अब à¤à¤¸à¥‡ होगा शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ जी का जनà¥à¤®
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Rajeev ChoudharyDate
23-Aug-2019Category
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shree krishna janmotsav 2019
अकà¥à¤¸à¤° à¤à¤¾à¤—वत कथा करने वाले पौराणिक लोग जिसे धरà¥à¤® पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° कहते हैं, जब ये योगिराज शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ जी महाराज के बारे में मनघडंत बात कहते है तो सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ वाले सोचते है, धरà¥à¤® बरस है। दूसरा इन कथाओं को सà¥à¤¨à¤•à¤°, आम वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ यह à¤à¥€ सोच बैठता है कि मैं धारà¥à¤®à¤¿à¤• हो रहा हूं। à¤à¤¸à¤¾ इसलिठहोता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि हमारी पूरी की पूरी शिकà¥à¤·à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में वैदिक धरà¥à¤® के बारे कोई जानकारी नहीं दी जाती है। इस कारण आज लोग अपने महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ के जीवन चरितà¥à¤° के विषय में जानकारी के लिठटीवी सीरियलो या तथाकथित बाबाओं के à¤à¤°à¥‹à¤¸à¥‡ है और यह दोनों धन कमाने के लिठअपने महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ के जीवन चरितà¥à¤° से खिलवाड़ कर समाज के बड़े हिसà¥à¤¸à¥‡ को दिगà¥à¤à¤°à¥à¤®à¤¿à¤¤ कर रहे है।
आप कà¥à¤› पल को कानà¥à¤¹à¤¾, बाल गोपाल की लीला छोड़ दीजिये। इनकी लीला समà¤à¤¿à¤¯à¥‡, à¤à¤œà¤¨ गाते है, “मनिहार का वेश बनाया, शà¥à¤¯à¤¾à¤® चूड़ी बेचने आया” मतलब इनके अनà¥à¤¸à¤¾à¤° योगिराज शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ जी महाराज चूड़ियाठबेच रहे है। इसके अलावा ये लोग शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ को लीलाधर, रसिक, गोपी पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€, कपड़े चोर, माखन चोर और न जाने कथाओं में कà¥à¤¯à¤¾-कà¥à¤¯à¤¾ लोगों को बता रहे होते है कि उनके 16 हजार गोपियाठथी, वे सरोवर पर छिपकर कपडे चà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ जाया करते थे।
इसलिठजो लोग आज योगिराज शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ को जानना चाहते है तो पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ का चशà¥à¤®à¥‡ से कृषà¥à¤£ को नहीं समà¤à¤¾ जा सकता। कà¥à¤¯à¥‹à¤•à¤¿ वहां सिवाय रासलीला मकà¥à¤–न चोरी के आरोपों के अलावा कà¥à¤› नहीं मिलेगा। इसà¥à¤•à¤¾à¤¨ के मनà¥à¤¦à¤¿à¤°à¥‹à¤‚ में नाचने से कृषà¥à¤£ को नहीं समà¤à¤¾ जा सकता। कृषà¥à¤£ को समà¤à¤¨à¥‡ के लिठन मीरा के à¤à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ की जरà¥à¤°à¤¤ है न रसखान चौपाइयों की। न सूरदास के दोहों की जरà¥à¤°à¤¤ है और न किसी à¤à¤¾à¤—वत कथा कहने वाले बाबाओं की। कृषà¥à¤£ को समà¤à¤¨à¥‡ के लिठबस सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को समà¤à¤¨à¤¾ होता है, उसके लिठअरà¥à¤œà¥à¤¨ बनना पड़ता है।
कृषà¥à¤£ का यह तरà¥à¤• है कि जब तक इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ के अनà¥à¤¦à¤° सà¥à¤µà¤¯à¤‚ के अनिषà¥à¤Ÿ की आशंका है तब तक वह ईशà¥à¤µà¤° पर अविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ पैदा कर रहा है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि हानि लाà¤, सà¥à¤– दà¥à¤ƒà¤– जीवन की लीला है, à¤à¤• नाटक है, जिससे हर किसी को गà¥à¤œà¤°à¤¨à¤¾ होता है। इस नाटक में बिना à¤à¤¾à¤— लिठकोई जीवन मंच से नहीं उतर सकता है। इसलिठकृषà¥à¤£ सदा मà¥à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤¤à¥‡ रहे, वह कà¤à¥€ गंà¤à¥€à¤° नहीं हà¥à¤à¥¤ वरना अà¤à¥€ तक संसार में जितने लोग आये सब दà¥à¤–ी गंà¤à¥€à¤° दिखाई दिà¤à¥¤ चाहें बà¥à¤¦à¥à¤§ हो या जीसस, गà¥à¤°à¥ नानक हो या मोहमà¥à¤®à¤¦à¥¤ हर कोई चिंता में वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ रहा किनà¥à¤¤à¥ शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ जी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के à¤à¤• अकेले à¤à¤¸à¥‡ महापà¥à¤°à¥à¤· है जो दà¥à¤ƒà¤– में à¤à¥€ मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ का साहस करते है, जो मृतà¥à¤¯à¥ को à¤à¥€ हंसकर सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करने की हिमà¥à¤®à¤¤ रखते है।
