
22nd Varshikotsav

29 Jan 2023
India
आरय समाज वैशाली नगर
आर्य समाज वैशाली नगर के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय वार्षिकोत्सव एवं पंचकुंडीय विश्वकल्याण महायज्ञ को संपन्न कराने वानप्रस्थ साधक आश्रम रोजड़ गुजरात से आर्यजगत की विभूति आर्य जगत के उद्भट् विद्वान दर्शन आचार्य मुनि सत्यजित जी पधारे। मुनि जी ने वेद के अनुसार ईश्वर की स्वरूप स्वरूप को विस्तार से इस दिव्य वैदिक सत्संग में पधारे श्रद्धालुओं के समक्ष रखा। मुनि जी ने बताया कृतघ्नता से बढ़कर कोई भी अपराध नहीं है। कोई हमारे लिए बहुत कुछ करें और हम उसके उपकार को नहीं माने उसकी उपेक्षा करें तो यह बहुत बड़ा दोष है। ठीक इसके विपरीत ईश्वर के द्वारा किए हुए उपकारों को मानना स्वीकार करना प्राथमिक सीढ़ी है ईश्वर प्राप्ति की सबसे प्राथमिक सिढी है। और यह कृतज्ञता का भाव ईश्वर की कृपा को अनुभव किए बिना उत्पन्न नहीं हो सकता। इसलिए मनुष्य को आवश्यक है कि वह ईश्वर की कृपा को अनुभव करे। साथ ही रोजड़ से पधारी मुनि ऋतमा ने ईश्वर प्रणीधान को जीवन में अपनाने पर बल दिया जीवन का मुख्य अंग माना। कार्यक्रम में दर्शनाचार्य श्री रविशंकर आर्य श्री देवेंद्र शास्त्री डॉक्टर कृष्ण पाल सिंह डॉ गायत्री पवार श्रीमति श्रुति शास्त्री आदि वैदिक विद्वान भी उपस्थित रहे। आर्य समाज वैशाली नगर के 22 वें भव्य वार्षिक उत्सव के समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री जगदीश जी शर्मा ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में समाजसेवी श्री प्रदीप जी शर्मा रहे। विशिष्ट अतिथि श्री अरुण वशिष्ठ, श्री बजरंग सिंह शेखावत, श्री प्रमोद गांधी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में आए हुए अतिथियों का स्वागत आर्य समाज वैशाली नगर के प्रधान श्री के के वशिष्ठ ने किया। कार्यक्रम में श्री एम एल गोयल श्री आरके नारंग हनुमान शर्मा वेद प्रकाश कुमावत राजेश कुमावत, हेमंत पचौरी, विनय झा, सुभाष आर्य, आशीष मिनोचा, शैलजा मिनोचा, मीना शर्मा, कृष्णा शर्मा, सरोज नारंग एवं सैकड़ों आर्य जन कार्यक्रम में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन आचार्य दीपक शास्त्री जी ने किया।