139th Rishi Nirvan Diwas

23 Oct 2022
India
आरय केनदरीय सभा दिलली राजय

139वें महर्षि दयानंद निर्वाण दिवस पर आर्य केन्द्रीय सभा दिल्ली राज्य द्वारा रामलीला मैदान में आयोजित कार्यक्रम में  300 आर्य समाजों तथा संस्थाओं के 1500 से अधिक प्रतिनिधियो ने दिल्ली को प्रदुषण मुक्त करने के अभियान की शुरुआत की। अभियान के अंतर्गत आर्य समाज के सभा के 50000 से अधिक कार्यकर्ताओं द्वारा जन जन को अपने साथ जोड़ा जाएगा ताकि दिल्ली में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति जागरूक हो और प्रदुषण रोकने के लिए व्यक्तिगत प्रयास करे। सभा के प्रधान सुरेंद्र रैली ने बताया कि अथर्व  वेद का यह मंत्र " माता भूमि:पुत्रोऽहं पृथिव्या:। अर्थात पृथ्वी हमारी माता और हम उसकी संतान है। हमारे अभियान का मूल मंत्र है पर्यावरण के अनुसार जीवनशैली अपनाना। हमें याद रखना होगा -प्रकृति रक्षति रक्षिता। इसलिए प्रकृति के प्रत्येक तत्व चाहे वायु, जल, ध्वनि आदि को प्रदुषण मुक्त करने का अर्थ है अपनी और आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा करना। उन्होंने महर्षि दयानंद सरस्वती जी को श्रद्धांजलि देते हुए सभी आर्यजनों को प्रेरित किया कि हम छोटे-छोटे ट्रेक्क /पुस्तकें छपवा व बटवांकर, उनकी पी.डी.एफ. को सोशल मीडिया के विभिन्न  माध्यमों द्वारा फैले हुई जितनी भी भ्रांतियां, पाखंड तथा अंधविश्वास हैं उन्हें दूर करके ही मानव जाति का कल्याण कर सकते हैं। अधिकतर आर्य सज्जन इस पूनीत कार्य को सफल करने में अपना पूर्ण योगदान देने के लिए हर समय तैयार बैठे हुए हैं। हमें केवल कार्य करने के लिए उनको प्रेरित तथा उत्साहित ही करना है तभी विश्व भर में शुद्ध पर्यावरण संभव होगा। स्वामी डा. देवव्रत सरस्वती जी, प्रधान सेनापति, सार्वदेशिक आर्य वीर दल के आशीर्वाद से, श्री योगेश मुंजाल जी, मैनेजिंग डायरेक्टर मुंजाल शोवा, की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। श्री आनंद चौहान जी, संस्थापक सदस्य, डायरेक्टर, एमिटी यूनिवर्सिटी, कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बन कार्यक्रम की शोभा बढाई। डॉ. सतीश प्रकाश जी, गयाना, उत्तरी अमेरिका,  विदेशों में वैदिक प्रचार प्रसार कर रहें, ने इस कार्यक्रम में उपस्थित होकर महर्षि को अपनी तथा विदेशों में रह रहें सभी भारतीय जनों की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की। 600 आर्यजनों तथा आर्य वीरों तथा वीरांगनाओं ने अपने अपने यज्ञ कुण्ड में, एक रूप यज्ञ में आहुति देकर महर्षि देव दयानंद को श्रद्धांजलि अर्पित की। आर्य केंद्रीय सभा के सभी अधिकारियों तथा सदस्यों ने श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम का शुभारंभ श्रीमती अमृता आर्य, आर्य विदुषी, व उनके साथी गणों ने भजनों के माध्यम से वातावरण को संगीत व भक्तिमय बना दिया। सभी उपस्थित गणमान्य आर्य जनों ने ध्वाजारोहण के पश्चात दीप प्रज्वलित किया। मुख्य वक्ता डॉ ममता सक्सेना जी, वैदिक शोधकर्ता, ने कहा कि यज्ञ से ही हम पर्यावरण शुद्धि कर सकते हैं क्योंकि यज्ञ की प्रक्रिया में किसी भी केमिकल का उपयोग नहीं होता। प्राकृतिक तत्वों से निर्मित सामग्री, समिधाएं तथा गाय के देसी घी द्वारा प्रज्वलित अग्नि वातावरण में समाहित विषैले किटाणुओं को नष्ट कर वातावरण को शुद्ध कर