The Arya Samaj | 97th Swami Shraddhanand Balidan Diwas

97th Swami Shraddhanand Balidan Diwas

97th Swami Shraddhanand Balidan Diwas was organized by Arya Kendriya Sabha Delhi Rajya.

बीते दिनों 25 दिसम्बर 2023 को शिक्षाविद, स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी, आर्य सन्यासी स्वामी श्रद्धानंद जी के 97वें बलिदान दिवस के अवसर पर आर्य समाज द्वारा पुरानी दिल्ली के विभिन्न मार्गो से होती हुई एक विशाल शोभा यात्रा का आयोजन किया गया। शोभा यात्रा के अंत में रामलीला मैदान में एक विशाल जनसभा आयोजित की गई। इस शोभा यात्रा की विशेषता है की 96 वर्षो से ये शोभा यात्रा प्रतिवर्ष निर्विघन आयोजित होती है। दिल्ली आर्य केंद्रीय सभा के तत्वावधान में आयोजित होने वाली 4 किलोमीटर लम्बी इस शोभा यात्रा और जन सभा में दिल्ली-एनसीआर की लगभग 400 आर्य संस्थाओ के लगभग 20 हज़ार सदस्य और महृषि दयानन्द सरस्वती के अनुयायी पुरे जोश और उत्साह के साथ शामिल हुए। चांदनी चौक स्थित टाउन हाल में स्थापित स्वामी श्रद्धानंद जी की विशाल प्रतिमा के समक्ष आर्य वीर दल के आर्य वीर और वीरांगनाओं द्वारा किया जाने वाला शोर्य प्रदर्शन इस शोभायात्रा का विशेष आकर्षण रहा। दिल्ली सभा के प्रधान श्री धर्मपाल आर्य, आर्य केंद्रीय सभा के प्रधान श्री सुरेंद्र रैली, महामंत्री आर्य सतीश चड्डा, स्वामी प्रवणानंद जी, दयानंद सेवा आश्रम के महामंत्री जोगिन्दर खट्टर, स्वामी सच्चिदानंद, तपस्वी श्री सुखदेव वर्मा, महामंत्री श्री विनय आर्य और अन्य महानुभावों ने शोभायात्रा का नेतृत्व किया। रामलीला मैदान में आयोजित रैली में आर्य समाज के वरिष्ठ नेताओं के इलावा विभिन राजनीतक संगठनों के शीर्ष नेता, शिक्षाविद, मूर्धन्य सन्यासियों ने जनसभा को संबोधित किया। पंजाब केसरी समूह की संपादक श्रीमती किरण चोपड़ा ने कहा की सामाजिक उत्थान एवं सुदृढ़ राष्ट्र हेतू जिन विषयों को महर्षि दयानंद सरस्वती ने चिन्हित किया और स्वामी श्रद्धानंद जी ने प्रेरित होकर उनको वास्तविक धरातल देने हेतु अपने जीवन को आहूत किया, उन्ही विषयों को वर्तमान सरकार अपने कार्यक्षेत्र में उचित स्थान दे रही है। श्री तुफैल चतुर्वेदी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा की स्वामी श्रद्धानंद जी को श्रद्धांजलि देते हुए, उन्हीं विषयों को उजागर किया जिन्हें किए बिना देश में जनकल्याण नही हो सकता।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Rishi Bodhotsav

140th Nirvan Diwas