Arya Maha Sammelan

Arya Maha Sammelan was organized by Arya Pratinidhi Sabha Jaipur Rajasthan.

आर्य प्रतिनिधि सभा राजस्थान द्वारा आयोजित विशाल आर्य महासम्मेलन भव्यता के साथ संपन्न महर्षि दयानंद सरस्वती की 200vi जयंती वर्ष के उपलक्ष में आर्य प्रतिनिधि सभा राजस्थान द्वारा दिनांक 23 और 24 सितंबर को जयपुर महानगर में अवस्थित विश्वविद्यालय राजस्थान महाविद्यालय के खेल मैदान पर विशाल आर्य महासम्मेलन का आयोजन हुआ। 2 दिन के इस सम्मेलन में हजारों आर्य सज्जनों ने भाग लिया। सभा मंत्री जीव वर्धन शास्त्री ने बताया कि राजस्थान प्रांत में विगत 40 वर्षों से इस प्रकार का सम्मेलन आयोजित नहीं हुआ था, आर्य समाज में नवीन ऊर्जा के संचार करने हेतु बड़े सम्मेलनों की महती आवश्यकता है। सम्मेलन के प्रथम दिवस प्रातः 7:00 बजे 200 कुंडीय 200 बालिकाओं का यह जो पवित्र पद्मश्री आचार्य सुकामा जी के  ब्रहम्त्व में हुआ। ओम ध्वजारोहण एमडीएच के चेयरमैन महाशय श्री राजीव गुलाटी जी एवं श्रीमती ज्योति गुलाटी जी के कर कमलों से किया गया। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि आर्य समाज के विश्व विश्रुत विद्वान गुजरात राज्य के महामहिम राज्यपाल आचार्य देवराज जी थे। इस अवसर पर आर्यन ग्रुप के चेयरमैन कैप्टन रूद्रसेन जी, डॉलर ग्रुप के अध्यक्ष दीनदयाल गुप्त जी, प्रसिद्ध समाज सेवी उद्योगपति श्री विजय शर्मा जी, राजस्थान के पूर्व लोकायुक्त सज्जन सिंह जी कोठारी, अमेरिका से पधारे डॉक्टर रमेश जी गुप्ता, सर्वे भवंतु सुखी ना ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री जितेंद्र भाटिया जी, सभा प्रधान श्री कृष्ण लाल गहलोत, मंत्री श्री जीवर्धन शास्त्री, कोषाध्यक्ष जयसिंह गहलोत, हरियाणा आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान श्री राधा कृष्ण जी एवं श्री ज्योति गुलाटी मंचासीन अतिथियों में सम्मिलित थे। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता एम.डी.एच के चेयरमैन महाशय श्री राजीव गुलाटी जी ने की मंचासीन अतिथियों का स्वागत गुरुकुल माउंट आबू के आचार्य ओमप्रकाश, सभा के पूर्व मंत्री डॉ सुधीर शर्मा, प्रोफेसर संदीपन आर्य, अशोक कुमार शर्मा जयपुर हेरीटेज नगर निगम की महापौर श्रीमती सौम्या गुर्जर, संजीव प्रकाशन से श्रीमती अंजू मित्तल, आर्य प्रतिनिधि सभा राजस्थान के अतरंग सदस्यों द्वारा किया गया। सभा का संचालन सभा मंत्री जयवर्धन शास्त्री ने किया। सम्मेलन के द्वितीय सत्र में राष्ट्र अभ्युदय एवं युवा सम्मेलन के अंतर्गत मुख्य प्रवक्ता स्वामी धर्मबन्धु विशिष्ट वक्ता अचार्य आर्य नरेश, आचार्य चंद्रशेखर शर्मा ग्वालियर, पूर्व विधायक श्री ज्ञान देव आहूजा थे। सत्र का संचालन प्रोफेसर संदीपन आर्य द्वारा किया गया। महर्षि की मानवता को देन विषयक तृतीय सत्र की अध्यक्षता दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष श्री धर्मपाल आर्य जी ने की मुख्य अतिथि डॉलर ग्रुप के अध्यक्ष श्री दीनदयाल गुप्त जी, विशिष्ट अतिथि श्री विजय शर्मा जी, सत्र के मुख्य प्रवक्ता आचार्य अग्निव्रत नैष्ठिक रहे। सत्र में वनवासियों के प्रतिनिधि श्री देवीलाल जी गौण को सम्मानित किया गया। सत्र संयोजन डॉक्टर मोक्षराज आर्य द्वारा किया गया। सायंकालीन सत्र