à¤à¤¾à¤°à¤–णà¥à¤¡ सरकार बदलने से धरà¥à¤® à¤à¥€ बदल जाà¤à¤—ा..
Author
Rajeev ChoudharyDate
06-Jan-2020Category
लेखLanguage
HindiTotal Views
385Total Comments
0Uploader
RajeevUpload Date
06-Jan-2020Top Articles in this Category
- फलित जयोतिष पाखंड मातर हैं
- राषटरवादी महरषि दयाननद सरसवती
- राम मंदिर à¤à¥‚मि पूजन में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कहाठगयी? à¤à¤• लंबी सियासी और अदालती लड़ाई के बाद 5 अगसà¥à¤¤ को पà¥
- सनत गरू रविदास और आरय समाज
- बलातकार कैसे रकेंगे
Top Articles by this Author
- राम मंदिर à¤à¥‚मि पूजन में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कहाठगयी? à¤à¤• लंबी सियासी और अदालती लड़ाई के बाद 5 अगसà¥à¤¤ को पà¥
- साईं बाबा से जीशान बाबा तक कà¥à¤¯à¤¾ है पूरा माजरा?
- शरियत कानून आधा-अधूरा लागू कयों
- तिबà¥à¤¬à¤¤ अब विशà¥à¤µ का मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ बनना चाहिà¤
- कà¥à¤¯à¤¾ आतà¥à¤®à¤¾à¤à¤‚ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ में बोलती है..?
à¤à¤¾à¤°à¤–णà¥à¤¡ में सरकार बदले à¤à¤• हफà¥à¤¤à¤¾ à¤à¥€ नहीं हà¥à¤† है पर लोगों के सà¥à¤° बदलने शà¥à¤°à¥‚ हो गये रांची धरà¥à¤®à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤‚त के आरà¥à¤š बिशप फेलिकà¥à¤¸ टोपà¥à¤ªà¥‹ ने बिशप हाउस में पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ से बात करते हà¥à¤ कहा है कि “पिछली सरकार में हमलोग तनाव में रहते थे। उमà¥à¤®à¥€à¤¦ है कि नई सरकार में हमें जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ समरà¥à¤¥à¤¨ मिलेगा, पिछली सरकार में मिशन के कामों की गति धीमी पड़ गई थी, सरकार की ओर से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बाधा आ रही थी, नई सरकार मिशन के कामों को समरà¥à¤¥à¤¨ देगी” बिशप के इस बयान से यही अंदाज लगाया जा सकता है कि रघà¥à¤¬à¤° दास सरकार में मिशनरियों पर शिकंजा कसा हà¥à¤† था।
असल में देखा जाये तो à¤à¤¾à¤°à¤–णà¥à¤¡ में ईसाई मिशनरीज धरà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°à¤£ का कारà¥à¤¯ जिस सà¥à¤ªà¥€à¤¡ से कर रही थी पिछले पांच साल में उनकी इस गति पर बà¥à¤°à¥‡à¤• लगा है, परनà¥à¤¤à¥ इसमें सरकार के साथ पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ पूजक सरना समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ का à¤à¥€ काफी योगदान रहा है। पिछले वरà¥à¤· à¤à¤¾à¤°à¤–ंड की राजधानी रांची से करीब 25 किलोमीटर दूर आदिवासी बहà¥à¤² गà¥à¤–टंगा गांव में उà¤à¤°à¥‡ विवाद से अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ लगाया जा सकता है जब इस गांव के लोगों ने आदिवासियों की जमीन पर बने चरà¥à¤š को तोड़कर सरना à¤à¤µà¤¨ बना दिया है। साथ ही चरà¥à¤š के ऊपर लगे कà¥à¤°à¥‰à¤¸ को तोड़कर सरना à¤à¤‚डा लगा दिया था। आदिवासियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ चरà¥à¤š के ख़िलाफ इस कारà¥à¤°à¤µà¤¾à¤ˆ ने à¤à¤• नई बहस छेड़ जनà¥à¤® दे दिया था कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि पिछले कà¥à¤› सालों में à¤à¤¾à¤°à¤–ंड में ईसाइयों के धरà¥à¤® पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤•à¥‹à¤‚ तथा चरà¥à¤š की गतिविधियों को इनके ख़िलाफ जगह-जगह बैठक और धरनों का सिलसिला à¤à¥€ तेज हà¥à¤† है। सड़कों पर जà¥à¤²à¥‚स à¤à¥€ निकाले जाते रहे हैं।
