आधà¥à¤¨à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ पर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी का कथन कितना पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक
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Rajeev ChoudharyDate
21-Sep-2017Category
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21-Sep-2017Download PDF
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आधà¥à¤¨à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ पर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी का कथन कितना पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक
जब सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ के अंत में सà¥à¤µà¤®à¤¨à¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¨à¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤ƒ देख रहा था तो उसमें सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने शिकà¥à¤·à¤¾ की परिà¤à¤¾à¤·à¤¾ देते हà¥à¤ कहा है कि जिससे विदà¥à¤¯à¤¾, सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾, धरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¤à¤¾, जितेनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤à¤¾à¤¦à¤¿ की बà¥à¤¤à¥€ होवे और अविदà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ दोष छूटें उसको शिकà¥à¤·à¤¾ कहते हैं। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी के कथन को पà¥à¤¨à¥‡ के बाद अचानक à¤à¤•-à¤à¤• कर शिकà¥à¤·à¤¾ के नाम पर देश के सà¥à¤•à¥‚लों में बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ पर हो रहे शारारिक, मानसिक अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° याद आने लगे कि आखिर हमारी शिकà¥à¤·à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ कितने उतà¥à¤¤à¤® शिखर से खिसकर कितने निमà¥à¤¨ सà¥à¤¤à¤° की ओर जा रही है। हाल ही में हà¥à¤ˆà¤ˆ गà¥à¤¡à¤—ाà¤à¤µ वाली घटना याद आने लगी आखिर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ यह सब और किसके लिठहो रहा है? कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ इस शिकà¥à¤·à¤¾ के लिठमासूम बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को रोंदा जा रहा है। 7 वरà¥à¤· के छातà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¯à¥à¤®à¥à¤¨ की हतà¥à¤¯à¤¾ के मामले की जांच में जैसे-जैसे पà¥à¤²à¤¿à¤¸ आगे बà¥à¤¾ रही है वैसे-वैसे सà¥à¤•à¥‚ल पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ की लापरवाही की परतें दिन-पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ खà¥à¤²à¤¤à¥€ नजर रही हैं।
सà¥à¤¨à¤•à¤° हैरानी à¤à¥€ होती है कि रेयान इंटरनेशनल सà¥à¤•à¥‚ल की लापरवाही की लिसà¥à¤Ÿ कितनी लमà¥à¤¬à¥€ है। सà¥à¤•à¥‚ल के छोटे बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ बता रहे हैं कि दो महीने पहले इसी सà¥à¤•à¥‚ल के पà¥à¤°à¤¥à¤® तल के टॉयलेट में कà¥à¤²à¤¾à¤¸ गà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¹ और बारह के बचà¥à¤šà¥‡ शराब पी रहे थे। जब सà¥à¤•à¥‚ल के छोटे बचà¥à¤šà¤¾à¤‚ ने उनकी ये करतूत देख ली तो इन छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अंजाम à¤à¥à¤—तने की धमकी दी थी। सà¥à¤•à¥‚ल में छोटी कà¥à¤²à¤¾à¤¸ के इन छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने जब इस बात की शिकायत रेयान सà¥à¤•à¥‚ल की सà¥à¤ªà¤°à¤µà¤¾à¤‡à¤œà¤° और सà¥à¤•à¥‚ल की सà¥à¤ªà¥‹à¤°à¥à¤Ÿà¥à¤¸ टीचर से की तो उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इस बात को यहां पर दबा देने की बात कही गई और परिवार को à¤à¥€ ना बताने की बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को हिदायत दी थी।
