Rashtra Raksha Yajya Completed

18 Jun 2020
Uttar Pradesh, India
आर्य वीर दल बलरामपुर

आर्य वीर दल बलरामपुर ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपने देश का नाम सभी भाषाओं और सभी देशों में केवल" भारत" लिखे और बोले जाने के निर्णय का स्वागत करते हुए चार दिवसीय राष्ट्र रक्षा यज्ञ का आयोजन किया। समापन सत्र के मुख्य यजमान मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधि तुलसीपुर विधायक कैलाश नाथ शुक्ला तथा विशिष्ट अतिथि क्षेत्राधिकारी सदर बलरामपुर रहे। राष्ट्र रक्षा यज्ञ पूर्णाहुति के बाद मा. मुख्यमंत्री जी का प्रशस्ति पत्र उनके प्रतिनिधि तुलसीपुर विधायक मा.कैलाश नाथ शुक्ला ने स्वीकार करते हुए उसे मुख्यमंत्री को भेंट करने का वचन दिया। इसके बाद कोरोना फाइटर्स के चारों स्तंभों सुरक्षा, स्वास्थ्य, सफाई एवं समाचार के प्रमुख 22 योद्धाओं तथा कई समाजसेवियों को "कोरोना कमांडो प्रशस्ति पत्र" भेंट करके सम्मानित किया गया। आर्य वीर दल बलरामपुर द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए प्रतिदिन कम कम संख्या में लोगों को आमंत्रित करते हुए अब तक महिला एवं पुरुष सिपाही से लेकर के डीआईजी महोदय तक कुल 28 सुरक्षा बल, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के संवाददाता से लेकर ब्यूरो चीफ तक कुल 22 कर्मी, स्वास्थ्य विभाग के 12 कर्मी तथा सफाई विभाग के 8 कर्मी कोरोना कमांडो प्रशस्ति पत्र व अंगवस्त्र शाल भेंट करके सम्मानित किए जा चुके हैं। यज्ञ आचार्य आर्य अशोक तिवारी ने अपने देश की गौरव गाथा का परिचय देते हुए बताया कि 1,96,08,53,121 वर्ष पूर्व जबसे सृष्टि बनी है तभी से हमारे देश का नाम आर्यावर्त व भारत रहा है। आर्य का अर्थ होता है श्रेष्ठ गुणों वाले तथा आर्यावर्त का अर्थ होता है श्रेष्ठ गुणों वाले मनुष्यों के रहने का देश। इसी प्रकार भारत = भा+रत का अर्थ होता है संसार में अच्छे ज्ञान और आचार का प्रचार प्रसार करने वाला देश (भा का अर्थ होता है चमक ,ज्ञान व श्रेष्ठ आचरण तथा रत का अर्थ होता है निरंतर फैलाने में लगा हुआ)। इस प्रकार आर्यावर्त और भारत का अर्थ हुआ वह देश जो सारे संसार को रास्ता दिखाए अर्थात् विश्व गुरु। महाभारत काल तक तक हमारे देश का नाम आर्यावर्त और भारत ही रहा। लेकिन पराधीनता काल में मुगलों ने हमारा नाम हिंदू (काफिर, दास गुलाम) तथा हमारे देश का नाम हिंदुस्तान रख दिया। इसी प्रकार अंग्रेजों ने हमारा नाम इंडियन (पिछड़े और घिसे पिटे हुए अपराधी लोग) और हमारे देश का नाम इंडिया रखा। यह दोनों नाम हमारे लिए अपमानजनक शब्द है। आश्चर्य तो यह है कि हमारे वेद, उपनिषद, रामायण, गीता, सभी पुराणों तथा रामचरितमानस तक में हमारा नाम केवल आर्य तथा हमारे देश का नाम आर्यावर्त अथवा भारत ही लिखा है। किसी भी ग्रंथ में हिंदुस्तान अथवा इंडिया नहीं लिखा है और अब हम आजाद भी हो चुके हैं लेकिन हमारे खून में गुलामी भरा होने के कारण आज भी हम चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के बजाय 1 जनवरी को नया वर्ष मनाते हैं तथा वैवाहिक वर्षगांठ और जन्मदिन आदि सभी खुशियों में हवन करने के बजाए फीता और केक काटकर खुशियां मनाते हैं तथा चोटी और जनेऊ रखने में शर्म करते हैं। सभा को पूर्व कमिश्नर उत्सव आनंद मिश्र, डॉक्टर ए.के. सिंह, संजय कुमार मिश्रा ने भी संबोधित किया। संरक्षक प्रमोद कुमार जयसवाल एडवोकेट ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के अंत में चीनी सैनिकों के साथ मुठभेड़ में शहीद 20 भारतीय जवानों की आत्मा शांति के लिए शांति सभा करके कार्यक्रम समाप्त कर दिया गया। कार्यक्रम में गोविंद सिंह, अखिलेश उपाध्याय, मयंक सिंह, बच्चा मिश्रा तथा आर्य वीर दल के सभी 16 टोली नायक उपस्थित थे।

 

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