Annual Function

09 Dec 2018
India
आरय समाज जवाहर नगर

आर्य समाज जवाहर नगर लुधियाना का वार्षिक उत्सव 23 से 25 नवम्बर 2018 तक बड़ी श्रद्धा, उल्लास के साथ मनाया गया | कार्यक्रम का शुभारम्भ आर्य समाज के सुसज्जित सत्संग भवन में शुक्रवार 23 नवम्बर को प्रातः मंगल यज्ञ से हुआ जिसके ब्रह्मा आर्य समाज के पुरोहित पं. बालकृष्ण जी शास्त्री थे | 23 एवं 24 नवम्बर को क्रमशः श्रीमती अर्चना एवं आशीष भनोट जी तथा अन्य सभी यजमानों ने बड़ी श्रद्धा से यज्ञ में आहुतियां प्रदान की | पं. नरेन्द्र आचार्य जी ने मंत्रोच्चारण में सहयोग दिया |

उत्सव का कार्यक्रम प्रतिदिन प्रातः एवं रात्रि के सत्र में हुआ | आर्य जगत की सुप्रसिद्ध भाजनोपदेशिका अंजलि आर्य जी ने प्रतिदिन भजनोपदेश किया | उन्होंने परमात्मा को हमारे जीवन का आधार बताते हुए अपने मधुर स्वर में प्रभु भक्ति के भजन सुबह शाम तुम आंखे मुंद कर ध्यान उसी का कर लेना, दुर्गुण सारे दूर भगा दो, यही प्रार्थना कर लेना तथा जग के पालक सबके स्वामी तेरा रंग निराला है, जीव जहां जो पैदा किया है तूने सब को पाला है सुना कर उपस्थित अर्याजानो को आनंदित किया | रात्रि के सत्र में अंजलि आर्य जी ने बतलाया कि हमारी आत्मा हमारे सुकर्मो की सुगन्धि एवं दुष्कर्मो की दुर्गन्ध को अनुभव करती है | अच्छे कर्म करने पर ऐसा अनुभव होता है जैसे किसी ने पीठ थपथपाई हो और इसके विपरीत दुष्कर्म करने से पहले हमारे मन में लज्जा, भय शंका उत्पन्न होती है | अपने गीतों के माध्यम से सब को सचेत करते हुए गीतों की पंक्तिया प्रसतुत की, बातों ही बातों में बीती रे उमरिया, तुझे होश न आया यूं ही वक़्त गंवाया | इसी प्रकार 24 नवम्बर प्रातः यज्ञ के उपरान्त बहिन अंजलि आर्य जी के मनोहर भजन हुये जिससे वातावरण आनंदमय हो गया | रात्रि की बैठक में जीवन सुधार, राष्ट्र भक्ति एवं महर्षि दयानन्द का गुणगान सुन कर भाव विभोर हो उठे |

  उत्सव का समापन समारोह 25 नवम्बर रविवार प्रातः साढ़े आठ बजे बजे से आरम्भ हुआ | पांच यज्ञ कुंडों पर बैठे यजमानों ने श्रद्धापूर्वक आहुतियां प्रदान की | यज्ञ की सुगन्धि एवं वेद मंत्रो के उच्चारण से वातावरण आनंदमय बन गया | इस पवित्र व शांत वातावरण में यज्ञ की पुर्नाहुति की गई | सभी यजमानों को विद्वानों द्वारा आशीर्वाद एवं धार्मिक पुस्तके तथा प्रसाद रूप में फल दिए गये | सब को यज्ञ शेष व प्रातः राश वितरित किया गया | यज्ञ के उपरान्त लुधियाना के प्रतिष्ठित परिवार श्रीमती पूजा एवं श्री बृजेश पुरी ने ज्योति प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का आरम्भ किया | सुप्रसिद्ध अमर उद्दोग के मालिक श्रीमती नीलम एवं श्री अरुण थापर ने अपने कर कमलों द्वारा ध्वजारोहण किया | सुन्दर बैंड की ध्वनि से सभी को आकर्षित किया | पं. योगराज शास्त्री ने ध्वज गीत गाया | आर्य समाज की ओर से इन दोनों परिवारों को स्मृति चिन्ह भेंट किये गये |

