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Shri Krishna Janmotsav Celebrated in Morar
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12 Aug 2020
Madhya Pradesh, India
आरà¥à¤¯ समाज मà¥à¤°à¤¾à¤°
मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ आरà¥à¤¯ समाज मà¥à¤°à¤¾à¤° में 12 अगसà¥à¤¤ को शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ जनà¥à¤®à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤µ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• मनाया गया। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ यजà¥à¤ž से हà¥à¤ˆ जिसके उपरांत आरà¥à¤¯ समाज के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ रामपà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ वरà¥à¤®à¤¾ जी ने शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ जीवन पर महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ जी के विचार रखे। शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ जी का इतिहास महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ में अतà¥à¤¯à¥à¤¤à¥à¤¤à¤® है। उनका गà¥à¤£, करà¥à¤®, सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ और चरितà¥à¤° आपà¥à¤¤ पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ के सदृश है। मंतà¥à¤°à¥€ वीà¤à¤® गचà¥à¤› जी ने कहा शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ योगिराज थे। उनकी पतà¥à¤¨à¥€ रà¥à¤•à¥à¤®à¤£à¤¿ थी और पà¥à¤¤à¥à¤° का पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¯à¥à¤®à¥à¤¨ था। उनके जीवन में किसी अनà¥à¤¯ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ का पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤•à¤¾ रूप में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ नहीं था, इसी रूप में आरà¥à¤¯ समाज उनके पावन चरितà¥à¤° का गà¥à¤£à¤—ान करता है। इस अवसर पर शिवचरण लाल शरà¥à¤®à¤¾ जी ने शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ के अदà¥à¤à¥à¤¤ चरितà¥à¤° को विसà¥à¤¤à¤¾à¤° से वरà¥à¤£à¤¨ किया। शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£à¤œà¤¨à¥à¤® महोतà¥à¤¸à¤µ में सà¥à¤°à¥‡à¤‚दà¥à¤° राणा ने अपने à¤à¤œà¤¨ से उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ आरà¥à¤¯à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ को आनंदित किया। शांति पाठके बाद कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का समापन कराया।