
Ved Parchar-Prasar Mahotsav

25 Sep 2022
India
आरय समाज धामावाला
आर्य समाज धामावाला द्वारा आयोजित चतुर्दिवसीय वेद प्रचार-प्रसार महोत्सव के कार्यक्रम के प्रथम दिवस के प्रथम सत्र में गुरुकुल होशंगाबाद से पधारे आर्य जगत के वैदिक विद्वान आचार्य योगेंद्र याज्ञिक जी ने वेद मन्त्रों के आधार पर दृष्टांतों के माध्यम से चर्चा करते हुए बताया की प्रत्येक व्यक्ति सुख की चाहना करता है किन्तु सुख, शांति व तृप्ति का भेद नहीं समझता I भौतिक पदार्थों का सुख क्षणिक मात्र सुख है I संकल्प विकल्प का विचार करने से मन को शांति प्राप्त होती है I मन बुद्धि चित और अहंकार को नियंत्रित करने के अभ्यास से तृप्ति प्राप्त होती है I दृष्टान्त के आधार पर आचार्य जी ने बताया कि मानव सुख और दुःख का स्वयं जिम्मेदार है I सकारात्मक सोच विचार रखने से चित प्रसन्न रहता है और आनंद की अनुभूति होती है I जीवन के कार्य अपनी सामर्थ्य, बुद्धि, और योग्यता से बढ़कर करने से सफलता मिलती है I आचार्य जी ने वृत्तियों पर चर्चा करते हुए असुर, मनुष्य एवं देवता के भेद का वर्णन किया I जीवन में सांस्कृतिक विचार, चिंतन के द्वारा श्रेष्ठतम बनने का प्रयास करना चाहिए I कार्यक्रम का आरम्भ वेद मन्त्रों के उच्चारण के साथ आचार्य विद्यापति शास्त्री जी द्वारा यज्ञ से हुआ I तदुपरांत विश्व विख्यात भजनोपदेशक पं दिनेश पथिक जी ने भजनों के माध्यम से वेद महिमा और ईश्वर भक्ति के विषय में भजनों के माध्यम से उपस्थित आर्य जनों को आनन्दित किया I वेद प्रचार प्रसार के दूसरे दिवस का प्रातः का कार्यक्रम श्रीमती अंजू मोहन जी एवं श्री हरी मोहन रस्तोगी जी के निवास पर और सांयकालीन कार्यक्रम श्रीमती स्नेहलता खट्टर जी एवं श्री देस राज खट्टर जी के निवास पर आयोजित किया गया, जिसमें आर्य समाज धामावाला, आर्य समाज कोलागढ़, आर्य समाज लक्ष्मण चौक, स्त्री समाज करणपुर एवं अन्य नगरवासी उपस्थित रहे I चतुर्दिवसीय वेद प्रचार प्रसार कार्यक्रम का समापन दिनांक 25-09-2022 को प्रातः 8:30 बजे से 12:00 बजे तक आर्य समाज धामावाला में पूर्ण आहुति के कार्यक्रम तथा शंका समाधान के साथ हुआ I सांयकालीन 3:30 बजे से 6:00 बजे तक आर्य समाज कोलागढ़ में भजन एवं प्रवचन का आयोजन किया गया है I