
Udaipur
नवलखा महल उदयपà¥à¤°-राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨
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महतà¥à¤µ : सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•ाश की रचना, साढे छः मास तक ऋषि का निवास, सà¥à¤µà¥€à¤•ार पतà¥à¤° à¤à¥€ यहीं बनाया था।
19वीं सदी में बना नवलखा महल, कà¤à¥€ मेवाड़ के ततà¥à¤¤à¥à¤•ालीन शासक महाराणा सजà¥à¤œà¤¨ सिंह का मà¥à¤–à¥à¤¯ राजकीय अतिथि गृह हà¥à¤† करता था। महाराणा सजà¥à¤œà¤¨ सिंह के नासà¥à¤¤à¤¿à¤• जीवन में सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•ाश पà¥à¤•र तथा महरà¥à¤·à¤¿ के दरà¥à¤¶à¤¨ चितौड़ में करने के बाद विशेष शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾-à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ और महरà¥à¤·à¤¿ का सानिधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करके जà¥à¤žà¤¾à¤¨-विशेष पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ हेतà¥, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने महरà¥à¤·à¤¿ को उदयपà¥à¤° पधारने का निमंतà¥à¤°à¤£ दिया।
11 अगसà¥à¤¤ 1882 को महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी महाराणा के निमंतà¥à¤°à¤£ अनà¥à¤¸à¤¾à¤° सकà¥à¤¶à¤² उदयपà¥à¤° पहà¥à¤à¤š गये। महाराणा ने समारोह पूरà¥à¤£ सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया। उस समय महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ के निवास की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ इस नवलखा महल में की गयी। 10 अगसà¥à¤¤ 1882 से 27 फरवरी 1883 तक महरà¥à¤·à¤¿ नवलखा महल उदयपà¥à¤° में ठहरे।
पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨, शंका-समाधा, वेदà¤à¤¾à¤µà¥à¤¯, योग-धà¥à¤¯à¤¾à¤¨, शासà¥à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥ और महाराणा सजà¥à¤œà¤¨à¤¸à¤¿à¤‚ह को विशेष शिकà¥à¤·à¤¾ à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया करते थे। इसी महल में सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•ाश समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤¿à¤¤ कà¥à¤› अवशिषà¥à¤Ÿ कारà¥à¤¯ à¤à¥€ किया और अपना सà¥à¤µà¥€à¤•ार पतà¥à¤° à¤à¥€ बनवाकर अपनी उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•ारिणी सà¤à¤¾ परोपकारिणी का गठन करके सारी वसà¥à¤¤à¥à¤à¤‚ तथा अधिकार सà¤à¤¾ के नाम किया। लगà¤à¤— साà¥à¥‡ छः मास तक महरà¥à¤·à¤¿ नवलखा महल में ठहरे थे।
देश आजाद होने पर जब राजे-रजवाड़ों की समà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ सरकारी कबà¥à¤œà¥‡ में चली गयी, तब नवलखा महल à¤à¥€ सरकारी समà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ होने के कारण, इस महल में आबकारी विà¤à¤¾à¤— और सेलà¥à¤¸ टैकà¥à¤¸ के कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ खोल दिये गये। 1982 में सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥-पà¥à¤°à¤•ाश की रचना के 100 वरà¥à¤· पूरà¥à¤£ के उपलकà¥à¤· में सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•ाश समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ हà¥à¤†à¥¤
उस समय आरà¥à¤¯ समाजियों ने सरकार से यह महल शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥ दयाननà¥à¤¦ सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•ाश नà¥à¤¯à¤¾à¤¸ उदयपà¥à¤° को देने की मांग की। आरà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की सतत साधन व पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ के कारण 1992 में ततà¥à¤•ालीन मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¥€ à¤à¥ˆà¤°à¥‹à¤¸à¤¿à¤‚ह शेखावत ने नवलखा महल सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•ाश नà¥à¤¯à¤¾à¤¸ उदयपà¥à¤° को सौंप दिया। उसके बाद पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ à¤à¤µà¤¨ के उदà¥à¤§à¤¾à¤° हेतॠविशेष पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया गया तथा नये à¤à¤µà¤¨ और यजà¥à¤žà¤¶à¤¾à¤²à¤¾ आदि का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ à¤à¥€ करवाया गया।
वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समय में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤¤à¤° का सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•ाश समà¥à¤¬à¤‚धित कारà¥à¤¯ होते है, वारà¥à¤·à¤¿à¤• उतà¥à¤¸à¤µ-फरवरी में, सतà¥à¤¸à¤‚ग, यजà¥à¤ž और उदयपà¥à¤° शहर व आस-पास के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में वैदिक धरà¥à¤®, सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•ाश आदि का विशेष पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° आदि कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® होते है। मासिक पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा का पà¥à¤°à¤•ाशन। पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ à¤à¤µà¤¨ में शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥ दयाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ की चितà¥à¤°à¤¾à¤µà¤²à¥€ आदि à¤à¥€ लगा रखी है।
नवलखा महल-गà¥à¤²à¤¾à¤¬à¤¬à¤¾à¤—-उदयपà¥à¤° शहर के ठीक मधà¥à¤¯ में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ है। बहà¥à¤¤ आकरà¥à¤·à¤• और सौनà¥à¤¦à¤°à¥à¤¯ पूरà¥à¤£ गà¥à¤²à¤¾à¤¬ बाग के सà¥à¤µà¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤µ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥ दयाननà¥à¤¦ सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•ाश नà¥à¤¯à¤¾à¤¸ उदयपà¥à¤° के पास सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ है।
आज तक-जितनी à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं में सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•ाश आजतक-जितनी à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं में सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•ाश पà¥à¤°à¤•ाशित हà¥à¤ हैं नà¥à¤¯à¤¾à¤¸ उदयपà¥à¤° के पास सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ है।