The Arya Samaj | News of Sarvadeshik Arya Pratinidhi Sabha

Kashi Mahasammelan - Day 3

13 Oct 2019
India
सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा

तीन दिवसीय कार्यक्रम का समापन 
आर्य समाज, वैदिक धर्म, भारत माता की जय और स्वामी दयानंद के नारों से गूंज उठी काशी नगरी 
काशी में आर्य समाज के इतिहास भव्यात्मक शोभायात्रा 
काशी से बजेगा पुन: वेदों का डंका- आर्य समाज का आहवान 
काशी में आयोजित आर्यसमाज संगठन की ओर से महर्षि दयानंद सरस्वती के प्रसिद्ध काशी शास्त्रार्थ की 150 वी वर्षगांठ के अवसर पर 11 से 13 अक्टूबर, 2019 तक चले तीन दिवसीय स्वर्ण शताब्दी वैदिक धर्म महासम्मेलन का यज्ञ एवं विशाल शोभायात्रा के साथ समापन हो गया है. 
आर्य समाज संगठन की सर्वोच्च संस्था सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा एवं उत्तर प्रदेश आर्य प्रतिनिधि सभा के संयुक्त तत्वावधान में चले इस कार्यक्रम में रविवार को विशाल शोभायात्रा का आयोजन किया गया. कार्यक्रम स्थल नरिया लंका से आरम्भ शोभायात्रा का समापन काशी शास्त्रार्थ स्मृति स्थल आनन्द बाग में हुआ. शोभायात्रा में शामिल हजारों की संख्या में महिलाएं युवा ओ३म ध्वज, केसरिया टोपी व पगड़ी पहनकर आर्य समाज अमर रहे, महर्षि दयानंद सरस्वती की जय, भारत माता की जय के नारों के साथ शामिल हुए. लगभग आठ किलोमीटर लम्बी शोभायात्रा महानगर के मुख्यमार्गो, बाजारों से होते हुए जहाँ से भी गुजरी अलग-अलग स्थानों पर विभिन्न धार्मिक सामाजिक संगठनों द्वारा स्वागत किया गया. आर्यवीर दल एवं आर्य वीरांगना दल की ओर से मार्ग में किये गये योग, तलवारबाजी एवं लाठियां द्वारा किये गये अद्भुत प्रदर्शन आकर्षण का मुख्य केंद्र रहे. 
शोभायात्रा का समापन काशी स्मृति स्थल आनन्द बाग में हुआ जहाँ जनसभा को संबोधित करते सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान सुरेशचन्द्र आर्य ने बताया कि काशी धर्मस्थली का अतीत देश का एक समर्ध इतिहास संजोये है. आर्य समाज जैसे सामाजिक धार्मिक संगठन का उदय होने में काशी नगरी का बेहद महत्वपूर्ण योगदान रहा है. इसी काशी नगरी से स्वामी दयानन्द सरस्वती ने वेदों की ओर लौटों का नारा बुलंद किया था. 
उल्लेखनीय है 19 सदी में महान समाज सुधारक स्वामी दयानंद की अगुवाई में आर्य समाज ने भारतीय समाज को जगाने का कार्य किया. जब देश में अंग्रेजी शासन था तब क्रांतिकारियों को यदि कोई शरण देता था तो सर्वप्रथम आर्य समाज के कार्यकर्ता देते थे. इस अवसर पर उत्तर प्रदेश प्रतिनिधि सभा के महामंत्री स्वामी धर्मेश्वरानन्द, दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान धर्मपाल आर्य समेत स्वर्ण शताब्दी वैदिक धर्म महासम्मेलन को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि भारत को पुन: विश्वगुरु बनाना है तो अंधविश्वास पाखंड को मिटाना होगा. भारतीय संस्कृति एवं राष्ट्र के नैतिक मूल्यों की रक्षा के लिए सभी को साथ आना होगा. आधुनिक भारत में छुआछूत और जातिवाद के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए. सभी को संगठित होकर समाज से बुराई खत्म करने का आह्वान किया. शोभायात्रा का संचालन धर्मपाल आर्य ने किया, अध्यक्षता सुरेशचन्द्र आर्य ने की. प्रमोद आर्य, सतीश चड्ढा, सुरेश गुप्ता, प्रकाश आर्य, विनय आर्य पाणिनि कन्या गुरुकुल वाराणसी की संचालिका आचार्य नंदिता, आचार्य अनपूर्णा, सार्वदेशिक आर्य वीर दल के अध्यक्ष आचार्य देवव्रत, स्वामी सम्पूर्णनन्द समेत गुरुकुल के छात्र-छात्राओं के अलावा हजारों लोग सम्मलित हुए.

Annual Function

Kashi Mahasammelan - Day 3 - Shobhayatra