Cloth Distribution

21 Nov 2022
Delhi, India
सहयोग

आपने “उँगली पकड़कर चलने” वाली कहावत तो सुनी ही होगी जिसका तात्पर्य किसी दूसरे पर निर्भर होने से है। निर्भरता से कभी कोई व्यक्ति अपनी पहचान नहीं बना सकता इसलिए आर्य समाज ने उँगली पकड़कर चलाया नहीं बल्कि हाथ का साथ देकर उठाया और उन्हें इस योग्य बनाया कि वों आत्मनिर्भर बन सके। हम बात कर रहें हैं उन निर्धन बहनों की जो आर्थिक समस्याओं और गृहक्लेश से त्रस्त थी। आर्य समाज की सेवा इकाई के प्रकल्पों में “आर्य महिला स्वरोज़गार प्रकल्प” के माध्यम से उन बहनों को रोज़गार दिया गया और उनके परिवारों का निरन्तर यज्ञ में आने से क्लेश ख़त्म हुए। “आर्य महिला स्वरोज़गार प्रकल्प” में कार्यरत बहनों को साप्ताहिक यज्ञ के पश्चात् “सहयोग” के माध्यम से वस्त्रादि भेंट किए गए। कार्यक्रम में समाज के अधिकारी श्री डॉ रामभरोसे जी व बहन आरती सम्मिलित रहीं।

 

Cloths Distribution to Rickshaw Puller

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