“मनà¥à¤·à¥à¤¯ कौन है?’’
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Manmohan Kumar AryaDate
01-Jan-2019Category
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HindiTotal Views
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Vikas KumarUpload Date
01-Jan-2019Download PDF
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हम मनà¥à¤·à¥à¤¯ कहलाते हैं परनà¥à¤¤à¥ कà¥à¤¯à¤¾ हम मनà¥à¤·à¥à¤¯ है? हम मनà¥à¤·à¥à¤¯ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ कहलाते हैं? इसका उतà¥à¤¤à¤° है कि हमारे पास मन व बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ है जिससे हम विचार कर किसी वसà¥à¤¤à¥ या पदारà¥à¤¥ आदि के सतà¥à¤¯ व असतà¥à¤¯ होने का निरà¥à¤£à¤¯ करते हैं। यदि मनà¥à¤·à¥à¤¯ किसी बात को मानता है तो उसे अवशà¥à¤¯ उसका विचार व मनन करना चाहिये कि कà¥à¤¯à¤¾ उसकी मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ सतà¥à¤¯ है अथवा असतà¥à¤¯ है? सतà¥à¤¯ को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करना चाहिये और असतà¥à¤¯ का तà¥à¤¯à¤¾à¤— करना चाहिये। यदि हम à¤à¤¸à¤¾ करते हैं तो हम मनà¥à¤·à¥à¤¯ कहला सकते हैं, अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ नहीं। हम सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ जी के वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ पर विचार कर सकते हैं। उनकी मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं à¤à¤µà¤‚ सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¥‹à¤‚ का हमें जà¥à¤žà¤¾à¤¨ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपनी सà¤à¥€ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं व सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को सतà¥à¤¯ व असतà¥à¤¯ की कसौटी पर कस कर देखा और सतà¥à¤¯ को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° व असतà¥à¤¯ का तà¥à¤¯à¤¾à¤— किया। जो बात सतà¥à¤¯ की कसौटी पर खरी सिदà¥à¤§ हà¥à¤ˆ उसे उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° किया। सतà¥à¤¯ के विपरीत बात का उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने तà¥à¤¯à¤¾à¤— किया। हमें à¤à¥€ à¤à¤¸à¤¾ ही करना चाहिये, तà¤à¥€ हम मनà¥à¤·à¥à¤¯ कहलाने के अधिकारी होंगे।
ऋषि दयाननà¥à¤¦ ने अपने लघॠगà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ ‘सà¥à¤µà¤®à¤¨à¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¨à¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶’ में मनà¥à¤·à¥à¤¯ किसे कहना चाहिये, इस विषय में पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ डाला है। वह लिखते हैं ‘मनà¥à¤·à¥à¤¯ उसी को कहना (अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ मनà¥à¤·à¥à¤¯ वही होता है) जो मननशील होकर सà¥à¤µà¤¾à¤¤à¥à¤µà¤¤à¥ अनà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के सà¥à¤–-दà¥à¤ƒà¤– और हानि-लाठको समà¤à¥‡à¥¤ अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¥€ बलवानॠ(इन पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिखे जाने के समय देश अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ का गà¥à¤²à¤¾à¤® था। उससे पूरà¥à¤µ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ शासकों का गà¥à¤²à¤¾à¤® था। इनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने देश के à¤à¥‹à¤²à¥‡ à¤à¤¾à¤²à¥‡ लोगों पर अनेक पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° किये। यह