में आर्य वीर दल राजस्थान द्वारा व्यायाम प्रदर्शन एवं शक्ति प्रदर्शन किया गया। इस सत्र में प्रांतीय संचालक भाव देव शास्त्री, आचार्य आनंद किशोर, श्री जितेंद्र भाटिया एवं सत्यवीर आर्य उपस्थित रहे। आर्य वीरों के प्रदर्शन में कन्या गुरुकुल भुसावल, आर्य कन्या गुरुकुल शिवगंज, कन्या गुरुकुल दाधिया, आर्ष  गुरुकुल आबू पर्वत, गुरुकुल लाढ़ौत, आर्य वीर दल पाली के कमांडो आचार्य रामकृष्ण शास्त्री के नेतृत्व में महर्षि दयानंद योगधाम के ब्रह्मचारियों ने भाग लिया। रात्रि 7:00 से 8:00 तक भजनोपदेश हुए। आचार्य श्रुति शास्त्री, प्रियंका शास्त्री, केशव देव आर्य जी द्वारा मधुर भजनों की प्रस्तुतियां दी गई। 6 वर्षीय लघु बालिका जानवी मित्तल द्वारा मधुर स्वर में स्वस्तिवाचन के मंत्रों कर गान किया गया। सत्र का संयोजन डॉक्टर सुधीर कुमार द्वारा किया गया। देश देशांतर में आर्य समाज नामक सत्र में डॉक्टर रमेश गुप्ता जी, श्री विनय आर्य जी एवं डॉ अशोक आर्य जी ने विचार व्यक्त किया। अंतिम सत्र में समापन समारोह में सभा प्रधान श्री कृष्ण लाल गहलोत, कोषाध्यक्ष श्री जय सिंह गहलोत, पुस्तकाध्यक्ष डॉक्टर मोक्षराज, प्रोफेसर संदीपन आर्य, अशोक कुमार, डॉक्टर सुधीर कुमार शर्मा, नरदेव आर्य, बलवंत निडर, अशोक आर्य केकड़ी, रवि चड्ढा एवं सभा में अतरंग पदाधिकारी एवं सदस्यों ने भारत के सभी प्रान्तों  से पधारे प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभाओं के पदाधिकारीयों  का सम्मान किया गया। असम, हरियाणा, दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ की आर्य प्रतिनिधि सभाओं के पदाधिकारीयों ने सम्मेलन में भाग लिया। सत्र का संयोजन सभा मंत्री जीव वर्धन शास्त्री ने किया। सम्मेलन के द्वितीय दिवस का प्रारंभ प्रातः कालीन मंत्रो से हुआ गुरुकुल आबू पर्वत के आचार्य ओमप्रकाश जी के ब्रह्मतम में 200 बालकों का यज्ञोपवीत संस्कार संपन्न हुआ। इस अवसर पर आचार्य अवनीश मैत्री डॉक्टर वरुण शास्त्री आचार्य प्रशांत एवं गुरुकुल के ब्रहम्चार्यो द्वारा मंत्र पाठ किया गया। प्रथम एवं द्वितीय दिवस की संपूर्ण यज्ञ व्यवस्था आचार्य अवनीश मैत्री, सुनील अरोड़ा, तुंगनाथ तिवारी, श्रीमती सुधा मित्तल, सतीश मित्तल द्वारा की गई मंथन नमक सत्र में प्रकाश आर्य, प्रोफेसर सुधीर कुमार शर्मा, अचार्य आर्य नरेश, आचार्य सूर्यदेवी चतुर्वेदा, प्रदीप आर्य अलवर, अशोक आर्य उदयपुर आदि अनेक विद्वानों ने विचार व्यक्त किए सत्र का संयोजन अशोक कुमार ने किया। समस्त कार्यकर्ताओं दैनिक याज्ञिकों, सन्यासियों, वानप्रस्थियों,  आदिवासियों से संपन्न मंच पर कार्यक्रम का सत्रावसान हुआ। सभा प्रधान श्री कृष्ण लाल गहलोत द्वारा ध्वजावतरण कर सम्मेलन के समापन की घोषणा की गई। राजस्थान प्रदेश के महर्षि दयानंद सरस्वती के अनुयाई राजवंशों के वंशजों का सम्मान करना कार्यक्रम की विशेषता रही सभी वाक्य विद्वानों अतिथियों ने महर्षि दयानंद के विचारों, कार्यों, मंतव्यों, नवजागरण, महिला शिक्षा, दलित सुधार, राजनीतिक, दार्शनिक चिंतन, स्वतंत्र संग्राम में अवदान आर्य समाज की वर्तमान में प्रासंगिकता आदि अनेक विषयों पर विचार व्यक्त किए गए।

 

Swadhyay evm Yog Sadhna Shivir

Charitra Nirman evm Aatmraksha Prashikshan Shivir