बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ शबà¥à¤¦ को लेकर à¤à¥à¤°à¤¾à¤‚तियां à¤à¤µà¤‚ उनका निवारण
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Dr. Vivek AryaDate
06-May-2017Category
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06-Jun-2017Download PDF
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बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ शबà¥à¤¦ को लेकर à¤à¥à¤°à¤¾à¤‚तियां à¤à¤µà¤‚ उनका निवारण
डॉ विवेक आरà¥à¤¯
बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ शबà¥à¤¦ को लेकर अनेक à¤à¥à¤°à¤¾à¤‚तियां हैं। इनका समाधान करना अतà¥à¤¯à¤‚त आवशà¥à¤¯à¤• है। कà¥à¤¯à¥‚ंकि हिनà¥à¤¦à¥‚ समाज की सबसे बड़ी कमजोरी जातिवाद है। बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ शबà¥à¤¦ को सतà¥à¤¯ अरà¥à¤¥ को न समठपाने के कारण जातिवाद को बà¥à¤¾à¤µà¤¾ मिला है।
शंका 1: बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ की परिà¤à¤¾à¤·à¤¾ बताये?
समाधान: पढने-पढ़ाने से,चिंतन-मनन करने से, बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤°à¥à¤¯, अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨, सतà¥à¤¯à¤à¤¾à¤·à¤£ आदि वà¥à¤°à¤¤à¥‹à¤‚ का पालन करने से,परोपकार आदि सतà¥à¤•à¤°à¥à¤® करने से, वेद,विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ आदि पढने से,करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ का पालन करने से, दान करने से और आदरà¥à¤¶à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ रहने से मनà¥à¤·à¥à¤¯ का यह शरीर बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ किया जाता है।-मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ 2/2
शंका 2: बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ जाति है अथवा वरà¥à¤£ है?
समाधान: बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ वरà¥à¤£ है जाति नहीं। वरà¥à¤£ का अरà¥à¤¥ है चयन या चà¥à¤¨à¤¨à¤¾ और सामानà¥à¤¯à¤¤: शबà¥à¤¦ वरण à¤à¥€ यही अरà¥à¤¥ रखता है। वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अपनी रूचि, योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾ और करà¥à¤® के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° इसका सà¥à¤µà¤¯à¤‚ वरण करता है, इस कारण इसका नाम वरà¥à¤£ है। वैदिक वरà¥à¤£ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में चार वरà¥à¤£ है। बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£, कà¥à¤·à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯, वैशà¥à¤¯ और शूदà¥à¤°à¥¤
बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ का करà¥à¤® है विधिवत पà¥à¤¨à¤¾ और पà¥à¤¾à¤¨à¤¾, यजà¥à¤ž करना और कराना, दान पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करना और सà¥à¤ªà¤¾à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ को दान देना।
कà¥à¤·à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯ का करà¥à¤® है विधिवत पà¥à¤¨à¤¾, यजà¥à¤ž करना, पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤“ं का पालन-पोषण और रकà¥à¤·à¤¾ करना, सà¥à¤ªà¤¾à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ को दान देना, धन à¤à¤¶à¥à¤µà¤°à¥à¤¯ में लिपà¥à¤¤ न होकर जितेनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¯ रहना।
वैशà¥à¤¯ का करà¥à¤® है पशà¥à¤“ं का लालन-पोषण, सà¥à¤ªà¤¾à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ को दान देना, यजà¥à¤ž करना,विधिवत अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करना, वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° करना,धन कमाना,खेती करना।
शà¥à¤¦à¥à¤° का करà¥à¤® है सà¤à¥€ चारों वरà¥à¤£à¥‹à¤‚ के वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के यहाठपर सेवा या शà¥à¤°à¤® करना।
शà¥à¤¦à¥à¤° शबà¥à¤¦ को मनॠअथवा वेद ने कहीं à¤à¥€ अपमानजनक, नीचा अथवा निकृषà¥à¤ नहीं माना है। मनॠके अनà¥à¤¸à¤¾à¤° चारों वरà¥à¤£ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£, कà¥à¤·à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯,वैशà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ शूदà¥à¤° आरà¥à¤¯ है।- मनॠ10/4
शंका 3: मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ में कितनी जातियां है ?