आखिर हमारा समाज किस शिकà¥à¤·à¤¾ के लिठमारा मारी में लगा है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ इस शिकà¥à¤·à¤¾ के लिठमासूम बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का मसà¥à¤¤à¤¿à¤• पà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤° कà¥à¤•à¤° बनाया जा रहा है। सिरà¥à¤« अपने सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ समाज, परिवार और रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ को यह दिखाने के लिठकि देखिये हमारे बचà¥à¤šà¥‡ कितने महंगे सà¥à¤•à¥‚ल में पà¥à¤¤à¥‡ हैं? इसके बाद जब यह बचà¥à¤šà¥‡ बड़े होते हैं तब इनमें à¤à¤• दो डॉ. या इंजिनियर बनता है वह खबर तो बड़ी बनाकर सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆà¤ˆ जाती है लेकिन इनमें समाज और परिवार के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जो नैतिकता शूनà¥à¤¯ होती है उसका वरà¥à¤£à¤¨ नहीं किया जाता। लगता है वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ शिकà¥à¤·à¤¾ का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ केवल à¤à¤¸à¥€ शिकà¥à¤·à¤¾ का देना है जिसमें आरà¥à¤¥à¤¿à¤• शकà¥à¤¤à¤¿ का आगमन हो और बचà¥à¤šà¥‡ के अनà¥à¤¦à¤° से मनà¥à¤·à¥à¤¯à¤¤à¤¾ के बीज हमेशा के लिठमिटा दिठजाये।
समाचारपतà¥à¤°à¥‹à¤‚ से यह à¤à¥€ जानकारी मिली है कि रेयान सà¥à¤•à¥‚ल के कà¥à¤› बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ और अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤• बता रहे हैं कि सà¥à¤•à¥‚ल की बाउंडà¥à¤°à¥€ के अंदर ही डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° लोग शराब पीते थे और ताश खेलते थे।
सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी कहते है कि ‘संसà¥à¤•à¤¾à¤° उनको कहते हैं कि जिससे शरीर, मन और आतà¥à¤®à¤¾ उतà¥à¤¤à¤® होवे हम पूछते हैं कि कà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¸à¥€ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में पà¥à¤¨à¥‡ वाले बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¤µà¤¾à¤¨ बन सकते हैं?’ शिकà¥à¤·à¤¾ का मंदिर जिसे सà¥à¤•à¥‚ल कहा जाता ऊà¤à¤šà¥‡à¤‚ à¤à¤µà¤¨ से या वहां के सà¥à¤Ÿà¤¾à¤ª के आचरण वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° से बड़ा बनता है यह à¤à¥€ लोगों को सोचना चाहिà¤à¥¤
सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी आगे कहते है कि ‘जो सतà¥à¤¯ शिकà¥à¤·à¤¾ और विदà¥à¤¯à¤¾ को गà¥à¤°à¤¹à¤£ करने योगà¥à¤¯ धरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¾, विदà¥à¤¯à¤¾à¤—à¥à¤°à¤¹à¤£ की इचà¥à¤›à¤¾ और आचारà¥à¤¯ का पà¥à¤°à¤¿à¤¯ करने वाला हो शिषà¥à¤¯ उस को कहते हैं।’ लेकिन आज के मौजूदा दौर में यह पवितà¥à¤° रिशà¥à¤¤à¤¾ à¤à¥€ छिनà¥à¤¨-à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ हो चूका है कहीं से खबर आती की बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने महिला अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• पर फबà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ कसी तो किसी खबर में सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ को आता है सà¥à¤•à¥‚ल में इंगà¥à¤²à¤¿à¤¶ की टीचर ने 13 साल के बचà¥à¤šà¥‡ से यौन समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ बनाये। à¤à¤²à¤¾ à¤à¤• गौरवशाली परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤µà¤¾à¤¦à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाज का इससे बिगड़ा रूप और कà¥à¤¯à¤¾ होगा? समय की मांग है कि बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को अचà¥à¤›à¥‡ और बà¥à¤°à¥‡ सà¥à¤ªà¤°à¥à¤¶ के बारे में समà¤à¤¾à¤à¤‚। इसमें à¤à¤¿à¤à¤• की कोईई बात नही हैं, बलà¥à¤•à¤¿ ये बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ के लिठसबसे जरूरी कदमों में से à¤à¤• है। उसके à¤à¥€à¤¤à¤° विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ à¤à¤°à¥‡à¤‚ कि आप हर हाल में उसके साथ हैं ताकि वह खà¥à¤²à¤•à¤° अपनी बात आपसे साà¤à¤¾ कर सके। कईई बार बचà¥à¤šà¥‡ आपस में à¤à¥€ छेड़छाड़ का शिकार होते हैं। जैसे बड़े बचà¥à¤šà¥‡ किसी बात को लेकर छोटी कà¥à¤²à¤¾à¤¸ के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को तंग करते हैं। कईई बार ये तंग करना बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को शारीरिक या à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ पहà¥à¤‚चाता है। माना कि à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• और आरà¥à¤¥à¤¿à¤• सफलता आज जरूरी है। अशिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ मनà¥à¤·à¥à¤¯ के सामने कोईई राह नहीं होती। लेकिन शिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ को बड़ा आफिसर, डॉकà¥à¤Ÿà¤° या फिर नेता बन जाना चाहिठलेकिन सवाल फिर वही आता है कà¥à¤¯à¤¾ बिना संसà¥à¤•à¤¾à¤°, बिना नैतिकता के, बिना ऊà¤à¤šà¥‡ आदरà¥à¤¶à¥‹à¤‚ के यह सफलता समाज के लिठघातक नहीं होगी?
