
Haryana
रेवाड़ी-विशà¥à¤µ की पà¥à¤°à¤¥à¤® गौशाला महरà¥à¤·à¤¿ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ :
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महरà¥à¤·à¤¿ दयानंद सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® रेवाड़ी हरियाणा में गौशाला की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की थी, मानव मातà¥à¤° के हितारà¥à¤¥ और गौपालन तथा कृषि को बढ़ावा देने हेतॠइस गौशाला का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ किया।
महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ का आतिथà¥à¤¯ के लिठà¤à¤• निरà¥à¤§à¤¨ किसान अपनी गो का पूरा 2 लीटर दूध महरà¥à¤·à¤¿ की à¤à¥‡à¤‚ट हेतॠले आया था लेकिन ऋषि ने मातà¥à¤° à¤à¤• गिलास ढाई 250 ml दूध सà¥à¤µà¥€à¤•ार किया और शेष परिवार हेतॠउनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ लौटा दिया वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समय में यह गौशाला बनà¥à¤¦ पà¥à¤°à¤¾à¤¯: हैं। इस सà¥à¤¥à¤² पर कोई गौ नहीं है तथा गौशाला का कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° राव साहब के पारिवारिक लोगों के अधीन हैं।