समाधान: मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ में केवल à¤à¤• ही जाति है। वह है "मनà¥à¤·à¥à¤¯"। अनà¥à¤¯ की जाति नहीं है।
शंका 4: चार वरà¥à¤£à¥‹à¤‚ का विà¤à¤¾à¤œà¤¨ का आधार कà¥à¤¯à¤¾ है?
समाधान: वरà¥à¤£ बनाने का मà¥à¤–à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤œà¤¨ करà¥à¤® विà¤à¤¾à¤œà¤¨ है। वरà¥à¤£ विà¤à¤¾à¤œà¤¨ का आधार वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है। आज à¤à¥€ शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के उपरांत वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ डॉकà¥à¤Ÿà¤°, इंजीनियर, वकील आदि बनता है। जनà¥à¤® से कोई à¤à¥€ डॉकà¥à¤Ÿà¤°, इंजीनियर, वकील नहीं होता। इसे ही वरà¥à¤£ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ कहते है।
शंका 5: कोई à¤à¥€ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ जनà¥à¤® से होता है अथवा गà¥à¤£, करà¥à¤® और सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µ से होता है?
समाधान: वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾ का निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤£ शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ ही होता है। जनà¥à¤® के आधार पर नहीं होता है। किसी à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के गà¥à¤£, करà¥à¤® और सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µ के आधार पर उसके वरà¥à¤£ का चयन होता हैं। कोई वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अनपॠहो और अपने आपको बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ कहे तो वह गलत है।
मनॠका उपदेश पà¥à¤¿à¤-
जैसे लकड़ी से बना हाथी और चमड़े का बनाया हà¥à¤† हरिण सिरà¥à¤«à¤¼ नाम के लिठही हाथी और हरिण कहे जाते है वैसे ही बिना पढ़ा बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ मातà¥à¤° नाम का ही बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ होता है।-मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ 2/157
शंका 6: कà¥à¤¯à¤¾ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ पिता की संतान केवल इसलिठबà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ कहलाती है कि उसके पिता बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ है?
समाधान: यह à¤à¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¿ है कि बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ पिता की संतान इसलिठबà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ कहलाà¤à¤—ी कà¥à¤¯à¥‚ंकि उसका पिता बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ है। जैसे à¤à¤• डॉकà¥à¤Ÿà¤° की संतान तà¤à¥€ डॉकà¥à¤Ÿà¤° कहलाà¤à¤—ी जब वह MBBS उतà¥à¤¤à¥€à¤°à¥à¤£ कर लेगी। जैसे à¤à¤• इंजीनियर की संतान तà¤à¥€ इंजीनियर कहलाà¤à¤—ी जब वह BTech उतà¥à¤¤à¥€à¤°à¥à¤£ कर लेगी। बिना पà¥à¥‡ नहीं कहलाà¤à¤—ी। वैसे ही बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ à¤à¤• अरà¥à¤œà¤¿à¤¤ जाने वाली पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ उपाधि हैं।
मनॠका उपदेश पà¥à¤¿à¤-
माता-पिता से उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ संतति का माता के गरà¥à¤ से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ जनà¥à¤® साधारण जनà¥à¤® है। वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• जनà¥à¤® तो शिकà¥à¤·à¤¾ पूरà¥à¤£ कर लेने के उपरांत ही होता है। -मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ 2/147
शंका 7: पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल में बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ बनने के लिठकà¥à¤¯à¤¾ करना पड़ता था?
समाधान: पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल में बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ बनने के लिठशिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ और गà¥à¤£à¤µà¤¾à¤¨ दोनों होना पड़ता था।
मनॠका उपदेश देखे-
वेदों में पारंगत आचारà¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ शिषà¥à¤¯ को गायतà¥à¤°à¥€ मंतà¥à¤° की दीकà¥à¤·à¤¾ देने के उपरांत ही उसका वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• मनà¥à¤·à¥à¤¯ जनà¥à¤® होता है।-मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ 2/148
बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£, कà¥à¤·à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯ और वैशà¥à¤¯, ये तीन वरà¥à¤£ विदà¥à¤¯à¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¯à¤¨ से दूसरा जनà¥à¤® पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करते हैं। विदà¥à¤¯à¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¯à¤¨ न कर पाने वाला शूदà¥à¤°, चौथा वरà¥à¤£ है।-मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ 10/4
आजकल कà¥à¤› लोग केवल इसलिठअपने आपको बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ कहकर जाति का अà¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ दिखाते है कà¥à¤¯à¥‚ंकि उनके पूरà¥à¤µà¤œ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ थे। यह सरासर गलत है। योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾ अरà¥à¤œà¤¿à¤¤ किये बिना कोई बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ नहीं बन सकता। हमारे पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ अपने तप से अपनी विदà¥à¤¯à¤¾ से अपने जà¥à¤žà¤¾à¤¨ से समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ संसार का मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ करते थे। इसीलिठहमारे आरà¥à¤¯à¤µà¥à¤°à¤¤ देश विशà¥à¤µà¤—à¥à¤°à¥ था।
शंका 8: बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ को शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ माने?