शबà¥à¤¦ इन लोगों पर à¤à¥€ लागू पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ होते हैं) से à¤à¥€ न डरे और धरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¾ निरà¥à¤¬à¤² से à¤à¥€ डरता रहे। इतना ही नहीं किनà¥à¤¤à¥ अपने सरà¥à¤µ सामरà¥à¤¥à¥à¤¯ से धरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¾à¤“ं कि चाहे वे महा अनाथ, निरà¥à¤¬à¤² और गà¥à¤£à¤°à¤¹à¤¿à¤¤ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न हों, उन की रकà¥à¤·à¤¾, उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿, पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤šà¤°à¤£ और अधरà¥à¤®à¥€ चाहे चकà¥à¤°à¤µà¤°à¥à¤¤à¥à¤¤à¥€ सनाथ, महाबलवानॠऔर गà¥à¤£à¤µà¤¾à¤¨à¥ à¤à¥€ हों तथापि उसका (व उनका) नाश, अवनति और अपà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤šà¤°à¤£ सदा किया करे अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ जहां तक हो सके वहां तक अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के बल की हानि और नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के बल की उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ सरà¥à¤µà¤¥à¤¾ किया करे। इस काम में चाहे उस (मनà¥à¤·à¥à¤¯) को कितना ही दारà¥à¤£ दà¥à¤ƒà¤– पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो, चाहे पà¥à¤°à¤¾à¤£ à¤à¥€ à¤à¤²à¥‡ ही जावें परनà¥à¤¤à¥ इस मनà¥à¤·à¥à¤¯à¤ªà¤¨ रूप धरà¥à¤® से पृथक कà¤à¥€ न होवे।’ इसके आगे à¤à¥€ ऋषि दयाननà¥à¤¦ ने कà¥à¤› शà¥à¤²à¥‹à¤• देकर अपनी बात को बà¥à¤¾à¤¯à¤¾ है। उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उदà¥à¤§à¥ƒà¤¤ à¤à¤• शà¥à¤²à¥‹à¤• में कहा गया है कि मनà¥à¤·à¥à¤¯ वह है जो किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की निनà¥à¤¦à¤¾ व सà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ पà¥à¤°à¤¶à¤‚सा की परवाह नहीं करता, लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ आये या जाये, इसकी à¤à¥€ चिनà¥à¤¤à¤¾ नहीं करता, मृतà¥à¤¯à¥ आज हो या यà¥à¤—ों के बाद, इसकी à¤à¥€ उपेकà¥à¤·à¤¾ करता है। चाहे कà¥à¤› à¤à¥€ हो जाये, सचà¥à¤šà¤¾ या वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• मनà¥à¤·à¥à¤¯ सतà¥à¤¯ वा नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ के पथ से कà¤à¥€ विचलित नहीं होता। à¤à¤• अनà¥à¤¯ शà¥à¤²à¥‹à¤• में कहा गया है कि सतà¥à¤¯ से बà¥à¤•à¤° धरà¥à¤® अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ धारण करने योगà¥à¤¯ गà¥à¤£ व आचरण नहीं है और असतà¥à¤¯ से बà¥à¤•à¤° अधरà¥à¤®, आचरण न करने योगà¥à¤¯ करà¥à¤®, नहीं हैं। सतà¥à¤¯ से बà¥à¤•à¤° जà¥à¤žà¤¾à¤¨ नहीं है। उस सतà¥à¤¯ का ही मनà¥à¤·à¥à¤¯ को सदैव आचरण करना चाहिये। ऋषि दयाननà¥à¤¦ जी के उपरà¥à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ वाकà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से मनà¥à¤·à¥à¤¯ के करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚, धारण करने योगà¥à¤¯ गà¥à¤£à¥‹à¤‚ व धरà¥à¤® पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ पड़ता है। यह सà¤à¥€ बातें पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ निरà¥à¤µà¤¿à¤µà¤¾à¤¦ हैं। सबसे बड़ी गलती व à¤à¥‚ल वहां होती हैं जहां मनà¥à¤·à¥à¤¯ अपने अविदà¥à¤¯à¤¾à¤—à¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ मतों व उनकी मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं के आचरण को ही धरà¥à¤® मान लेते हैं और वैदिक जà¥à¤žà¤¾à¤¨ व सतà¥à¤¯ धरà¥à¤® के जà¥à¤žà¤¾à¤¨ व आचरण से दूर हो जाते हैं।
