हतà¥à¤¯à¤¾ और हतà¥à¤¯à¤¾ में अंतर
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Vinay AryaDate
20-May-2019Category
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RajeevUpload Date
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देश की राजधानी दिलà¥à¤²à¥€ के मोती नगर थानाकà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ बसई दारापà¥à¤° गांव में धà¥à¤°à¥à¤µ तà¥à¤¯à¤¾à¤—ी को 11 मजहबी उनà¥à¤®à¤¾à¤¦à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने घेरकर बेहद ही कà¥à¤°à¥‚रतम तरीके से मारा था जिसमें 4 महिलायें à¤à¥€ शामिल थी। बताया जा रहा है धà¥à¤°à¥à¤µ तà¥à¤¯à¤¾à¤—ी अपनी बेटी को लेकर जा रहा था तà¤à¥€ कà¥à¤› लड़के उसके ऊपर फबà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ कसने लगे. धà¥à¤°à¥à¤µ तà¥à¤¯à¤¾à¤—ी ने विरोध किया तो उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बेरहमी से हà¥à¤¤à¥à¤¯à¤¾ कर दी गई। और उसके à¤à¤¾à¤ˆ पर à¤à¥€ जानलेवा हमला किया गया, लड़की का à¤à¤¾à¤ˆ जिंदगी और मौत से जूठरहा है। यह घटना 11 मई देर रात की है।
जो हà¥à¤† है उसका मà¥à¤à¥‡ गहरा दà¥à¤– है लेकिन हम के ख़िलाफ नफरत का माहौल नहीं चाहते हमारी किसी पंथ से कोई शिकायत नहीं है। हां हमारी शिकायत उन नेताओं से हैं जो नेता अखलाक के मामले में दिलà¥à¤²à¥€ से दादरी पहà¥à¤‚चे थे और उनके परिवार को लाखों के चेक और संवेदना वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ की थी। मà¥à¤à¥‡ शिकायत है इस मामले में उन बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, कलमकारों पà¥à¤°à¥‡à¤¸ पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ से जो अखलाक की हतà¥à¤¯à¤¾ से दà¥à¤–ी होकर अपने अवारà¥à¤¡ वापिस कर रहे थे। शिकायत उन टीवी चेनलों से à¤à¥€ है जो अखलाक की मौत को देश के लिठगहरा धबà¥à¤¬à¤¾ बताकर असहिषà¥à¤£à¥à¤¤à¤¾ का माहौल बता रहे थे। उतà¥à¤¤à¤°à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ अखिलेश यादव फà¥à¤²à¥‡à¤Ÿ बाà¤à¤Ÿà¤¨à¥‡ पहà¥à¤à¤š गये थे और आजम खान यà¥à¤à¤¨à¤“ को चिटà¥à¤ ी लिख रहे थे कि देखिये साहब à¤à¤¾à¤°à¤¤ में मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ नहीं है।
बसई दारापà¥à¤° में सà¤à¥€ हतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ à¤à¤• मजहब विशेष के थे लेकिन देश में उनकों हतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¾ नहीं कहा जा सकता। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वो कथित अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ से आते है। हतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ तो यहाठसिरà¥à¤« वो लोग होते है जो पहलॠखान और अखलाक की हतà¥à¤¯à¤¾ करते है। इसलिठबसई दारापà¥à¤° के हतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ को मीडिया मनचले कह रही है। बावजूद इसके कि हतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ ने अपनी मां से कहा कि घर से सामान लाओ, मां घर से चाकू लेकर आई. हतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ के परिवार के अनà¥à¤¯ लोगों ने लड़की के पिता धà¥à¤°à¥à¤µ तà¥à¤¯à¤¾à¤—ी को पकड़ लिया और हतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ चाकू से गोद दिया। वारदात में शमसेर का पिता, मां, दोनों à¤à¤¾à¤ˆ, तीन-चार बहनें, à¤à¤• दामाद और अनà¥à¤¯ लोग शामिल हैं लेकिन मीडिया की नजर में सब मनचले है।
