहा था। पूरà¥à¤£à¤¾à¤¹à¥à¤¤à¤¿ में लगà¤à¤— 1000 से अधिक वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने आकर अपनी आहà¥à¤¤à¤¿ दी। यजà¥à¤ž के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ डॉ. वागिश जी शरà¥à¤®à¤¾, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ऋतसà¥à¤ªà¤¤à¤¿à¤œà¥€, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ जी, डॉ. सोमदेवजी आदि के पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨, à¤à¤œà¤¨ होते, जिसे बहà¥à¤¤ ही आननà¥à¤¦ और शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ के साथ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ सà¥à¤¨à¤¤à¥‡à¥¤ वेद कथा की वकà¥à¤¤à¤¾ डॉ. अनà¥à¤¨à¤ªà¥‚रà¥à¤£à¤¾ जी ने मनà¥à¤·à¥à¤¯ जीवन से संबंधित जीवनोपयोगी निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करके वेदों में उलà¥à¤²à¥‡à¤–ित रहसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से जन साधारण को अवगत करवाया। सायंकालीन सतà¥à¤° में विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ विषयों पर वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ हेतॠविदà¥à¤µà¤¾à¤¨ आमनà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¤ किये गये थे जिनमें आचारà¥à¤¯ वागिश शरà¥à¤®à¤¾, à¤à¤Ÿà¤¾, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¤œà¥€, डॉ. सोमदेवजी। देर रात तक पà¥à¤°à¤¬à¥à¤¹à¥ नागरिकों ने तनà¥à¤®à¤¯à¤¤à¤¾ से वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को सà¥à¤¨à¤¾à¥¤ à¤à¤œà¤¨ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ के लिठपà¥à¤°à¤®à¥à¤– रूप से आमनà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥€ दिनेश पथिक (अमृतसर), शà¥à¤°à¥€ à¤à¤¾à¤¨à¥à¤ªà¥à¤°à¤•ाशजी (बरेली), शà¥à¤°à¥€ नीरज शरà¥à¤®à¤¾, मणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° के अतिरिकà¥à¤¤ शà¥à¤°à¥€ काशीरामजी अनल, विनोद, संजय आरà¥à¤¯ आदि सहित अनेक à¤à¤œà¤¨à¥‹à¤ªà¤¦à¥‡à¤¶à¤• उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे। इस अवसर पर विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ से संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ à¤à¥€ पधारे थे। इस अवसर पर सरà¥à¤µà¤¶à¥à¤°à¥€ विनय आरà¥à¤¯ उपमनà¥à¤¤à¥à¤°à¥€-सारà¥à¤µ. आ. पà¥à¤°. सà¤à¤¾ दिलà¥à¤²à¥€, दलवीरसिंह राघव, रमेश गोयल, लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€à¤¨à¤¾à¤°à¤¾à¤¯à¤£ आरà¥à¤¯, मानसिंह यादव, अतà¥à¤² वरà¥à¤®à¤¾, गोविनà¥à¤¦ आरà¥à¤¯, दकà¥à¤·à¤¦à¥‡à¤µ गौड़, कमलेश याजà¥à¤žà¤¿à¤•, काशीराम अनल, जगनà¥à¤¨à¤¾à¤¥ सिंह, à¤à¤µà¤‚ शà¥à¤°à¥€ दरबारसिंह आदि पधारे थे। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की सफलता हेतॠपूरी समिति के सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ने पूरà¥à¤£ निषà¥à¤ ा और अपनी सामथà¥à¤°à¥à¤¯ से इस हेतॠपà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया वह अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¤‚सनीय है। वे सà¤à¥€ साधà¥à¤µà¤¾à¤¦ के पातà¥à¤° हैं। इस मधà¥à¤¯ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ होकर अनेक वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने गà¥à¤Ÿà¤–ा, तमà¥à¤¬à¤¾à¤•ू, सिगरेट तथा मांसाहार तà¥à¤¯à¤¾à¤—ा। कà¥à¤› वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने दैनिक यजà¥à¤ž करने का संकलà¥à¤ª लिया। वहीं कà¥à¤› लोगों ने अपने नाम के आगे जाति सूचक नाम के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर आरà¥à¤¯ लिखने की घोषणा की। समिति के सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ने पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· करने का निशà¥à¤šà¤¯ किया है। यह कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® अब माह नवमà¥à¤¬à¤° 2018 में पनà¥: आयोजित किया जाà¤à¤—ा।
-पà¥à¤°à¤•ाश आरà¥à¤¯ संयोजक, गायतà¥à¤°à¥€ महायजà¥à¤ž समिति