The Arya Samaj | News of Zila Arya Pratinidhi Sabha Kota

Vedas set gifted on Maharishi Dayanand Janmotsav

05 Mar 2016
Rajasthan, India
ज़िला आरय परतिनिधि सभा कोटा

कोटा, 5 मार्च। मानव मात्र के लिए जितना भी ज्ञान विज्ञान आवश्यक है सारा वेदों में विद्यमान है। हमें चाहिए कि हम वेदों का अध्ययन करें तथा सभी को इन्हें पढ़ने की प्रेरणा दें व ज्ञान को दूसरों तक पहुंचावें, वेदों के प्रचार प्रसार के लिए आर्यसमाज निरंतर गतिशील है।

उक्त विचार अदालत परिसर स्थित अविभाषक परिषद् सभागार में आयोजित महर्षि दयान्द सरस्वती जन्मोत्सव कार्यक्रम में राजस्थान बार कौंसिंल के पूर्व अध्यक्ष व कोटा के वशिष्ट अधिवक्ता महेष चन्द्र गुप्ता ने मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए आर्य समाज के जिला प्रधान अर्जुनदेव चढ्डा ने कहा कि महर्षि दयानन्द सरस्वती ने जर्मनी से वेदों की पांडुलिपि मंगवाकर उसका हिन्दी भाष्य अनुवाद सरल भाषा में किया जो आज पूरे विश्व के वैज्ञानिक एवं आध्यात्मिक विकास का आधार बन गया।

 

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता आर्य विद्वान रामप्रसाद याज्ञिक ने कहा कि महर्षि दयानन्द सरस्वती ने प्राणीमात्र के कल्याण के लिए ही आर्यसमाज की स्थापना की। उनकी प्रेरणा से हजारों लोगों ने देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया। उन्होंन मानव मात्र के कल्याण हेतु ‘‘वेदों की ओर लौटो‘‘ का नारा दिया।

अभिभाषक परिषद् कोटा के अध्यक्ष दीनानाथ गालव ने कहा कि मुझे भी आर्यसमाज के कई कार्यक्रमों में जाने का मौका मिला है तथा मैं आर्यसमाज की विचारधारा से प्रभावित हूं और इस पर चिंतन व मनन करता हूं।

इस अवसर पर आर्यसमाज जिला सभा की ओर से मंचासीन अतिथियों सर्वश्री महेषचंद गुप्ता, अर्जुनदेव चढ्डा, रामप्रसाद याज्ञिक, दीनानाथ गालव, मंत्री रोहित सिंह राजावत, कैलाष बाहेती, श्रीचंद गुप्ता, चंद्रमोहन कुषवाह, जे.एस. दुबे, वाई.आर. कुमरा, प्रभूसिंह कुषवाहा ने चारों वेदों का सेट वरिश्ठ एडवोकेट अख्तर खान अकेला एवं एडवोकेट हनीफ मोहम्मद को संयुक्त रूप से भेंट करते हुए आषा व्यक्त की कि वे इसका अध्ययन कर समाज को प्रेरणा दें।

एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मैं पिछले दो वर्शों से अपने मित्र व समाजसेवी अर्जुनदेव चढ्डा से वेद अध्ययन के लिए वेदों का सेट देने का आग्रह कर रहा था। उन्होंने कहा कि दुनिया के सभी धर्म ग्रंथ इंसानियत का पाठ पढ़ाते हैं। मेरी जिज्ञासा वेद पढ़ने की थी आज वेदों का सेट पाकर मैं बहुत प्रसन्न हूं।

कार्यक्रम का शुभारंभ प्रार्थना मंत्रोच्चार के साथ किया गया तथा सभी अतिथि महानुभावों का गायत्री मंत्र से सुसज्जित केसरिया दुपट्टा औढ़ाकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर अभिभाषक परिषद् के सदस्यगण एवं आर्यसमाज के पदाधिकारी उपस्थित थे।

कार्यक्रम संयोजक एडवोकेट चंद्रमोहन कुषवाह ’आर्य’ ने कुशल संचालन करते हुए सभी का आभार व्यक्त किया।

 

अर्जुनदेव चड्ढा

जिला प्रधान

मो. 09414187428

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