à¤à¤• पल को सोचिठयदि इस घटना में मृतक मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ होता और हतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¾ किसी अनà¥à¤¯ धरà¥à¤® से कà¥à¤¯à¤¾ तब आपको मीडिया में यह खामोशी दिखाई देती? à¤à¤¸à¤¾ नहीं है मीडिया हमेशा खामोश रहता है नहीं मीडिया पहले मजहब देखता है फिर बोलता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जब राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में रकबर खान की हतà¥à¤¯à¤¾ होती है तो तब मीडिया देश को सिर पर उठा लेता है। हैरत करने वाली बात ये à¤à¥€ थी कि मारा गया रकबर खान वांटेड अपराधी था लेकिन उसे मीडिया के à¤à¤• विशेष वरà¥à¤— दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मासूम बताया यहां तक कि विदेशी अखबारों में à¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤ को बदनाम करने के लिठà¤à¤œà¥‡à¤‚डा चलाया गया।
लेकिन जब दिलà¥à¤²à¥€ के मानसरोवर गारà¥à¤¡à¤¨ में घर से à¤à¤¯à¤°à¤¹à¥‹à¤¸à¥à¤Ÿà¥‡à¤¸ बनने की आकांशा लेकर रिया गौतम नाम की à¤à¤• यà¥à¤µà¤¤à¥€ घर से निकलती है और घर के बाहर उसे आदिल खान, खà¥à¤²à¥‡à¤†à¤® चाकू से ताबड़तोड़ वार करके मौत के घाट उतार देता है तो तब मीडिया इसे पà¥à¤°à¥‡à¤® पà¥à¤°à¤¸à¤‚ग बताकर छोड़ देती है।
जब राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के जोधपà¥à¤° में शमà¥à¤à¥‚लाल रेंगर अफराजà¥à¤² की हतà¥à¤¯à¤¾ करता है तब मीडिया और सेकà¥à¤²à¤° दल देश को सिर पर उठा लेते है लेकिन जब दिलà¥à¤²à¥€ के विकासपà¥à¤°à¥€ में कà¥à¤› मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® यà¥à¤µà¤•à¥‹ की à¤à¥€à¥œ डॉकà¥à¤Ÿà¤° नारंग को उनके घर से बाहर सड़क पर पीट-पीटकर मार डालती है तब ये कहा जाता है कि कृपया घटना को सामà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• रंग देने का काम न करें।
मैं उस देश की बात कर रहा हूठजिस देश का à¤à¤• उपराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ अपना इसà¥à¤¤à¥€à¤«à¤¾ देते हà¥à¤ कहता है कि देश में मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ नहीं है। जब वह à¤à¤¸à¤¾ कह रहे होते है उसी दौरान यूपी के इलाहाबाद में हिनà¥à¤¦à¥‚ यà¥à¤µà¤¤à¥€ हिना तलरेजा के साथ अदनान खान अपने दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ के साथ मिलकर दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ से हिना का गैंगरेप करवाता है उसके बाद उसकी गोली मारकर उसकी हतà¥à¤¯à¤¾ कर देता है।
हम थक गये है सà¥à¤¨-सà¥à¤¨à¤•à¤° की देश में मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ नहीं है मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ खà¥à¤¦ को डरा हà¥à¤† महसà¥à¤¸ कर रहे है इसके बाद फिर खबर होती है कि दिलà¥à¤²à¥€ में à¤à¤• फोटो गà¥à¤°à¤¾à¤«à¤° अंकित सकà¥à¤¸à¥‡à¤¨à¤¾ की कà¥à¤› मजहब विशेष के लोग सरेआम गला काटकर उसकी हतà¥à¤¯à¤¾ कर देते है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वह à¤à¤• मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® लड़की से पà¥à¤¯à¤¾à¤° करता था। 23 साल के अंकित पर मजहबी हतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ उसकी जिंदगी पर मौत का शिकंजा कस देते है उसे गैर मजहब की लड़की से पà¥à¤¯à¤¾à¤° करने की सजा दे देते है। उसे दिलà¥à¤²à¥€ में बीच सडक पर, तमाशबीन à¤à¥€à¥œ के बीच मार डाला जाता यहाठà¤à¥€ मजहबी चादर ओà¥à¤¨à¥‡ वाले चंद शैतानों को अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• बताकर यह कहा गया घटना में सांपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• तनाव फैलाने में काम न करें और इस हतà¥à¤¯à¤¾ को धरà¥à¤® से न जोड़ें। à¤à¤• à¤à¥€ सवाल यह न उठा कि इसे धरà¥à¤® से कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न जोड़े?