पà¥à¤°à¤¦à¥à¤¯à¥à¤®à¥à¤¨ मामले में à¤à¤• वकील सà¥à¤œà¥€à¤¤à¤¾ शà¥à¤°à¥€à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¤µ के माधà¥à¤¯à¤® से दायर जनहित याचिका में सà¥à¤•à¥‚ल की चाहरदीवारी के à¤à¥€à¤¤à¤° बार-बार छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के शोषण और बाल यौन शोषण की हो रही घटनाओं का मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ उठाया है। जिसे लेकर समाज बिलà¥à¤•à¥à¤² à¤à¥€ जागरूक नहीं है लेकिन इस विषय पर समाज का à¤à¤• बड़ा हिसà¥à¤¸à¤¾ बात करना à¤à¥€ अनà¥à¤šà¤¿à¤¤ या शरà¥à¤® और संकोच का विषय समà¤à¤¤à¤¾ रहा है। यदि इकà¥à¤•à¤¾-दà¥à¤•à¥à¤•à¤¾ मामले सामने à¤à¥€ आये तो परिवारों ने मिलकर इस पर शरà¥à¤®-संकोच का परà¥à¤¦à¤¾ डालने का कारà¥à¤¯ किया और जिस कारण पूरे देश में बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के साथ होने वाले अपराध लगातार बà¥à¤¤à¥‡ जा रहे हैं। जबकि सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ के तीसरे समà¥à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¸ में लिखते हैं कि जब आठवरà¥à¤· के हो तà¤à¥€ लड़कियों को लड़कियों की और लड़कों को लड़कों की पाठशाला में à¤à¥‡à¤œ दिया जाये और दà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥€ अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• और अदà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¿à¤•à¤¾à¤“ं से शिकà¥à¤·à¤¾ न दिलावें।
बचपन में घर और आस-पास का माहौल और सà¥à¤•à¥‚ल किसी à¤à¥€ बचà¥à¤šà¥‡ के वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ पर गहरा पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ डालता है। आधà¥à¤¨à¤¿à¤• सà¥à¤•à¥‚लों से निकले आचरण हीन अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤•, पैसा कमाने की मशीन बने सà¥à¤•à¥‚ल, नितà¥à¤¯ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को बिगाड़ने के कारखाने खोलते जा रहे हैं। इसके बाद अकà¥à¤¸à¤° बहà¥à¤¤à¥‡à¤°à¥‡ माता-पिता रोते दिख जाते हैं कि हमारा बेटा या बेटी हमारी बात नहीं सà¥à¤¨à¤¤à¥‡ और हम पर à¤à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¤à¥‡-चिलà¥à¤²à¤¾à¤¤à¥‡ हैं तो सोचिये कà¥à¤¯à¤¾ आपने उसे इस नैतिक शिकà¥à¤·à¤¾ के लिठउसे सà¥à¤•à¥‚ल में à¤à¥‡à¤œà¤¾ था? वहां उसे जो मिला आज वह वही आपको दे रहा है। आज की शिकà¥à¤·à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ को देखकर लगता है कि सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी का कथन पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤¾à¤‚गिक है।
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