समाधान: बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ à¤à¤• गà¥à¤£à¤µà¤¾à¤šà¤• वरà¥à¤£ है। समाज का सबसे जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥€, बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¾à¤¨, शिकà¥à¤·à¤¿à¤¤, समाज का मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ करने वाला, तà¥à¤¯à¤¾à¤—ी, तपसà¥à¤µà¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ ही बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ कहलाने का अधिकारी बनता है। इसीलिठबà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ वरà¥à¤£ शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ है। वैदिक विचारधारा में बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ को अगर सबसे अधिक समà¥à¤®à¤¾à¤¨ दिया गया है तो बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ को सबसे अधिक गलती करने पर दंड à¤à¥€ दिया गया है।
मनॠका उपदेश देखे-
à¤à¤• ही अपराध के लिठशूदà¥à¤° को सबसे दंड कम दंड, वैशà¥à¤¯ को दोगà¥à¤¨à¤¾, कà¥à¤·à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯ को तीन गà¥à¤¨à¤¾ और बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ को सोलह या 128 गà¥à¤£à¤¾ दंड मिलता था।- मनॠ8/337 à¤à¤µà¤‚ 8/338
इन शà¥à¤²à¥‹à¤•à¥‹à¤‚ के आधार पर कोई à¤à¥€ मनॠमहाराज को पकà¥à¤·à¤ªà¤¾à¤¤à¥€ नहीं कह सकता।
शंका 9: कà¥à¤¯à¤¾ शूदà¥à¤° बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ और बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ शूदà¥à¤° बन सकता है?
समाधान: बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£, शूदà¥à¤° आदि वरà¥à¤£ कà¥à¤¯à¥‚ंकि गà¥à¤£, करà¥à¤® और सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µ के आधार पर विà¤à¤¾à¤œà¤¿à¤¤ है। इसलिठइनमें परिवरà¥à¤¤à¤¨ संà¤à¤µ है। कोई à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ जनà¥à¤® से बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ नहीं होता। अपितॠशिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ उसके वरà¥à¤£ का निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤£ होता है।
मनॠका उपदेश देखे-
बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ शूदà¥à¤° बन सकता और शूदà¥à¤° बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ हो सकता है। इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° कà¥à¤·à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯ और वैशà¥à¤¯ à¤à¥€ अपने वरà¥à¤£ बदल सकते है। -मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ 10/64
शरीर और मन से शà¥à¤¦à¥à¤§- पवितà¥à¤° रहने वाला, उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ लोगों के सानिधà¥à¤¯ में रहने वाला, मधà¥à¤°à¤à¤¾à¤·à¥€, अहंकार से रहित, अपने से उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ वरà¥à¤£ वालों की सेवा करने वाला शूदà¥à¤° à¤à¥€ उतà¥à¤¤à¤® बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ जनà¥à¤® और दà¥à¤µà¤¿à¤œ वरà¥à¤£ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर लेता है। -मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ 9/335
जो मनà¥à¤·à¥à¤¯ नितà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤¤: और सांय ईशà¥à¤µà¤° आराधना नहीं करता उसको शूदà¥à¤° समà¤à¤¨à¤¾ चाहिà¤à¥¤ -मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ 2/103
जब तक वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ वेदों की शिकà¥à¤·à¤¾à¤“ं में दीकà¥à¤·à¤¿à¤¤ नहीं होता वह शूदà¥à¤° के ही समान है।-मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ 2/172
बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£- वरà¥à¤£à¤¸à¥à¤¥ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ –अतिशà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का संग करते हà¥à¤ और नीच- नीचतर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤“ं का संग छोड़कर अधिक शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ बनता जाता है। इसके विपरीत आचरण से पतित होकर वह शूदà¥à¤° बन जाता है। -मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ 4/245
जो बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£,कà¥à¤·à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯ या वैशà¥à¤¯ वेदों का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ और पालन छोड़कर अनà¥à¤¯ विषयों में ही परिशà¥à¤°à¤® करता है, वह शूदà¥à¤° बन जाता है। -मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ 2/168
शंका 10: कà¥à¤¯à¤¾ आज जो अपने आपको बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ कहते है वही हमारी पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ विदà¥à¤¯à¤¾ और जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की रकà¥à¤·à¤¾ करने वाले पà¥à¤°à¤¹à¤°à¥€ थे?
