Arya Samaj leaders meet PM Modi

30 Dec 2022
Delhi, India

प्रधानमंत्री मोदी जी ने भारत के अतीत के बारे में लोगों में बेहतर जागरूकता पैदा करने के लिए आधुनिक भारतीय इतिहास पर शोध के दायरे को व्यापक बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही स्वामी दयानंद सरस्वती की आगामी 200वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री ने शैक्षणिक और सांस्कृतिक संस्थानों से उनके योगदानों के बारे में शोध करने का आह्वान किया। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अधीन काम करने वाली संस्था नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय सोसायटी की वार्षिक आम बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री मोदी जी ने अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री ने व्यक्तियों, संस्थानों और विषयों दोनों के संदर्भ में आधुनिक भारतीय इतिहास पर शोध के दायरे को व्यापक बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि भारत के अतीत के बारे में लोगों में बेहतर जागरूकता पैदा की जा सके। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि निकट भविष्य में संग्रहालय भारत और दुनिया से दिल्ली आने वाले पर्यटकों के लिए एक मुख्य आकर्षण के रूप में उभरेगा। यह बताते हुए कि 1875 में आर्य समाज के संस्थापक और आधुनिक भारत के सबसे प्रभावशाली सामाजिक और सांस्कृतिक शख्सियतों में से एक स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती 2024 में आ रही है, श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के इस महान दूरदर्शी और समाज सुधारक के योगदान के साथ-साथ 2025 में अपने अस्तित्व के 150 साल पूरे करने जा रहे आर्य समाज के बारे में अच्छी तरह से शोध करके ज्ञान का सृजन करने के लिए देश भर के शैक्षणिक और सांस्कृतिक संस्थानों का आह्वान किया। ज्ञात रहे पिछले दिनों महर्षि दयानंद सरस्वती जी के 200 वें जन्मोत्सव के विश्वव्यापी आयोजनों के निमित्त आर्य समाज के प्रतिनिधि मंडल की गुजरात के माननीय राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी के नेतृत्व में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी से भेंट की थी इस अवसर पर श्री सुरेशचंद्र आर्य जी,  प्रकाश आर्य जी, श्री विनय आर्य जी एवं श्री राजेंद्र विद्यालंकार जी उपस्थित रहे थे।

 

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