सृषà¥à¤Ÿà¤¿ के आरमà¥à¤ में सृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ ईशà¥à¤µà¤° ने मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को सतà¥à¤¯ व असतà¥à¤¯ वा करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯-अकरà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ का बोध कराने के लिये वेदों का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ दिया था। सतà¥à¤¯ करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का करना और असतà¥à¤¯ करà¥à¤®à¥‹à¤‚ का न करना ही मनà¥à¤·à¥à¤¯ का धारण करने योगà¥à¤¯, धरà¥à¤®, आचरण व करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ है। बिना वेदों के जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के मनà¥à¤·à¥à¤¯ को अपने धरà¥à¤® व करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ नहीं होता। वेदों से ही ईशà¥à¤µà¤° व जीवातà¥à¤®à¤¾ का सतà¥à¤¯à¤¸à¥à¤µà¤°à¥‚प जाना जाता है। ईशà¥à¤µà¤° के सतà¥à¤¯à¤¸à¥à¤µà¤°à¥‚प को जानकर जो कि मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को उसके किये हà¥à¤ पाप व पà¥à¤£à¥à¤¯ करà¥à¤®à¥‹à¤‚ का फल दाता है, मनà¥à¤·à¥à¤¯ पाप व बà¥à¤°à¥‡ करà¥à¤®à¥‹à¤‚ से बचता है। वेदों का यदि हम अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ नहीं करेंगे तो हम ईशà¥à¤µà¤° व जीवातà¥à¤®à¤¾ के गà¥à¤£, करà¥à¤®, सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ व सà¥à¤µà¤°à¥‚प को नहीं जान सकते। ईशà¥à¤µà¤° ने हमें मनà¥à¤·à¥à¤¯ जनà¥à¤® देकर हम पर महान उपकार किया है। यह जीवन वेदों का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ कर ईशà¥à¤µà¤° व जीवातà¥à¤®à¤¾ सहित सृषà¥à¤Ÿà¤¿ को जानने तथा आसकà¥à¤¤à¤¿ व कामना रहित सदà¥à¤•à¤°à¥à¤®à¥‹à¤‚ को करके करà¥à¤®à¥‹à¤‚ में लिपà¥à¤¤ न होते हà¥à¤ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ व करà¥à¤® से बनà¥à¤§à¤¨à¥‹à¤‚ से छूट कर मोकà¥à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के लिये ईशà¥à¤µà¤° से मिला है। जो मनà¥à¤·à¥à¤¯ व विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ à¤à¤¸à¤¾ करते हैं वह पà¥à¤°à¤¶à¤‚सा के पातà¥à¤° हैं और जो नहीं करते वह अपने बहà¥à¤®à¥à¤²à¥à¤¯ जीवन को वृथा नषà¥à¤Ÿ कर रहे हैं।
यदि हम इतिहास गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ बालà¥à¤®à¥€à¤•à¤¿ रामायण और महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ सहित अपने दरà¥à¤¶à¤¨à¥‹à¤‚ व उपनिषद आदि गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करें तो हम पाते हैं कि हमारे पूरà¥à¤µà¤œ ऋषि, महरà¥à¤·à¤¿, योगी व विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ वेदों का सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯, चिनà¥à¤¤à¤¨ व मनन करने के साथ अगà¥à¤¨à¤¿à¤¹à¥‹à¤¤à¥à¤° à¤à¤µà¤‚ पंच महायजà¥à¤žà¥‹à¤‚ को किया करते थे। à¤à¤¸à¤¾ करने से वह करà¥à¤® के बनà¥à¤§à¤¨à¥‹à¤‚ से मà¥à¤•à¥à¤¤ होकर शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ गति व मोकà¥à¤·à¤—ामी होते थे। महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ के बाद à¤à¤¾à¤°à¤¤ व विशà¥à¤µ के सà¤à¥€ लोग अविदà¥à¤¯à¤¾ से गà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ हो गये। इस कारण वह à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• सà¥à¤–ों को ही महतà¥à¤µ देते हैं। वेद, उपनिषद, दरà¥à¤¶à¤¨ आदि का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ व उनके पूरà¥à¤µà¤œà¥‹à¤‚ को न होने के कारण वह अपनी अलà¥à¤ªà¤œà¥à¤ž बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ के कारण वेदों तक नहीं पहà¥à¤‚च सकें। आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ तो हमें à¤à¤¾à¤°à¤¤ के उन पंडितों पर होता है जो à¤à¤¾à¤°à¤¤ में वेद व वेदानà¥à¤•à¥‚ल वैदिक साहितà¥à¤¯ के होते हà¥à¤ à¤à¥€ अविदà¥à¤¯à¤¾ व वेद विरà¥à¤¦à¥à¤§ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं को मानते व उनका आचरण करते आ रहे हैं। यह à¤à¤¸à¤¾ ही है कि जैसे कि à¤à¤• पà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¾ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ कà¥à¤†à¤ व नदी के तट पर बैठा हà¥à¤† पानी पिलाओं चिलà¥à¤²à¤¾à¤¤à¤¾ रहे और नदी व कà¥à¤†à¤ से पानी लेकर पीने के लिये शà¥à¤°à¤® न करे। ऋषि दयाननà¥à¤¦ का à¤à¤¾à¤°à¤¤ व विशà¥à¤µ की मानव जाति पर सराहनीय उपकार है कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने वेदों का सतà¥à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ मानव मातà¥à¤° तक पहà¥à¤‚चानें का à¤à¤°à¤¸à¤• पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ किया। उनकी कृपा से आज हमारे पास चारों वेदों के हिनà¥à¤¦à¥€ व अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ आदि à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं के à¤à¤¾à¤·à¥à¤¯ हैं। हम इनका अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ कर सकते हैं और इनसे पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ लेकर सदà¥à¤•à¤°à¥à¤® करते हà¥à¤ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को सचà¥à¤šà¤¾ व शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ मनà¥à¤·à¥à¤¯ बना सकते हैं जैसे कि शà¥à¤°à¥€ राम, शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£, आचारà¥à¤¯ चाणकà¥à¤¯, महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ आदि महापà¥à¤°à¥à¤· थे।
वेदों की शिकà¥à¤·à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ सारà¥à¤µà¤à¥Œà¤®à¤¿à¤• à¤à¤µà¤‚ जन-जन के लिये हैं। वेदों का अधà¥à¤¯à¥‡à¤¤à¤¾ व उसका आचरण करने वाला मनà¥à¤·à¥à¤¯ ही यथारà¥à¤¥ अरà¥à¤¥à¥‹à¤‚ में मनà¥à¤·à¥à¤¯ होता है तथा वेदों के विरà¥à¤¦à¥à¤§ आचरण करने वाला नासà¥à¤¤à¤¿à¤• व साधारण अथवा निमà¥à¤¨ कोटि का मनà¥à¤·à¥à¤¯ होता है। मनà¥à¤·à¥à¤¯ बनकर à¤à¥€ जो ईशà¥à¤µà¤° व जीवातà¥à¤®à¤¾ आदि के यथारà¥à¤¥ सà¥à¤µà¤°à¥‚प व इनके गà¥à¤£, करà¥à¤® व सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ को जानने का पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ नहीं करता अथवा जान लेने के बाद à¤à¥€ ईशà¥à¤µà¤° की उपासना व अगà¥à¤¨à¤¿à¤¹à¥‹à¤¤à¥à¤° यजà¥à¤ž आदि नहीं करता उसे हम सचà¥à¤šà¤¾ व पूरà¥à¤£ मनà¥à¤·à¥à¤¯ नहीं कह सकते। इन कृतà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को न करने से वह ईशà¥à¤µà¤°, समाज व देश का ऋणी रहता है और अपने ऋण को परजनà¥à¤®à¥‹à¤‚ में अनेक योनियों में जनà¥à¤® लेकर चà¥à¤•à¤¾à¤¤à¤¾ है। अतः सà¤à¥€ मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को वेद, सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ आदि गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ कर अपने करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का पालन करना चाहिये जिससे उनका सांसारिक जीवन à¤à¤µà¤‚ परजनà¥à¤® सà¥à¤–ो से यà¥à¤•à¥à¤¤ हो सके।