समाधान: आजकल जो वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ कà¥à¤² में उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होकर अगर पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¥‹à¤‚ के समान वैदिक धरà¥à¤® की रकà¥à¤·à¤¾ के लिठपà¥à¤°à¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥ कर रहा है तब तो वह निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ रूप से बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ के समान समà¥à¤®à¤¾à¤¨ का पातà¥à¤° है। अगर कोई वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ कà¥à¤² में उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होकर बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ धरà¥à¤® के विपरीत करà¥à¤® कर रहा है। तब वह किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ कहलाने के लायक नहीं है। à¤à¤• उदहारण लीजिये। à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ यूनिवरà¥à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥€ में पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° है, शाकाहारी है, चरितà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¨ है और धरà¥à¤® के लिठपà¥à¤°à¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥ करता है। उसका वरà¥à¤£ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ कहलायेगा चाहे वह शूदà¥à¤° पिता की संतान हो। उसके विपरीत à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अनपॠहै, मांसाहारी है, चरितà¥à¤°à¤¹à¥€à¤¨ है और किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से समाज हित का कोई कारà¥à¤¯ नहीं करता, चाहे उसके पिता कितने à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ हो, किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ कहलाने लायक नहीं है। केवल चोटी पहनना और जनेऊ धारण करने à¤à¤° से कोई बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ नहीं बन जाता। इन दोनों वैदिक वà¥à¤°à¤¤à¥‹à¤‚ से जà¥à¥œà¥‡ हà¥à¤ करà¥à¤® अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ धरà¥à¤® का पालन करना अनिवारà¥à¤¯ हैं। पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल में धरà¥à¤® रूपी आचरण à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥ के कारण बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¥‹à¤‚ का मान था।
इस लेख के माधà¥à¤¯à¤® से मैंने वैदिक विचारधारा में बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ शबà¥à¤¦ को लेकर सà¤à¥€ à¤à¥à¤°à¤¾à¤‚तियों के निराकारण का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया हैं। बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ शबà¥à¤¦ की वेदों में बहà¥à¤¤ महतà¥à¤¤à¤¾ है।मगर इसकी महतà¥à¤¤à¤¾ का मà¥à¤–à¥à¤¯ कारण जनà¥à¤®à¤¨à¤¾ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ होना नहीं अपितॠकरà¥à¤®à¤£à¤¾ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ होना है। मधà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² में हमारी वैदिक वरà¥à¤£ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ बदल कर जाति वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में परिवरà¥à¤¤à¤¿à¤¤ हो गई। विडंबना यह है कि इस बिगाड़ को हम आज à¤à¥€ दोह रहे है। जातिवाद से हिनà¥à¤¦à¥‚ समाज की à¤à¤•à¤¤à¤¾ समापà¥à¤¤ हो गई। à¤à¤¾à¤ˆ à¤à¤¾à¤ˆ में दà¥à¤µà¥‡à¤· हो गया। इसी कारण से हम कमजोर हà¥à¤ तो विदेशी विधरà¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के गà¥à¤²à¤¾à¤® बने। हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं के 1200 वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ के दमन का अगर कोई मà¥à¤–à¥à¤¯ कारण है तो वह जातिवाद है। वही हमारा सबसे बड़ा शतà¥à¤°à¥ है। आईये इस जातिवाद रूपी शतà¥à¤°à¥ को को जड़ से नषà¥à¤Ÿ करने का संकलà¥à¤ª ले।
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