अगर इस बहस पर चरà¥à¤šà¤¾ करें तो सबसे पहले यह जानना जरà¥à¤°à¥€ है कि आखिर सरना समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ कौन है? कà¥à¤¯à¤¾ पूरा समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ ईसाई धरà¥à¤®à¤¾à¤‚तरण के खिलाफ है या इसका कà¥à¤› à¤à¤¾à¤— ही इसका विरोध कर रहा है या यह à¤à¤• सतही राजनीति मामला है? आखिर कà¥à¤¯à¤¾ है इसका मनोविजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• कारण और कारक? असल में आज से डेढ सौ वरà¥à¤· पहले आदिवासी समाज à¤à¤• ही रूà¥à¤¿ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ या परंपरा से संचालित था। 1845-48 में सबसे पहले जरà¥à¤®à¤¨ मिशनरी बिहार आठउस समय à¤à¤¾à¤°à¤–णà¥à¤¡ राजà¥à¤¯ का जनà¥à¤® नहीं हà¥à¤† था। तब उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बाईबिल सà¥à¤•à¥‚ल चलाà¤, फिर 1868 में कैथोलिक मिशन आया और उसने à¤à¥€ बाईबिल सà¥à¤•à¥‚ल चलाये और आदिवासियों में ईसाई धरà¥à¤® का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° किया। ईसाई धरà¥à¤® के साथ बंडल में आठसà¥à¤•à¥‚ल और असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² ने आदिवासियों को नई जिंदगी से परिचित कराया और पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ के पà¥à¤°à¤—तिशील संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ आदिवासी कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में आई। शà¥à¤°à¥‚आत में आदिवासियों को मिशनरियों पर बहà¥à¤¤ विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ नहीं था। लेकिन धीरे-धीरे ईसाई धरà¥à¤® में दीकà¥à¤·à¤¿à¤¤ होते गà¤à¥¤
अब मिशनरियों ने धरà¥à¤®à¤¾à¤‚तरित ईसाईयों का à¤à¤• अलग समाज बनाने का फैसला किया और उस समाज को फैलाने के लिठà¤à¥€ अनेक उपायों का सहारा लिया। यानि किसी समाज को लेकर अगर à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में सतà¥à¤¤à¤¾ पाना है तो उस समाज के सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ में वृदà¥à¤§à¤¿ आवशà¥à¤¯à¤• होती है। ईसाई धरà¥à¤®à¤¾à¤‚तरण के खेल को इसकी पृषà¥à¤Ÿà¤à¥‚मि में à¤à¥€ समà¤à¤¨à¥‡ की कोशिश की जा सकती है। इससे पहले पूरे à¤à¤¾à¤°à¤¤ में ईसाईयों का कोई सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° समाज वजूद में नहीं है। ईसाईयों का हित मतलब चरà¥à¤š का हित होता है। ईसाईयों पर हमला à¤à¥€ आम ईसाईयों पर नहीं बलà¥à¤•à¤¿ चरà¥à¤š पर ही होता है।
सरना ईसाई के बीच चल रहे à¤à¤—ड़े को यदि आप सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ पर आधारित à¤à¤—ड़ा कहेंगे तो वहां बड़े पैमाने पर हो रहे धरà¥à¤®à¤¾à¤‚तरण के षडà¥à¤¯à¤‚तà¥à¤° पर मिटटी डालने जैसा होगा। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि à¤à¤• आदिवासी ईसाई बनने के बाद फादर या पासà¥à¤Ÿà¤° के अधीनसà¥à¤¥ à¤à¤• धरà¥à¤® संगठन की à¤à¤• पà¥à¤°à¤œà¤¾ बन जाता है। उसका सरनेम उसके तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° यहाठतक कि वह अब तक जिस संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में जिया उसके पà¥à¤°à¤–ों ने जिस संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को सहेजा बचाया वह उसका शतà¥à¤°à¥ बना दिया जाता है। यानि वह à¤à¤• पारंपारिक समाज से निकल कर मिशनरियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ à¤à¤• अलग समाज में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करता है। यहाठउसे अपना मन, शरीर, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿, जीवन मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ सामाजिक मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚, सà¥à¤µà¤°à¥à¤— नरक के विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ के साथ सामाजिक संबंधों को à¤à¥€ लेकर आना होता है। यहाठवह आदिवासी समाज की तरह सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° जीवन बसर नहीं कर सकता है। उसे सापà¥à¤¤à¤¾à¤¹à¤¿à¤• गिरजाघर जाना रहता है। उसे पादरी के आदेश के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° नये विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ के साथ न सिरà¥à¤« à¤à¤•à¤¾à¤•à¤¾à¤° करना होता है, बलà¥à¤•à¤¿ अपने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का जनà¥à¤® संसà¥à¤•à¤¾à¤°, शिकà¥à¤·à¤¾-दीकà¥à¤·à¤¾, विवाह और मृतà¥à¤¯à¥ संसà¥à¤•à¤°à¤£ à¤à¥€ अपनी ही ईसाई पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ में करना होता है। साथ ही उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ ईसाई बनने के बाद रोटी बेटी का रिशà¥à¤¤à¤¾ à¤à¥€ अपने समाज से तोड़ना ही होता है।