मनà¥à¤·à¥à¤¯ जीवन सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ सिदà¥à¤§à¤¿ के लिये नहीं अपितॠजà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर उस जà¥à¤žà¤¾à¤¨ को जन-जन तक पहà¥à¤‚चाने के लिये मिला है। मनà¥à¤·à¥à¤¯ को बनà¥à¤§à¤¨à¥‹à¤‚ से बचने के लिये सादा जीवन व उचà¥à¤š विचार का जीवन ही वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ करना चाहिये। जो मनà¥à¤·à¥à¤¯ जितनी अधिक मातà¥à¤°à¤¾ में à¤à¥‹à¤—ों का à¤à¥‹à¤— करता है वह उतना ही अधिक बनà¥à¤§à¤¨à¥‹à¤‚ व दà¥à¤ƒà¤–ों से गà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ होता है। अतः वेदाजà¥à¤žà¤¾ ‘तेन तà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¥‡à¤¨ à¤à¥à¤‚जीथा’ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° मनà¥à¤·à¥à¤¯ को सà¥à¤– के पदारà¥à¤¥ à¤à¥‹à¤—ों का à¤à¥‹à¤— तà¥à¤¯à¤¾à¤— पूरà¥à¤µà¤• अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ नà¥à¤¯à¥‚नतम आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° करना चाहिये। मनà¥à¤·à¥à¤¯ को अधिक धन संगà¥à¤°à¤¹ नहीं करना चाहिये। यदि ईशà¥à¤µà¤° की कृपा से सतà¥à¤•à¤¾à¤°à¥à¤¯à¥‹à¤‚ व पà¥à¤°à¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥ आदि से धन संगà¥à¤°à¤¹à¤¿à¤¤ होता है तो उसे सà¥à¤ªà¤¾à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में दान करना चाहिये। à¤à¤¸à¤¾ करके वह शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ मनà¥à¤·à¥à¤¯ बनेगा और इससे उसका आतà¥à¤®à¤¾ देश, समाज व मनà¥à¤·à¥à¤¯ आदि पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का अलà¥à¤ªà¤®à¤¾à¤¤à¥à¤°à¤¾ में ऋणी होगा।
मनà¥à¤·à¥à¤¯ का जीवन परोपकारमय होना चाहिये। परोपकार से ही मनà¥à¤·à¥à¤¯ आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• पूंजी à¤à¤•à¤¤à¥à¤° कर परजनà¥à¤® में सà¥à¤–ी व उतà¥à¤¤à¤® गति को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होते हैं। à¤à¤¸à¥‡ मनà¥à¤·à¥à¤¯ ही मनà¥à¤·à¥à¤¯ कहलाने के अधिकारी होते हैं। सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ से सà¤à¥€ मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को अपना जà¥à¤žà¤¾à¤¨ बà¥à¤¾à¤¨à¤¾ चाहिये और उसके अनà¥à¤¸à¤¾à¤° करà¥à¤® करते हà¥à¤ शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ करà¥à¤®à¥‹à¤‚ की पूंजी अरà¥à¤œà¤¿à¤¤ करनी चाहिये। हम शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ करà¥à¤®à¥‹à¤‚ को करके ही शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ बन सकते हैं और शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ मनà¥à¤·à¥à¤¯ ही ईशà¥à¤µà¤° को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होकर बनà¥à¤§à¤¨ व दà¥à¤ƒà¤–ों से मà¥à¤•à¥à¤¤ होते हैं, यही वैदिक सदà¥à¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨ है। वेद की आजà¥à¤žà¤¾ का पालन करते हà¥à¤ हम मनà¥à¤·à¥à¤¯ बनें और इसके साथ अपने इषà¥à¤Ÿ, मितà¥à¤°, बनà¥à¤§à¥à¤“ं व परिवारजनों को à¤à¥€ मननशील बनाकर व उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ निरà¥à¤¬à¤²à¥‹à¤‚ की अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ आदि से रकà¥à¤·à¤¾ करने की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ करके अपने जीवन को सफल करें। ओ३मॠशमà¥à¥¤
-मनमोहन कà¥à¤®à¤¾à¤° आरà¥à¤¯
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