राजनितिक षडà¥à¤¯à¤‚तà¥à¤° का शिकार à¤à¤—वा रंग
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Rajeev ChoudharyDate
20-Apr-2018Category
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कोशिश तो à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ अवधारणा बनाने की थी कि यदि कोई साधू या सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ à¤à¤—वा वसà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में खड़ा दिखे तो अनà¥à¤¯ लोग उसके हमलवार होने के संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करें और यह समà¤à¥‡ कि पास में खड़ा यह आदमी कहीं अचानक उन पर हमला न कर बैठे। लेकिन हैदराबाद की à¤à¤• निचली अदालत ने इन सब मनसूबों पर पानी फेरते हà¥à¤ 11 साल पहले हà¥à¤ मकà¥à¤•à¤¾ मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ धमाके के आरोपी सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ असीमानंद समेत सà¤à¥€ अà¤à¤¿à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को बरी कर दिया है। शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ में इस धमाके को लेकर चरमपंथी संगठन हरकत उल जमात-à¤-इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ यानी हूजी पर शक की उंगलियां उठी थीं। लेकिन तीन सालों के बाद यानी 2010 में पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने ‘‘अà¤à¤¿à¤¨à¤µ à¤à¤¾à¤°à¤¤’’ नाम के संगठन से जà¥à¥œà¥‡ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ असीमानंद समेत लोकेश शरà¥à¤®à¤¾, देवेंदà¥à¤° गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾ और आर à¤à¤¸ à¤à¤¸ की साधà¥à¤µà¥€ पà¥à¤°à¤œà¥à¤žà¤¾ सिंह ठाकà¥à¤° को धमाके का अà¤à¤¿à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ बनाया गया था।
बहरहाल, कोरà¥à¤Ÿ ने सबूतों के अà¤à¤¾à¤µ में इन सà¤à¥€ को बरी तो जरूर कर दिया है, लेकिन वो दाग बरी कब होंगे जो इन हमलों के बाद देश की आतà¥à¤®à¤¾ हिनà¥à¤¦à¥‚ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ पर लगाये गये थे। इन हमलों के 6 वरà¥à¤· बाद यानि साल 2013 देश की संसद का बजट सतà¥à¤° शà¥à¤°à¥‚ होने से ठीक à¤à¤• दिन पहले कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ पारà¥à¤Ÿà¥€ के अधिवेशन में देश के ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ गृह मंतà¥à¤°à¥€ सà¥à¤¶à¥€à¤² कà¥à¤®à¤¾à¤° शिंदे ने आतंकवाद का रंग और धरà¥à¤® तलाश करते हà¥à¤ ‘‘à¤à¤—वा आतंकवाद’’ जैसे शबà¥à¤¦ को घड़ा था और इन हमलों को आधार बनाकर कà¥à¤› हिनà¥à¤¦à¥‚ संगठनों का नाम लेते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤—वा आतंकी तक कह डाला था।
गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤°à¥€ के बाद साधà¥à¤µà¥€ पà¥à¤°à¤œà¥à¤žà¤¾ सिंह ठाकà¥à¤° के साथ अमानवीय वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° किया गया उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤• खंà¤à¥‡ से बांधकर पीटा गया। उनके शिषà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के हाथों उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ चमड़े के बेलà¥à¤Ÿ से पिटवाया गया। उनके à¤à¤—वा वसà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ को उतारकर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ जबरदसà¥à¤¤à¥€ दूसरे कपड़े पहनाठगà¤à¥¤ अशà¥à¤²à¥€à¤² फिलà¥à¤®à¥‡à¤‚ दिखाने के साथ-साथ साधà¥à¤µà¥€ के साथ अमानवीयता की वे सारी हदें ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ सरकार ने अपने राजनितिक फायदे के लांघी जिसे à¤à¤• इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ होने के नाते कोई à¤à¥€ सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° नहीं कर सकता।
यदि à¤à¤• पल को मान à¤à¥€ लिया जाये कि साधà¥à¤µà¥€ दोषी थी तो कà¥à¤¯à¤¾ उनके साथ जांच के दौरान हà¥à¤ˆ इस निरà¥à¤®à¤®à¤¤à¤¾ की पार हà¥à¤ˆ हदों को à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संविधान इज़ाजत देता है? यदि नहीं तो à¤à¤• महिला और साधà¥à¤µà¥€ के साथ यह पाप कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ किया गया। इन सवालों के जवाब मन को दà¥à¤°à¤µà¤¿à¤¤ करते हैं। जबरन धरà¥à¤® पर दाग लगाया, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को तार-तार किया और à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ धराधाम पर अतीत में हà¥à¤ˆ वो सब बरà¥à¤¬à¤°à¤¤à¤¾ और पाप जो मधà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² के मà¥à¤—ल शासकों ने यहाठकिये थे। साधà¥à¤µà¥€ के साथ हà¥à¤ˆ घटना ने कà¥à¤¯à¤¾ पà¥à¤¨à¤ƒ उस दà¥à¤ƒà¤– को ताजा नहीं किया?