इस मामले में आदिवासी समाज अतà¥à¤¯à¤‚त सरल, सीधा और पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‹à¤§à¥€à¤¹à¥€à¤¨ साबित हà¥à¤† है। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मिशनरियों ने जो करने के लिठकहा वह करते गये, वे अनपॠथे, लेकिन आजà¥à¤žà¤¾à¤•à¤¾à¤°à¥€ थे इसी का फायदा मिशनरियों ने खूब उठाया, अपने ही पूजा-पाठ, रीति-रिवाजों, परंपराओं का मखौल उड़ाने के लिठमजबूर किया गया। जिसका उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अकà¥à¤·à¤°à¤¶à¤ƒ पालन किया। नतीजा साल 2001 में ईसाई 10.93 लाख थे, जो 2011 में बà¥à¤•à¤° 14.18 लाख हो गठथे।
हालाà¤à¤•à¤¿ समाज में 10-15 वरà¥à¤· के बाद नयी पीà¥à¥€ आती है। वह जो देखती है उसे ही दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ कहती है। आदिवासियों को अपने अतीत की कोई गौरवमयी कहानियाठनहीं पढाई गयी आदिवासियों को अपने पà¥à¤°à¤–ों की मजबूरियों के बारे कà¥à¤› à¤à¥€ नहीं मालूम था और न उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बतलाने का कोई जरिया था बस मिशनरीज जो कहती गयी वह उस पर विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ करते गये।
नतीजा आज का आदिवासी, ईसाई बन कर अपने को जनà¥à¤®à¤¨à¤¾ ईसाई मानता है। उनके पूरखों की बौदà¥à¤§à¤¿à¤• अपंगता का लाठबाहर से धरà¥à¤® लेकर आठमिशनरी ने कैसे उठाया उसे जानने में उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कोई रूचि नहीं है। सरना उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ दà¥à¤¬à¤¾à¤°à¤¾ वापिस लाने को पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¤°à¤¤ है नतीजा आज à¤à¤¾à¤°à¤–ंड में समाज खंड-खंड है। लेकिन गाà¤à¤µà¥‹à¤‚ में अशिकà¥à¤·à¤¿à¤¤à¥‹à¤‚ के बीच आदिवासीयत की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ अà¤à¥€ à¤à¥€ अखणà¥à¤¡ ही है। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पà¥à¤¨: अपनी महान संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ से जोड़ने के लिठआज सरना संगठन उनके साथ सरना सनातन की बात कर रहे हैं। सरना वालों का à¤à¤• बड़ा à¤à¤¾à¤— ईसाईयों को अपना ही खून समà¤à¤¤à¤¾ है। ईसाईयों का à¤à¥€ समà¤à¤¦à¤¾à¤° हिसà¥à¤¸à¤¾ सरना को अपने से अलग नहीं समà¤à¤¤à¤¾ है। लेकिन रोटी बेटी की अलगाववादी विचारधारा ने सरना समाज को सबसे अधिक बाà¤à¤Ÿ दिया है और उनमें ईसाईयों को अलग समà¤à¤¨à¥‡ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ à¤à¥€ बॠरही है। दोनों के मनोà¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ को समà¤à¤¨à¥‡ के लिठसà¥à¤•à¥à¤·à¥à¤®à¤¦à¤°à¥à¤¶à¥€ होने की जरूरत है। इसके बिना इसके मनोविजà¥à¤žà¤¾à¤¨ गाà¤à¤ समà¤à¤¨à¤¾ मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² है ।कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यह लड़ाई है हमारी सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को बचाने की है। आज सरकार बदलने से जो वहां मिशनरीज खà¥à¤¶ है उसका à¤à¤• कारण यह है कि 2017 में à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ सरकार ने à¤à¤¾à¤°à¤–ंड में धरà¥à¤® सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° कानून बना था जिसका विपकà¥à¤· ने पà¥à¤°à¤œà¥‹à¤° विरोध किया था। अब वहां फिर सरकार बदली है इसी कारण हो सकता है धरà¥à¤®à¤ªà¤°à¤¿à¤µà¤°à¥à¤¤à¤¨ करने वाले संगठन पादरी आरà¥à¤š बिशप उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ हो?
ALL COMMENTS (0)