तà¤à¥€ अरà¥à¤œà¥à¤¨ से कृषà¥à¤£ कहते है पारà¥à¤¥ जब तू à¤à¤¸à¤¾ समà¤à¤¤à¤¾ है कि कोई मर सकता है, तब तक तू आतà¥à¤®à¤¾ पर विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ के बजाय शरीर पर विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ कर रहा है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि तà¥à¤à¥‡ पता ही नहीं है कि जो à¤à¥€à¤¤à¤° है, वह न कà¤à¥€ मरा है, न कà¤à¥€ मर सकता है, अगर तू सोचता है कि मैं किसी को मार सकूà¤à¤—ा, तो तू बड़ी à¤à¥à¤°à¤¾à¤‚ति में है, बड़े अजà¥à¤žà¤¾à¤¨ में है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि मारने की धारणा ही शरीरवादी की धारणा है आतà¥à¤®à¤µà¤¾à¤¦à¥€ की नहीं। असल में योगिराज शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ मनà¥à¤·à¥à¤¯-जाति के इतिहास में à¤à¤• अकेले महापà¥à¤°à¥à¤· हैं, जो जीवन के सब अरà¥à¤¥à¥‹à¤‚ को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° कर लेते है। जो परमातà¥à¤®à¤¾ को अनà¥à¤à¤µ करते हà¥à¤ यà¥à¤¦à¥à¤§ से विमà¥à¤– नहीं होते, जो अधरà¥à¤® के विरà¥à¤¦à¥à¤§ खड़ा होने और बोलने का साहस रखते है।
किनà¥à¤¤à¥ इसके विपरीत बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤µà¥ˆà¤µà¤°à¥à¤¤ नामक पà¥à¤°à¤¾à¤£ में कृषà¥à¤£ के चरितà¥à¤° का कलंकित चितà¥à¤°à¤£ किया गया इसके उपरांत विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ मत-मतांतरों के लोगों ने अपने तथाकथित नबियों, कालà¥à¤ªà¤¨à¤¿à¤• ईशà¥à¤µà¤° के दूतों को बड़ा दिखाने के लिठइसी पà¥à¤°à¤¾à¤£ का सहारा लिया। इसके बाद तथाकथित दà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥€ गà¥à¤°à¥à¤“ं ने धरà¥à¤® और ईशà¥à¤µà¤° की आड़ में पंडाल सजा-सजाकर कृषà¥à¤£ के महान चरितà¥à¤° को कलंकित किया जो आज à¤à¥€ जारी है। जैसा कà¥à¤› समय पहले दिलà¥à¤²à¥€ में à¤à¤• बाबा वीरेंदà¥à¤° देव दीकà¥à¤·à¤¿à¤¤ अपने आशà¥à¤°à¤® में लड़कियों को निरà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥à¤° कर कहता था मैं कृषà¥à¤£ हूं और तà¥à¤® गोपी हो। à¤à¤¸à¥‡ लोगो ने ही कृषà¥à¤£ का जो असली वीरता का चरितà¥à¤° था, जो साहस का था। जो जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का था, जो नीति का था। जिसमें यà¥à¤¦à¥à¤§ की कला थी, जिसमें पà¥à¤°à¥‡à¤® था, करà¥à¤£à¤¾ थी, वो सब हटा दिया नकली खड़ा कर दिया।
à¤à¤²à¤¾ जिसके सà¥à¤µà¤¯à¤‚ घर में हजारों गायें हों और घर में दूध-दही व माखन की कोई कमी न हो वो कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ दूसरे के घर माखन चà¥à¤°à¤¾à¤•à¤° खायेगा? कà¥à¤¯à¤¾ बाल लीला करने के लिठसिरà¥à¤« यही à¤à¤• कारà¥à¤¯ बचा था। à¤à¤²à¤¾ जो दà¥à¤°à¥‹à¤ªà¤¦à¥€ की अरà¥à¤§à¤¨à¤—à¥à¤¨ देह को ढककर समसà¥à¤¤ हसà¥à¤¤à¤¿à¤¨à¤¾à¤ªà¥à¤° लताड़ लगाता हो, वो कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ à¤à¤²à¤¾ गोपियों को नगà¥à¤¨ देखने के लिठकपडे चोरी करेगा? सà¥à¤µà¤¯à¤‚ सोचिठजिसनें योग की परम ऊंचाई को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया हो, जिस कृषà¥à¤£ के अनà¥à¤¦à¤° à¤à¤¸à¤¾ अधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤® हो जो जीवन की समसà¥à¤¤ संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं को à¤à¤• साथ सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° कर लेता हो à¤à¤¸à¥‡ योगिराज शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ की à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ के लिठबड़ी सारà¥à¤¥à¤•à¤¤à¤¾ है। à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ को कृषà¥à¤£ के सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚तों की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है, इस à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥‚मिको इस वैदिक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को योगिराज शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जब सबके मूलà¥à¤¯ नियम सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त फीके पड़ जाà¤à¤à¤—े सब के सब अà¤à¤§à¥‡à¤°à¥‡ में डूब जाà¤à¤à¤—े और इतिहास की मिटटी उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ दबा देगी, तब à¤à¥€ शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ जी का तेज चमकता हà¥à¤† रहेगा। बस लोग इस योगà¥à¤¯ हो जाये कि कृषà¥à¤£ को समठपाà¤à¥¤ जिस दिन à¤à¤¸à¤¾ होगा कृषà¥à¤£ के विचार का जनà¥à¤® हो जायेगा, अधरà¥à¤® हार जायेगा और à¤à¤• पवितà¥à¤°à¤¤à¤¾ और जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का जनà¥à¤® होकर धरà¥à¤® विजयी हो जायेगा पà¥à¤¨: कृषà¥à¤£ जनà¥à¤® हो जायेगा।
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