देश में कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ बॠरही है आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾
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Rajeev ChoudharyDate
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Vikas KumarUpload Date
28-Feb-2019Top Articles in this Category
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बड़ा आसान है न खà¥à¤¦ को मिटाना खà¥à¤¦ पर तेल छिड़ककर आग लगा लो, छत से कूद जाओ या फिर पंखे में रसà¥à¤¸à¥€ डालकर लटक जाओ, इतना नहीं हो सकता तो टà¥à¤°à¥‡à¤¨ की पटरी पर चले जाओ, बà¥à¤²à¥‡à¤¡ से नस काट लो. और à¤à¥€ न जाने कितने तरीके हैं जीवन ख़तà¥à¤® करने के. घर में जरा सी बात हà¥à¤ˆ या अपनी पसंद का काम न हà¥à¤† तो चलो आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ कर लो, पतà¥à¤¨à¥€ नाराज है या पति से कहासà¥à¤¨à¥€ हो गयी चलो आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ कर लो जैसे जिनà¥à¤¦à¤—ी, जिनà¥à¤¦à¤—ी न होकर कोई मजाक हो हर बात में आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ ये आज के à¤à¤¾à¤°à¤¤ की कहानी हो गयी.
कई रोज पहले घटना ही ले लो बांदा जिले की बबेरू कोतवाली के पतवन गांव में 22 फरवरी की रात 28 साल के विकास ने आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ कर ली. विकास की शादी 21 फरवरी को हà¥à¤ˆ थी. विकास का शव तो पोसà¥à¤Ÿà¤®à¥‰à¤°à¥à¤Ÿà¤® के लिठचला गया लेकिन सवाल घर और समाज में जरà¥à¤° चीख रहे है कि आखिर à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤¯à¤¾ कारण हà¥à¤† जो पहले दिन शादी के सात फेरों पर सात जनà¥à¤®à¥‹à¤‚ के बंधन और रिशà¥à¤¤à¥‡ को निà¤à¤¾à¤¨à¥‡ की शपथ लेकर उठे विकास ने अगली ही रात खà¥à¤¦ को मिटा डाला.
वैसे देखें तो हर रोज अखबारों और नà¥à¤¯à¥‚ज चैनलों में à¤à¤¸à¥€ खबरें आम होती हैं कि शादी का पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ ठà¥à¤•à¤°à¤¾à¤ जाने से आहत à¤à¤• पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ ने खà¥à¤¦à¤•à¥à¤¶à¥€ कर ली, शादी के बाद महिला ने आग लगाकर आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ कर ली या शादी के बाद यà¥à¤µà¤• ने जहर खाकर जान दी और पà¥à¤°à¥‡à¤® पà¥à¤°à¤¸à¤‚ग के चलते नवविवाहिता ने पंखे से लटककर जान दी 23 मई 2018 की बात है साउथ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤•à¤¾ में शादी के पंदà¥à¤°à¤¹ दिन बाद ही आपसी à¤à¤—ड़े में पतà¥à¤¨à¥€ ने चà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€ से फांसी लगाकर आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ कर ली थी à¤à¤—ड़े की वजह मामूली कहासà¥à¤¨à¥€ थी. 18 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 2018 को तमिल फिलà¥à¤® इंडसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ की जानी मानी à¤à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤¸ पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤‚का ने फांसी लगाकर आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ कर ली थी पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤‚का ने अपने सà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤¡ नोट में घरेलू कलह इसकी वजह लिखी थी
पिछले वरà¥à¤· जारी इस रिपोरà¥à¤Ÿ दावा किया गया है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ में आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ करने वालों में किसान नहीं बलà¥à¤•à¤¿ सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ यà¥à¤µà¤¾ हैं. आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤“ं के मामलों को ठीक से जान लेने का यह बिलकà¥à¤² सही समय है. हमारे देश में हर साल करीब à¤à¤• लाख लोग आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ करते हैं. 1994 में जहां 89195 आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤“ं के मामले रिकारà¥à¤¡ किठगà¤, वो 2004 में 113697 हो गठऔर 10 साल बाद यानि 2014 में कà¥à¤² 131666 मामले सामने आà¤. नेशनल हेलà¥à¤¥ पà¥à¤°à¥‹à¤«à¤¾à¤‡à¤² की इस रिपोरà¥à¤Ÿ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ की घटनाओं में 15 साल में 23 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ का इजाफा हà¥à¤†. साल 2015 में à¤à¤• लाख 33 हजार से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लोगों ने आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ की जबकि 2000 में ये आंकड़ा à¤à¤• लाख आठहजार के करीब था.
आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ करने वालों में 33 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ की उमà¥à¤° 30 से 45 साल के बीच थी, जबकि आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ करने वाले करीब 32 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ लोगों की उमà¥à¤° 18 साल से 30 साल के बीच थी.