  मंच का संचालन करते हुये आर्य समाज के महामंत्री श्री अनिल कुमार ने विद्वानों व अर्याजानो का अभिनन्दन किया तथा पं. राजेन्द्र व्रत जी को भजन प्रस्तुत करने के लिये आमंत्रित किया | उन्होंने प्रभु तेरा नाम ओ३म् नाम सब का सहारा है भजन सुनाने के बाद सब जि मंत्रमुग्ध कर दिया | इस उत्सव में देवकी देवी जैन मैमोरियल कालेज फार वूमैन लुधियाना की पांच छात्राओं को बी.ए.फाइनल में परीक्षा में संस्कृत विषय में अपने पांच स्थान प्राप्त करने पर श्रीमती सुमित्रा देवी जी बस्सी द्वारा आर्शित राशि से पारितोषिक एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया | आर्य जागत के प्रसिद्ध वैदिक विद्वान स्वामी सम्पूर्णानंद जी सरस्वती ने कहा कि पिछले पांच हज़ार वर्षो में विश्व के अंदर फैले मतों में कुछ कुछ सत्य है लेकिन पूर्ण सत्य केवल मात्रा सनातन वैदिक धर्म में ही है | उन्होंने आगे कहा कि विश्व की सभी सामाजिक एवं धार्मिक समस्याओं का समाधान केवल वेद द्वारा ही किया जा सकता है इसलिये आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानन्द सरस्वती जी ने लोगों को वेदों की ओर लौटने का आह्वान किया | स्वामी दयानन्द ने वैदिक दृष्टिकोण से सृष्टि रचना की व्याख्या कर वेद के विरुद्ध चलने वाले मतों के धर्म गुरुओं को शास्त्रार्थ कर पराजित किया | वर्तमान में चल रही दुख लालच से जुड़ी भक्ति कभी भी मोक्ष की ओर नहीं ले जा सकती | केवल व केवल मात्र आर्य समाज की वेदी से ऋषियों की मान्यताओ के प्रचार व प्रसार द्वारा ही मोक्ष का रास्ता सुलझ सकता है |

  आर्य समाज के प्रधान डा. विजय सरीन जी ने उत्सव की सफलता के लिए परमात्मा का धन्यावाद किया |  à¤¤à¤¦à¥‹à¤ªà¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤ सभी विद्वानों, संगीतज्ञों तथा उपस्थित आर्य जनता का धन्यावाद किया | लुधियाना जिला को सभी आर्य समाजो, शिक्षण संस्थाओं के साथ साथ नगर के अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने बहुसंख्या में उपस्थित होकर धर्म लाभ उठाया तथा उत्सव की शोभा को बढ़ाया | कार्यक्रम के उपरान्त दोपहर डेढ़ बजे सभी ने मिल कर प्रतिपुर्वक ऋषि लंगर ग्रहण किया |

  आर्य समाज जवाहर नगर के उपप्रधान श्री राजेन्द्र बेरी, बृजमोहन अरोड़ा, कोषाध्यक्ष राजीव गुप्ता, संजीव गुप्ता, अजय मोंगा, ओम प्रकाश गुप्ता, श्रीमती अनुपमा गुप्ता, स्वर्ण कौर, ममता शर्मा, तथा अन्य सदस्यों एवं बच्चों ने बड़ी लग्न से कार्य किया | भिन्न भिन्न आर्य समाजों से सर्वश्री मोहन मेहता, अतुल मेहता, पदम औल, जगदीश बस्ती, वी.के.स्याल, सतपाल नारंग, सुरेन्द्र टंडन, संत कुमार आर्य, सुमित टंडन, संजीव चड्डा, विनोद सूद, रमेश सूद, हर्ष आर्य, बाला गम्भीर, किरण टंडन, जनक आर्या, राजेश शर्मा, रणवीर शर्मा, आर.पी.गोयल, जनक भगत, योगराज शास्त्री, विनोद गर्ग, महेंद्र प्रताप, विजय कारण गुप्ता, कर्मवीर गुलाटी, विकास बत्रा, संजय बिरमानी, डा.एसके सेठ, डा.के.एल.बजाज, अजय बत्रा, संजय बिरमानी, डा.एस.के.बांगिया, डा.सुमन शारदा, राखी डांग, प.अर्जुन देव, पं.महेश, पं.रमेश शास्त्री, जे.पी शुक्ला, अरुण सूद, मनोहर लाल, डा.वी.के.भनोट, वेद प्रकाश भंडारी, वजीर चंद, अमरेश, अमरनाथ टांगरा, संजीव बस्सी, सतपाल मोंगा, विनोद गांधी, सरोज गम्भीर, निधि सरीन, शालू शर्मा, वीना गुलाटी, श्वेता सेतिया, सीता रानी, प्रदीप पाहवा, अनिल गौतम, हितेंद्र, मनीश मदान, अश्र्चर्ज लाल गुलाटी, विजय गुलाटी आदि उपस्थित रहे |

 

125th Maharshi Dayanand Saraswati Nirvan Utsav