देती हैं। इस प्रक्रिया पर बहुत सारी रिसर्च हुई हैं, विभिन्न  लैबरोटिज में शोध हुए हैं और उनके परिणाम बहुत ही उत्साहजनक हैं। उन्हें  सभा की तरफ से एक समृति चिन्ह भेंट किया गया। स्वामी डा. देवव्रत सरस्वती जी, प्रधान सेनापति, सार्वदेशिक आर्य वीर दल ने कहा कि हमारे ऋषि मुनि,  प्राचीन काल में बृहद यज्ञों का आयोजन कर वातावरण में फैले विषैले तत्वों को नष्ट कर देते थे। हमारे अराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र जी तथा योगीराज श्री कृष्ण महाराज जी भी बड़े यज्ञों का आयोजन किया करते थे। कार्यक्रम के अध्यक्ष,श्री योगेश मुंजाल जी, मैनेजिंग डायरेक्टर मुंजल शोवा, ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में सभी आर्यजनों को प्रेरित करते हुए कहा कि जब आधुनिक रिसर्च व शोध प्रणाम वेदों में समाहित संज्ञान के अनुसार अनुकूलित हैं तो घर घर यज्ञ हर घर यज्ञ योजना के अंतर्गत हमें प्रचार माध्यमों द्वारा जन जन तक पहुंचना और उनको इस शुभ कार्य योजना का अंग बनाना चाहिए तभी आने वाली पीढ़ी को हम स्वच्छ और सुंदर वातावरण उपलब्ध करवा सकते हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, श्री आनंद चौहान जी, संस्थापक सदस्य, डायरेक्टर, एमिटी यूनिवर्सिटी, ने आश्वासन देते हुए आहव्हान किया कि यह सुनिश्चित होने पर की यज्ञ द्वारा पर्यावरण को कोई हानि नहीं होती बल्कि पर्यावरण शुद्ध होता है और मानव कल्याण के लिए एक वरदान है। हमें सावधानी पूर्वक इसकी शुद्धता को बनाए रखते हुए यज्ञ करना और करवाना है ताकि महर्षि देव दयानंद के बताए मार्ग पर चलते हुए सबकी सुरक्षा और भावी पीढ़ी को सुंदर पृथ्वी का वातावरण उपलब्ध हो सके वैसे कार्यों को बढ़ाना है। मैं पूर्णता प्रयास करूंगा कि हमारे शिक्षण संस्थानों में भी यज्ञ पर हुए शोधों के जो परिणाम आए हैं उनसे नौजवान पीढ़ी को अवगत करवाया जाए और उनको जोड़ने का प्रयास किया जाए। हमें अपनी प्रचार पद्धति को भी नए प्रचार माध्यमों से उन्नत करना होगा तथा अपनी युवा/भावी पीढ़ी को भी महर्षि जी द्वारा बताए पथ पर चलने के लिए प्रचार को भी आधुनिक परिवेश के अनुसार के तैयार करना होगा तभी आर्य समाज की क्रांति पुनः शिखर की ओर अग्रसर होगी। श्री विनय आर्य जी ने कहा कि आदरणीय श्री योगेश मुंजाल जी तथा श्री आनन्द चौहान जी के मार्गदर्शन में उन्होंने जो सुझाव दिये है उन पर गम्भीरता पूर्वक कार्य योजना तैयार कर कार्य किए जायेंगे। यज्ञ पर हुए शोधों के परिणाम हमने आकर्षक प्रत्रक/हेन्ड बिल बनवाये है और उनसे प्रचारित किया जा रहा है। महर्षि दयानंद सरस्वती जी को श्रद्धांजलि देते हुए सूचित किया कि शीघ्र ही गोया में आर्य समाज की स्थापना हो जाएगी, स्थान चिन्हित कर अग्रिम राशि देदी गई है। गयाना, उत्तरी अमेरिका से आए,  विदेशों में वैदिक प्रचार प्रसार कर रहें, डॉ. सतीश प्रकाश जी ने कहा कि विदेशों में रह रहें भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों तथा विश्व भर से बहुत सारे वैज्ञानिक भी वेदोंनुसार यज्ञ पर जो शोध हो रहे हैं उसकी ओर आकर्षित हुए हैं। हमें हर संभव शुद्ध स्वरूप में यज्ञ करने की प्रेरणा देनी है और सम्पूर्ण मानवजाति को प्रेरित करना है तभी महर्षि देव दयानंद को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित होगी। आर्य सतीश