36th Ved Parchar Saptah

11 Sep 2022
India
आरय समाज गोहाना मणडी

बीते दिनों दिनांक 11/09/2022 रविवार को आर्य समाज गोहाना मण्डी के 36वें वेद प्रचार सप्ताह के कार्यक्रम कि अंतिम सभा का आयोजन हुआ | इस अवसर पर डॉ. आचार्य सुश्रुत सामश्रमी आर्य स्नातकोतर महाविघालय पानीपत से पधारे प्रातः यज्ञ के उपरान्त पंडित अनिल दत्त नादान भजनोपदेशक ने मधुर भजनों से ओत-प्रोत कर दिया | इसके उपरान्त आचार्य सुश्रुत जी ने अपने वक्तव्य में बतलाया कि भारत अपने आत्मज्ञानी ऋषियों के कारण से पूर्वकाल में विश्व गुरु कहलाया यदि आज भी हमे उस उपाधि को प्राप्त करना है तो पुन: भारत में ज्ञान का प्रचार-प्रसार करना होगा | आने वाली पीढ़ी को चरित्रवान बनना होगा अपनी शिक्षा व्यवस्था में नैतिक मूल्यों का समावेश करना होगा | उन्होंने कहा कि क्रोध के द्वारा संसार को नही जीता जा सकता अपितु विनम्रता से जीता जा सकता है | प्रायश्चित संकल्प द्वारा अपनी जीवन की सभी बुराइयों को दूर किया जा सकता है | दुर्योधन के द्वेष के कारण एक भरा-पूरा राजपरिवार और न जाने कितने विद्वान योद्धा काल ग्राम बन गए | हमें अपने कुल कि वृद्धि के लिए पारस्परिक द्वेष को त्यागना होगा | वासना मनुष्य का गुण ना होकर पशु पक्षियों का गुण है | हमारी सरकारों को वासना को भड़काने वाले दृश्यों व विडियो आदि पर तुरंत बैन करना चाहिए | जब तक ऐसा नही होता तो बड़े बुजर्गो का दायित्व है कि अपने बच्चो पर दृष्टी बनाएं रखे | हमे अपने अपने ज्ञान, धन व बल पर अभिमान नही करना चाहिए हमारा धन क्षणभंगुर है सोंदर्य और बल वृधावस्था में निश्चय ही समाप्त होने वाला है, और ज्ञान में हम दुनिया के ज्ञानवान व्यक्तियों कि अपेक्षा एवं सर्वज्ञ परमेश्वर कि अपेक्षा भुत न्यून है तो ज्ञान का क्यों अभिमान करना | इस कार्यक्रम कि अध्यक्षता प्रधान धर्मपाल आर्य जी ने किया इस वसर पर पंडित विजेंद्र आर्य, राजदेव आर्य, सत्यनारायण आर्य, रामपाल जेई, अजीत आर्य, रामचन्द्र लढ़वाल, प्रदीप आर्य, नसीब आर्य, महेंद्र आर्य, सत्यवीर आर्य, आशीष आर्य, मा० राजेन्द्र आर्य बिघल, इंद्र सिंह एडवोकेट, मा० संदीप आर्य सभी का धन्यवाद किया |

 

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