आतंक शबà¥à¤¦ की दोहरी परिà¤à¤¾à¤·à¤¾
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Rajeev ChoudharyDate
13-Oct-2017Category
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HindiTotal Views
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13-Oct-2017Download PDF
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राजनीति और पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में इस पर कोई à¤à¤•à¤°à¤¾à¤¯ नहीं है कि आतंकवाद कà¥à¤¯à¤¾ है या à¤à¤• आतंकवादी गतिविधि में कà¥à¤¯à¤¾-कà¥à¤¯à¤¾ शामिल होता है. आतंकी शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² लोग अकसर अपने नजरिठऔर समठके हिसाब से करते हैं. मसलन आतंकवादी कौन है, और उसका किस विचाधारा, मत और मजहब से सीधा समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ है. हाल ही में अमेरिका के लास वेगास में संगीत समारोह में हà¥à¤ हमले में 58 लोगों की जान लेने और 500 से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लोगों को घायल करने वाले हतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ सà¥à¤Ÿà¥€à¤«à¤¨ पैडक को लेकर मीडिया में à¤à¤• बहस जोर पकड़ रही है, पैडक ने à¤à¤• समारोह में संगीत सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ आई à¤à¥€à¥œ पर पड़ोस के होटल की 32वीं मंजिल से गोलियां बरसाई थीं. उनके लिठहतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¾, हमलावर, बंदूकधारी, लोन वà¥à¤²à¥à¤«, जà¥à¤†à¤°à¥€ और पूरà¥à¤µ अकाउंटेंट जैसे शबà¥à¤¦ इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² हो रहे हैं लेकिन किसी ने अà¤à¥€ तक उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आतंकवादी नहीं बà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤¾. पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ मीडिया ने इस वारदात के लिठअमरीका के गन कलà¥à¤šà¤° को à¤à¥€ जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° ठहराया है. जबकि इस हमले को अमरीकी इतिहास में सबसे à¤à¤¯à¤¾à¤µà¤¹ गोलीबारी कांड है.
हालाà¤à¤•à¤¿ गोलीबारी की ये अमरीका में कोई पहली घटना नहीं है. à¤à¤¸à¤¾ अतीत में होता रहा है. पिछले वरà¥à¤· ऑरलैंडो के à¤à¤• नाइट कà¥à¤²à¤¬ में हà¥à¤ˆ गोलीबारी में 49 लोग मारे गठथे. इससे पहले दिसंबर, 2015 में कैलिफोरà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में हà¥à¤ˆ à¤à¤¸à¥€ ही à¤à¤• घटना में 14 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. लेकिन इस बार सवाल उठरहे है हतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ के मजहब को लेकर? सोशल मीडिया पर कà¥à¤› लोग लिख रहे हैं कि अगर पैडक अनà¥à¤¯ धरà¥à¤® से होता तो उनके लिठतà¥à¤°à¤‚त शà¥à¤†à¤¤à¤‚कवादीशॠशबà¥à¤¦ लिख दिया जाता. लेकिन कोई गोरा और ईसाई à¤à¤¸à¤¾ हमला करे, तो उसे अचानक मानसिक रूप से बीमार बता दिया जाता है और सब कà¥à¤› सामानà¥à¤¯ रहता है.शà¥à¤¶à¥
इसे à¤à¤¾à¤·à¤¾ की निषà¥à¤ªà¤•à¥à¤· पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ के सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त का जरà¥à¤° दोहरा असर कहा जा सकता है और इसमें समसà¥à¤¤ विशà¥à¤µ की मीडिया को आइना दिखाया जा सकता है. कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि 2007 में अजमेर दरगाह विसà¥à¤«à¥‹à¤Ÿ में à¤à¤¾à¤µà¥‡à¤¶ पटेल और उसके साथी को आजीवन कारावास की सजा सà¥à¤¨à¤¾à¤¯à¥‡ जाने के बाद हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ टाइमà¥à¤¸ ने अपनी हेड लाइन में लिखा था “अजमेर दरगाह विसà¥à¤«à¥‹à¤Ÿ केस में दो हिनà¥à¤¦à¥‚ आतंकियो को आजीवन कारावास” मतलब कि मातà¥à¤° à¤à¤• घटना से à¤à¤µà¥‡à¤¶ पटेल के साथ हजारों लाखों वरà¥à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ सनातन परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ को आतंक शबà¥à¤¦ से लपेटने वाले यही पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° बनà¥à¤§à¥ थे जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आज पेड़क जà¥à¤†à¤°à¥€ नजर आ रहा है.
पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ मीडिया को अलग रखकर यदि बात अपने देश की मीडिया की करें तो यहाठहर रोज मीडिया करà¥à¤®à¥€ किसी à¤à¥€ इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के किसी हिंसक कृतà¥à¤¯ पर बड़े इतà¥à¤®à¤¿à¤¨à¤¾à¤¨ से कहते नजर आते कि आतंक का कोई मजहब नहीं होता लेकिन देश को जिहादी आतंकवादी कृतà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से बचाव के लिठदेश के सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ बलों ने जब मजहब विशेष के आरोपियों को बंदी बनाना आरंठकिया, तब मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में असंतोष बढने लगा. तब इस असंतोष को दूर करने और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ खà¥à¤¶ करने के लिठदेश में ‘हिनà¥à¤¦à¥‚ आतंकवाद की परिà¤à¤¾à¤·à¤¾ गà¥à¥€ गयी. इस षडà¥à¤¯à¤‚तà¥à¤° के à¤à¤• à¤à¤¾à¤— के रूप में मालेगांव बम विसà¥à¤«à¥‹à¤Ÿ पà¥à¤°à¤•à¤°à¤£ कई लोगों को फंसाया गया. इसके बाद इस वरà¥à¤· à¤à¤• घटना कशà¥à¤®à¥€à¤° में जब संदीप शरà¥à¤®à¤¾ उरà¥à¤« आदिल की गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤°à¥€ होती है वह न केवल कटà¥à¤Ÿà¤° इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• था बलà¥à¤•à¤¿ पांच वकà¥à¤¤ का नमाजी à¤à¥€ था. तब à¤à¥€ पà¥à¤°à¥‡ देश की मीडिया ने उसके साथ ‘हिनà¥à¤¦à¥‚ आतंकवादी’ शबà¥à¤¦ का बेशरà¥à¤®à¥€ से इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² किया था.
पिछले कà¥à¤› वरà¥à¤·à¥‹ में देखे जब दिलà¥à¤²à¥€ में कà¥à¤› ईसाई गिरिजाघरों में हà¥à¤ˆ छूटपà¥à¤Ÿ चोरी की घटनाओं को अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• ईसाई समाज पर हमला और उसके विरà¥à¤¦à¥à¤§ दिलà¥à¤²à¥€, बैंगलोर से लेकर कोलकाता तक ईसाईयों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ को मीडिया दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बà¥à¤¾ चà¥à¤¾ कर पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ किया गया था जबकि उसी काल में दिलà¥à¤²à¥€ के मंदिरों में करीब 206 और गà¥à¤°à¥à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤°à¥‹à¤‚ में 30 चोरी की घटनाà¤à¤ हà¥à¤ˆ थी लेकिन वह सब छिपा दी गयी. कहने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ ही नहीं हैं की मीडिया अपने बौदà¥à¤§à¤¿à¤• आतंकवाद दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ वà¥à¤¯à¤°à¥à¤¥ की सहानà¥à¤à¥‚ति बटोर लेता है. ये बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¥€ यह कारà¥à¤¯ हर à¤à¤• कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में करते दिखाई देते है. जब देश के पूरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤° इलाकों में ईसाई संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किये जा रहे धरà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°à¤£ को लेकर मीडिया छाती ठोककर उनका समरà¥à¤¥à¤¨ करता रहा हैं उसे सेवा à¤à¤µà¤‚ उसे जायज ठहराता हैं जबकि यही मीडिया 2015 में आगरा में हà¥à¤ˆ घर वापसी की घटना को लेकर हिंदूवादी संगठनों के विरà¥à¤¦à¥à¤§ मोरà¥à¤šà¤¾ खोल कर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥€, लोठपà¥à¤°à¤²à¥‹à¤à¤¨ देकर हिनà¥à¤¦à¥‚ बनाने का षड़यंतà¥à¤° करने वाला सिदà¥à¤§ करने में लगा था.
पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ का सà¥à¤µà¤šà¥à¤› अरà¥à¤¥ होता कि पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° जाति, धरà¥à¤®, समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ से ऊपर उठकर बिना किसी रंगà¤à¥‡à¤¦ और कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦ के बिना समाज में अपनी आवाज उठाये लेकिन फिलहाल पà¥à¤°à¥‡ विशà¥à¤µ में पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ के ये सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त उलट हो गये है. ये केवल इस मामले की बात नहीं है फà¥à¤°à¤¾à¤‚स के शहर नीस में टà¥à¤°à¤• से सेंकडो लोगों को कà¥à¤šà¤²à¤¨à¥‡ वाला मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® टà¥à¤°à¤• डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° मानसिक रोगी बता दिया जाता है और लंदन में हमला करने वाला ख़ालिद मसूद को यह कहकर बचाया जाता कि वह कà¥à¤› समय से चरमपंथ के पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ में आ गया था. ऑरलैंडो के नाइट कà¥à¤²à¤¬ में हमला करने वाला उमर मतीन को यही पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ मीडिया होमोसेकà¥à¤¶à¥à¤…लà¥à¤¸ से नफरत करने वाला इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ कहकर बचाव करती है. आखिर कà¥à¤¯à¤¾ वजह है कि अजमेर दरगाह में बà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿ होने पर पूरा हिनà¥à¤¦à¥‚ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ को à¤à¤—वा आतंक कहा जाता है और इतने बड़े-बड़े हतà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤¾à¤‚ड होने पर सिरà¥à¤« मानसिक रोगी या जà¥à¤†à¤°à¥€, à¤à¥‡à¥œà¤¿à¤¯à¤¾? या ये वामपंथ और मीडिया का गठजोड़ है? राजीव चौधरी
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