चड्डा, महामंत्री, आर्य केंद्रीय सभा दिल्ली राज्य ने कहा की महर्षि देव दयानंद जी ने अपने गुरु के कहे अनुसार अपना सारा जीवन मानव कल्याण के लिए आहूत कर दिया तथा विश्व में फेले अंधविश्वास और पाखंड को दूर करने में लगा दिया। हमारा कर्तव्य और उद्देश्य भी होना चाहिए कि हम वर्तमान में जीवन व्यतीत कर रहे हैं लोग, भावी भविष्य में आने वाली मानव जाति को एक स्वच्छ, सुंदर वातावरण देकर जाएं और वह केवल यज्ञ से ही संभव है। हमें हर संभव शुद्ध देसी गाय का घी, सामग्री और समिधाओं से लोगों को विश्वस्त कर प्रेरित करना है इसके लिए सभी आयोजक प्रयासरत हैं। मैं उनको धन्यवाद करते हुए महर्षि देव दयानंद को श्रद्धांजलि देता हूं कि हम सब महर्षि के दिखाए पथ पर चलते हुए  मानव कल्याण की राह पर कदम बढ़ाए। इस अवसर पर श्रीमती हर्ष नारंग द्वारा महिला कार्यकर्ता पुरस्कार से श्रीमती इंदिरा शर्मा जी, इन्द्रपूरी, सम्मानित गया तथा डॉ. मुमुक्षु द्वारा गुरुदत्त विद्यार्थी स्मृति पुरस्कार से श्री हरि ओम आर्य जी, प्रधान, आर्य समाज मंगोलपुरी को प्रदान किया गया। गुमनाम सेवाएं देने के लिए श्री नरेंद्र गांधी जी को स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। आर्य केन्द्रीय सभा के प्रधान श्री सुरेंद्र कुमार रैली, उपप्रधान श्रीमती उषा किरण आर्य, श्री कीर्ति शर्मा, श्री अरूण प्रकाश वर्मा तथा जगदीश मलिक ने मंच की शोभा व व्यवस्था बढ़ी, उनका साधूवाद एवं धन्यवाद। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में श्रीमती सरोज यादव, सर्वश्री हरिओम बंसल,सुरेश चंद्र गुप्ता, मनीष भाटिया, सुरिन्द्र चौधरी, डॉ मुकेश आर्य, विरेन्द्र आर्य, गजेंद्र चौहान, आर्य संजीव कोहली , आर्य संजीव खेत्रपाल, अजय कालरा, अजय भाटिया, जयप्रकाश शास्त्री, अमित शर्मा के नेतृत्व में आर्य संदेश मिडिया केन्द्र के सहयोगियों तथा दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा कार्यालय के सहयोगियों का विशेष धन्यवाद, जिन्होंने व्यवस्था बनाने में में पूर्ण सहयोग दिया। एक रूप यज्ञ (600 कुण्ड) में आर्यजनों के साथ 378 आर्य वीरों तथा 50 आर्य वीरांगनाओं ने भाग लेकर महर्षि दयानंद जी को श्रद्धांजलि दी, धन्यवाद तथा शुभकामनाएं। कार्यक्रम को सफल बनाने में यज्ञ ब्रद्मा आ. दिनेश शास्त्री एवं आ. शिवा शास्त्री, दिल्ली प्रदेश के आर्य वीर दल के मंत्री, श्री बृहस्पति आर्य, 12 शिक्षकों, 13 संवर्धकों तथा आर्य वीरांगना दल की मन्त्रणि श्रीमती अमृता आर्य को बहुत-बहुत धन्यवाद। यज्ञ में आर्य वीर दल की शाखा मंगोलपुरी, जहांगीरपुरी, मॉडल टाउन, नजफगढ़, मलका गंज, रामा विहार, विकासपुरी, सागर पुर, मायापुरी, झिलमिल कॉलोनी, शास्त्री पार्क, दयानंद विहार तथा सूरजमल विहार और आर्य समाज प्रीत विहार, जनकपुरी  सी 3, आर्य गुरुकुल रानी बाग, आर्य कन्या गुरुकुल सैनिक विहार, आर्य गुरुकुल तिहाड़ ग्राम के वीरों ने भी आर्यजनों के साथ यज्ञ में भाग लिया, धन्यवाद एवं शुभकामनाएं! महर्षि दयानंद सरस्वती जी के जीवन के अंतिम क्षणों पर आधारित, अभिनित नाटिका को श्री राजू आर्य के निर्देशन में आर्य गुरुकुल तिहाड़ ग्राम तथा आर्य वीर दल कीर्ति नगर के वीरों ने चित्रण किया सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद एवं शुभाशीष!

 

139th Rishi Nirvan Diwas

52nd Varshik Mahotsav