अब सवाल ये उठता है कि आखिर कà¥à¤¯à¤¾ कारण कि जीवन से इतनी बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में लोग à¤à¤¾à¤— कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ रहे है. परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से जूà¤à¤¨à¥‡ का जजà¥à¤¬à¤¾ समापà¥à¤¤ हो गया या रिशà¥à¤¤à¥‹à¤‚ की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ से à¤à¤¾à¤— रहे है. या फिर अपरिपकà¥à¤µà¤¤à¤¾ के कारण आज का यà¥à¤µà¤¾ आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ को ही à¤à¤• बेहतर विकलà¥à¤ª समà¤à¤¨à¥‡ लगा है. विवाह के उपरांत हà¥à¤ˆ आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤“ं में अनेकों कारण ये पाठजाते कि लड़की या लड़के के विवाह से पहले पà¥à¤°à¥‡à¤® समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ होते है पर विवाह परिवारजनों की इचà¥à¤›à¤¾ से होता है पारिवारिक दबाव में हà¥à¤ˆ शादियाठà¤à¥€ कई बार आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ का कारण बन जाती है.
इसके अलावा आधà¥à¤¨à¤¿à¤• जीवनशैली और दौड़-à¤à¤¾à¤— à¤à¤°à¥€ जिंदगी के कारण बà¥à¤¤à¤¾ तनाव, पारिवारिक उलà¤à¤¨à¥‡à¤‚ आरà¥à¤¥à¤¿à¤• कारण जैसी अनेकों परेशानी कई बार सामने आ जाती है. पहले बड़े परिवारों में à¤à¤¸à¥€ परेशानियों का मिलकर सामना किया जाता था लेकिन आज परिवार छोटे हो गये कई बार तनाव के समय मानसिक सहारा नहीं मिल पाता तो इससे बचने के लिठजेहन में आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ का खà¥à¤¯à¤¾à¤² आता है. उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ ये à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ होने लगता है कि अब बस बहà¥à¤¤ हो गया, और खà¥à¤¦ को खतà¥à¤® कर लेते हैं.
इसका à¤à¤• बहà¥à¤¤ ही आसान उदाहरण हम विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में पाते हैं. जब कड़ी मेहनत के बाद à¤à¥€ वे परीकà¥à¤·à¤¾ में फेल या फिर उनके नंबर काफी कम आते हैं तो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ यह à¤à¤• बड़ी गलती लगने लगती है. तब उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पल-पल अपनी गलती का डर सताता है बाद में यही डर बà¥à¤¤à¤¾ हà¥à¤† उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ की ओर ले जाता है. जबकि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ समà¤à¤¨à¤¾ होगा कि गलती सà¥à¤§à¤¾à¤°à¥€ जा सकती है, लेकिन à¤à¤• बार उनकी जिंदगी खतà¥à¤® हà¥à¤ˆ तो वह वापस नहीं आà¤à¤—ी.
अपमान à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ शबà¥à¤¦ है जिसे कई लोग बेहद गंà¤à¥€à¤°à¤¤à¤¾ से लेते है उनका अंतरà¥à¤®à¤¨ टूट जाता है. वह काफी उदास हो जाते हैं, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के सामने जाने से à¤à¥€ शरà¥à¤® आने लगती है इस कारण से à¤à¥€ यह कदम उठा लेते है.
à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं के चलते आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ का फैसला लेते हैं, शारीरिक शोषण की तरह ही किसी की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं के साथ खिलवाड़ करना, आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ का à¤à¤• बड़ा कारण बन जाता है. इसके अलावा पिछले दिनों à¤à¤• बचà¥à¤šà¥‡ ने इस कारण खà¥à¤¦à¤•à¥à¤¶à¥€ की कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उसके माता-पिता उसे समय नहीं देते थे. à¤à¤• दूसरी घटना में à¤à¤• मां और बेटी ने आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ इस वजह कर ली कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि शहर के à¤à¤• दबंग ने बेटी को उठाने की धमकी दी थी. और à¤à¥€ न जाने कितने à¤à¤¸à¥‡ कारण जो हम सबके सामने à¤à¤• सवाल छोड़ जाते हैं. कहते हैं आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ करने वाले बेहद दà¥à¤–ी और लाचार होते हैं जिसका दरà¥à¤¦ सिरà¥à¤« उसे करने वाला ही जानता है, पर कà¥à¤¯à¤¾ आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ उस दरà¥à¤¦ को खतà¥à¤® कर देती है. लेकिन ये सच नहीं है असल में वो आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ दरà¥à¤¦ किसी और को दे देती है. गà¥à¤¸à¥à¤¸à¤¾, मजबूरी, नासमà¤à¥€ या फिर सोच समà¤à¤•à¤° की गई आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ का हशà¥à¤° सिरà¥à¤« दà¥à¤– ही होता है जो मरने वालों के अपनों को हमेशा के लिठमिल जाता है. जाहिर है, मौजूदा वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में विरोध की सामूहिक अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के दायरे जितने संकà¥à¤šà¤¿à¤¤ होते जाà¤à¤‚गे, अपराध और आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤“ं में उतनी ही बà¥à¥‹à¤¤à¤°à¥€ की आशंका बनी रहेगी.
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