Janchetna Mahayajya

22 Mar 2023
India
गरकल परभात आशरम

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 2080 तदानुसार 22 मार्च 2023 बुधवार की सुबह मेरठ महानगर का हृदय स्थल महाराणा प्रताप प्रांगण जीमखाना मैदान अत्यंत मनोहारी दृश्य प्रस्तुत कर रहा था। केसरिया रंग की ओम् पताकाओं एवं प्रेरणास्पद सुक्तियों एवं चित्रों से सुसज्जित पंडाल उपस्थित जनसमुदाय को आध्यात्मिकता एवं धार्मिक भावनाओं से सराबोर कर रहा था। वेद मंत्रों की मधुर ध्वनि श्रोताओं के हृदयों में अमृत वर्षा कर रही थी। 521 यज्ञ कुंडो में यजमान द्वारा प्रदत्त गोघृत एवं औषधीय सामिग्री से संपूर्ण वातावरण सुगंधित से पवित्रता से परिपूर्ण हो गया। अवसर था नवसंवत्सर के शुभारंभ पर जनचेतना महायज्ञ का। कार्यक्रम का आरंभ मेरठ पब्लिक स्कूल की छात्राओं द्वारा यू हीं जीवन बिताने से क्या फायदा, चंदन ईंधन बनाने से क्या फायदा। के प्रेरक भजन से हुआ। मुख्य संयोजक राजेश सेठी ने कहा की जन-जन तक यज्ञ, वैदिक संस्कृति की महानता एवं भारतीय नववर्ष की महत्ता को प्रचारित करने के लिए यह कार्यक्रम 26 वर्षों से गुरुकुल प्रभात आश्रम‌‌‌ द्वारा आयोजित किया जा रहा है।आज ही के दिन नवजागरण के पुरोधा युगप्रवर्तक महर्षि दयानन्द सरस्वती ने क्रांतिकारी संगठन आर्यसमाज की मुम्बई में स्थापना की थी, जो आज भी राष्ट्र के सजग प्रहरी के रूप में अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहा है। हरिद्वार से पधारे गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार के कुलपति आचार्य डाक्टर सोमदेव शंताशु एवं गुरुकुल के ब्रह्मचारियों ने मानवता एवं विश्व कल्याण के लिए स्वस्ति वाचन एवं शांति करणम् मंत्रों का पाठ किया। यज्ञ के ब्रह्म के रूप में श्रद्धैय स्वामी विवेकानंद सरस्वती जी का वरण  श्री मति कुसुम शास्त्री एवं विक्रमशास्त्री, विवेकशेखर, वेदप्रकाश सर्राफ, प्रभात शेखर ने स्वामी जी के चरणों में पुष्प अर्पित कर किया। अशोकसुधाकर चंद्रकांत अनुज शर्मा ने डाक्टर सोमदेव शतांशु का वरण किया। योगेश मुवार, शरद सुधाकर, शेखर सुधाकर, सुशील बंसल, मनीष शर्मा, दिनेश कक्कड ने ऋत्विक जनों एवं उपस्थित संन्यासी गण को माला अर्पित कर अभिनंदन किया। यज्ञ प्रक्रिया में बृहद यज्ञ का निष्पादन कराते हुए यज्ञ के विभिन्न प्रकरणों की व्याख्या करते हुए स्वामी जी ने वेदों एवं वैदिक ऋषि परंपरा के महत्व एवं प्रासांगिकता से अवगत कराया। अपने सारगर्भित एवं प्रेरणास्पद उद्बोधन में अपनी प्राचीन वैदिक परंपरा एवं संस्कृति को जीवन में अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि महर्षि दयानन्द सरस्वती ने वेदों की और लोटने का आव्हान कर हमें अपनी गरिमापूर्ण जीवन-पद्धति एवं संस्कृति को अंगीकार कर यदि भारत को विश्व का अग्रणी राष्ट्र एवं विश्व गुरु बनाने का संदेश दिया।यज्ञिय संस्कृति के का अनुगमन करता ही सब केलिए लाभकारी है। हमें यज्ञ का संवर्धन करने वाली शक्तियों की विजय हेतु प्रयास करना चाहिए। तो वेद मार्ग पर चलना होगा। मर्यादापुरुषोत्तम राम ने भी यज्ञ की रक्षा हेतु सर्वप्रथम शस्त्र संधान किया।उनके जीवन का  प्रत्येक प्रसंग हमें प्रेरणा प्रदान करता है।रामायण हमें श्रेष्ठ मानव बनने का मार्ग दिखाती है। कार्यक्रम में विधायक उन्मत्त अग्रवाल, डीएवी प्रबंधसमिति के निदेशक एसके शर्मा, दिल्ली, डाक्टर सच्चिदानंद प्रधानाचार्य मेरठ कालिज, राजेंद्र चौधरी संपादकअमरउजाला ने भी स्वामीजी से आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों सत्यकाम इंटरनेशनल, सीजे डी ए वी पब्लिक स्कूल, मेरठ पब्लिक स्कूल समूह, महर्षि दयानन्द पब्लिक स्कूल, तक्षशिला पब्लिक स्कूल, एवं अनेक गुरुकुल दबथला, राजघाट,कन्या गुरुकुल नवलपुर के विद्यार्थी सम्मिलित रहे। विभिन्न सामाजिक संगठनों विश्व हिन्दू परिषद, पंजाबी आर्य भ्रातृ सभा, भारत स्वाभिमान ट्रस्ट, हिन्दू जागरण मंच, के पदाधिकारियों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग दिया। बागपत एवं मेरठ जनपद के दूरदराज के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों से लोग बसों में भरकर उत्साह पूर्वक यज्ञ में सम्मिलित हुए। कार्यक्रम में नगर के वरिष्ठ नेता एवं विशिष्ट जन बड़ी संख्या में यजमान के रुप में सपत्निक उपस्थित रहे। जिनमें श्रीअजय गुप्ता, अरुणजिंदल, प्रभात गुप्ता, हिमांशु गुप्ता, प्रमुख रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में चंद्रकांत, आचार्य वाचस्पति, प्रियांशु, देवेंद्र तोमर, अरविंद, अमित कांत, प्रीति सेठी, अपर्णा, ज्ञानप्रभा, सोम प्रकाश, आशीष सेठी, सोहन वीर, भानु बत्रा का सहयोग रहा।

 

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