कà¥à¤¯à¤¾ किसी à¤à¤• à¤à¥‚ठी घटना से पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• हिनà¥à¤¦à¥‚ आतंकी हो जायेगा या à¤à¤—वा रंग को आतंकी कह देने से वह à¤à¤¯ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• बन जायेगा? कà¥à¤¯à¤¾ इसे देखकर सहज ही महसूस नहीं हो जाता है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ की आड़ में सिरà¥à¤« बहà¥à¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• वरà¥à¤— की आतà¥à¤®à¤¾ को छला गया? à¤à¤¸à¤¾ नहीं है कि यह सवाल सिरà¥à¤« हम कर रहे हैं बलà¥à¤•à¤¿ इन सवालों के जवाब तो खà¥à¤¦ पूरà¥à¤µ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤£à¤¬ मà¥à¤–रà¥à¤œà¥€ अपनी पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• ‘‘कोअलिशन इयरà¥à¤¸’’ में मांगते दिखाई दिà¤à¥¤ पà¥à¤°à¤£à¤¬ मà¥à¤–रà¥à¤œà¥€ ने अपनी किताब में लिखा है- मैंने वरà¥à¤· 2004 में कांची पीठके शंकराचारà¥à¤¯ जयेंदà¥à¤° सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ की दीपावली के दिन गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤°à¥€ पर सवाल उठाठथे। à¤à¤• कैबिनेट बैठक के दौरान मैंने गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤°à¥€ के समय को लेकर काफी नाराजगी जताई थी। मैंने पूछा था कि कà¥à¤¯à¤¾ देश में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ का पैमाना केवल हिनà¥à¤¦à¥‚ संतों महातà¥à¤®à¤¾à¤“ं तक ही सीमित है? कà¥à¤¯à¤¾ किसी राजà¥à¤¯ की पà¥à¤²à¤¿à¤¸ किसी मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® मौलवी को ईद के मौके पर गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤° करने का साहस दिखा सकती है?
वे लिखते हैं कि हिनà¥à¤¦à¥‚ बाहà¥à¤²à¥à¤¯ देश में, हिनà¥à¤¦à¥‚ समाज के सबसे बड़े संत को, हिंदà¥à¤“ं के सबसे बड़े तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• दीपावली के दिन गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤° करने की बात कà¥à¤¯à¤¾ 2004 से पहले सपने में à¤à¥€ सोची जा सकती थी? परनà¥à¤¤à¥, यह दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤ªà¥‚रà¥à¤£ दिन हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ को देखना पड़ा। 11 नवमà¥à¤¬à¤°, 2004 को हतà¥à¤¯à¤¾ के आरोप में कांची पीठके शंकराचारà¥à¤¯ जयेंदà¥à¤° सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ को आंधà¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ की पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤° कर लिया था। उस समय डॉ. मनमोहन सिंह पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ और पà¥à¤°à¤£à¤¬ मà¥à¤–रà¥à¤œà¥€ रकà¥à¤·à¤¾ मंतà¥à¤°à¥€ थे। पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ मनमोहन सिंह तो कà¥à¤› नहीं बोले, परंतॠपà¥à¤°à¤£à¤¬ मà¥à¤–रà¥à¤œà¥€ ने इस पà¥à¤°à¤•à¤°à¤£ में अपनी नाराजगी पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ की। ;जैसा कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपनी पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में लिखा हैदà¥à¤§ परनà¥à¤¤à¥ कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ सरकार पर उनकी नाराजगी का कोई असर नहीं हà¥à¤†à¥¤ उनके इस पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ का उतà¥à¤¤à¤° à¤à¥€ किसी ने नहीं दिया कि कà¥à¤¯à¤¾ ईद के दिन इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° किसी मौलवी को गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤° करने का साहस दिखाया जा सकता है? कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ ने इस गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤°à¥€ पर तमिलनाडॠसरकार से कोई सवाल नहीं पूछा और न ही किसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° का विरोध ही किया। उस समय आम समाज ने यह मान लिया था कि हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤®à¤—à¥à¤°à¥ की गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤°à¥€ के मामले में जयललिता की सरकार को केंदà¥à¤° की संपà¥à¤°à¤— सरकार का मौन समरà¥à¤¥à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है। परनà¥à¤¤à¥, हिंदू पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ान को बदनाम करने का यह षडà¥à¤¯à¤‚तà¥à¤° असफल साबित हà¥à¤† नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ ने शंकराचारà¥à¤¯ जयेनà¥à¤¦à¥à¤° सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¯ पर लगे सà¤à¥€ आरोप खारिज कर दिà¤à¥¤ उस तरह आज असीमाननà¥à¤¦ और साधà¥à¤µà¥€ पà¥à¤°à¤œà¥à¤žà¤¾ ठाकà¥à¤° पर लगे आरोप खारिज हà¥à¤ हैं।
à¤à¤—वा रंग à¤à¤• बार फिर बेदाग दिखाई दिया कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®, तà¥à¤¯à¤¾à¤— तपसà¥à¤¯à¤¾ बलिदान वीरता, का ‘‘रंग à¤à¤—वा’’ हमारे मूल चेतन आतà¥à¤® रंग और ऋषियों मà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की थाती रहा है। आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤® परहित बलिदान परंपरा, à¤à¤—वा रंग से अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ हà¥à¤†à¥¤ वीर सिकà¥à¤–ों के पताके हो या à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ धरà¥à¤® धà¥à¤µà¤œ पताका इस रंग को हमेशा से à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जन समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ आतà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤¤ करता आया है। किनà¥à¤¤à¥ पिछले कà¥à¤› सालों में à¤à¤—वा आतंक, हिनà¥à¤¦à¥‚ आतंक जैसे कà¥à¤› शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ की माला गूथकर देश के राजनेताओं ने अरबो वरà¥à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और à¤à¤• अरब हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं के गले में लटका दी लेकिन अब असीमानंद की रिहाई के बाद à¤à¤• बार फिर राजनीतिक दलों को विचार करना चाहिठकि धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ के नाम पर वह जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° का वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° बहà¥à¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• वरà¥à¤— की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं, धरà¥à¤® और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के साथ कर रहे हैं कà¥à¤¯à¤¾ वह धरà¥à¤® और देशहित में है?
-राजीव चौधरी
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