आखिर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ इन बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¥€ लोगों को सिरà¥à¤« मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ के मरने पर देश में असहिषà¥à¤£à¤¤à¤¾ नजर आती है? अवारà¥à¤¡ वापसी इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ तब ही कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ याद आती है? आप इन लोगों को समà¤à¤¿à¤¯à¥‡, ये वे लोग है जो à¤à¤• à¤à¤œà¥‡à¤‚डे के तहत काम करते हैं। इन लोगों को अखलाक की हतà¥à¤¯à¤¾ नजर आती है, जà¥à¤¨à¥ˆà¤¦ की हतà¥à¤¯à¤¾ नजर आती है, मगर केरल में जब 26 वरà¥à¤· के सà¥à¤œà¥€à¤¤ की हतà¥à¤¯à¤¾ दिन दहाड़े उसके बूà¥à¥‡ माता-पिता की आंखों के सामने कर दी जाती तब सब खामोश होते है। 29 जनवरी, 2014 को देश की राजधानी दिलà¥à¤²à¥€ में à¤à¤• हतà¥à¤¯à¤¾ हà¥à¤ˆà¥¤ अरूणाचल पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के नीडो तानियाम को पहले नसà¥à¤²à¤µà¤¾à¤¦à¥€ गाली दी गई फिर उसकी पीट-पीटकर हतà¥à¤¯à¤¾ कर दी गई. बैंगलोर में पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤‚त पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ और आगरा में अरूण माहौर की हतà¥à¤¯à¤¾ कर दी गई। मगर किसी पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° को, किसी लेखक को देश में कोई असहिषà¥à¤£à¤¤à¤¾ नजर नहीं आई। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं मारà¥à¤š निकाला गया? कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ किसी ने कोई पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° वापिस नहीं किया?
जूनैद की हतà¥à¤¯à¤¾ का मामला हो या पहलू खान का इस तरह के अनेको मामले à¤à¥‚ठे पाठजाते हैं और ख़बर पर à¤à¤• छोटा सा डिसà¥à¤•à¥à¤²à¥‡à¤®à¤° डालकर नà¥à¤¯à¥‚ज à¤à¤œà¥‡à¤¨à¥à¤¸à¥€ अपना बचाव कर लेती है। जैसे ही ख़बर निकलती है सारे गैंग à¤à¤•à¥à¤Ÿà¤¿à¤µ हो जाते हैं। बड़ी बिंदी गैंग, बà¥à¤°à¤¿à¤—ेड असहिषà¥à¤£à¥à¤¤à¤¾ बà¥à¤°à¤¿à¤—ेड, दिलà¥à¤²à¥€ के जनà¥à¤¤à¤°-मंतर पर नोट इस माय नेम वाले वामपंथी, पोसà¥à¤Ÿà¤° बैनर के साथ आप हिंदà¥à¤“ं का चीरहरण सà¥à¤°à¥ कर देते हैं आप डिफेनà¥à¤¸à¤¿à¤µ मॉड पर चले जाते हैं। या फिर उनके साथ ही तखती लेकर खड़े दिखाई देते हैं। वही इसके विपरीत यदि हतà¥à¤¯à¤¾ किसी हिंदू की होती है तो बचाव में कोई नहीं आता है न विरोध में कोई गैंग आता है हाठयदि उसके नाम के सामने दलित चिपका दिया जाठतो जरूर कà¥à¤› कथित सामाजिक कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ गिदà¥à¤§ बनकर लाशें नोचने पहà¥à¤à¤š जाà¤à¤à¤—े।
अब आप सोचेंगे की इससे कà¥à¤¯à¤¾ फरà¥à¤• पड़ता है तो मैं आपको बता दूठइससे इतना फरà¥à¤• पड़ता है कि विदेशों में रहने वाले लाखों हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं को शक की नजरों से देखा जाता है। अगर पहलू अखलाक पर बात होती है तो नारंग और चंदन गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾ पर à¤à¥€ हो अपराध बोध से बाहर निकलिठहर à¤à¤• हतà¥à¤¯à¤¾ पर बात कीजिà¤à¥¤ आरोपी का धरà¥à¤® देखकर ही आप कà¥à¤› बोलते हैं। आखिर इन हतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ से इतनी हमदरà¥à¤¦à¥€ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚? इसलिठखà¥à¤²à¤•à¤° बोलिठकि धà¥à¤°à¥à¤µ तà¥à¤¯à¤¾à¤—ी की सिरà¥à¤« हतà¥à¤¯à¤¾ नहीं बलà¥à¤•à¤¿ मॉब लिंचिंग à¤à¥€ थी कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ 11 मजहबी उनà¥à¤®à¤¾à¤¦à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने घेर कर मारा जिसमें 4 महिलाà¤à¤‚ à¤à¥€ शामिल थीं।
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